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Sunit Singh

ऐस्केल्मिन्थीस

इसे निमैटी हेल्मिन्थीस भी कहते हैं।

आहारनाल स्पष्ट होती है, जिसमें मुख तथा गुदा दोनों ही होते हैं।

परिवहन अंग तथा श्वसन अंग नहीं होते, परन्तु तंत्रिका तंत्र विकसित होता है।

उत्सर्जन प्रोटोनफ्रीडिया द्वारा होता है।

ये एकलिंगी होते हैं।

ये लम्बे, बेलनाकार, अखण्डित कृमि होते हैं

शरीर द्विपार्श्व सममित, त्रिस्तरीय होते हैं।

जैसे-गोलकृमि, एस्केरिस, थ्रेडवर्म, वुचरेरिया।

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