गयासुद्दीन बलबन इल्बरी जाति का था।
बलबन को ख्वाजा जमालुद्दीन बसरी खरीदकर दिल्ली लाया था।
इल्तुतमिश ने बलबन को ग्वालियर विजय के उपरान्त खरीदा।
रजिया के शासन काल में बलबन अमीर-ए-शिकार पद पर था।
इल्तुतमिश द्वारा स्थापित चालीसा दल को बलबन ने समाप्त किया।
बंगाल की राजधानी लखनौती को बलबन के समय विद्रोहों का नगर कहा जाता था।
सिजदा और पाबोस के प्रचलन को अनिवार्य बना दिया।
मेवाड़ियों के विद्रोह का दमन गयासुद्दीन बलबन ने किया।
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