मधुमक्खी का वैज्ञानिक नाम एपिस मेलिफेरा लिनिअस है।
मधुमक्खी को दक्षिण भारत में 'सारंग' तथा राजस्थान में 'मोम माखी' कहते हैं।
मधुमक्खी अपनी पूरी जिंदगी में कभी सोती नही हैं।
मादा मधुमक्खी ही शहद बनाती है और डंक मारती हैं।
मधुमक्खी को 1 किलो शहद बनाने के लिए लगभग 40 लाख फूलों का रस चूसना पड़ता है।
मधुमक्खी फूलों की तलाश में छत्ते से 10 किलोमीटर दूर तक चली जाती है।
मधुमक्खी एक बार में 50 से 100 फूलों का रस अपने अंदर इकट्ठा कर सकती है।
मधुमक्खियां 45 से 50 दिनों तक ही जीवीत रहती हैं।