इल्तुतमिश ने पुत्री रजिया को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया।
रजिया को 1236 ई. में जनता तथा अमीरों द्वारा गद्दी पर बैठाया गया।
रजिया पर्दा प्रथा को त्यागकर पुरुषों की तरह कोट पहन कर खुले मुँह राजदरबार जाने लगी।
रजिया ने याकूत को अमीर- ए-आखूर नियुक्त किया।
रजिया ने अल्तूनिया को तबरहिंद (भटिण्डा) का अक्तादार नियुक्त किया।
रजिया ने अल्तूनिया से विवाह किया।
बहरामशाह ने कैथल के समीप कुछ हिन्दू डाकुओं द्वारा रजिया की हत्या करा दी।
दिल्ली सल्तनत की प्रथम तुर्क महिला शासक रजिया थी।
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