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Sunit Singh

संघ एनेलिडा

एनेलिडा शब्द लैमार्क ने दिया था।

रुधिर लाल होता है एवं तंत्रिका तंत्र सा धारण होता है।

उत्सर्जी अंग वृक्क के रूप में होते हैं।

एकलिंगी एवं उभयलिंगी दोनों प्रकार के होते हैं।

शरीर लम्बा, पतला, द्विपार्श्व सममित तथा खण्डों में बँटा हुआ होता है।

आहारनाल पूर्णतः विकसित होता है।

केंचुए में चार जोड़ी हृदय होते हैं। इसके जीवद्रव्य में हीमोग्लोबिन का विलय हो जाता है।

श्वसन प्रायः त्वचा के द्वारा, कुछ जन्तुओं में क्लोम के द्वारा होता है।

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