स्कुग व मिलर ने साइटोकाइनेसिस को बढ़ावा देने वाले पदार्थ का क्रिस्टलीकरण किया तथा काइनेटिन नाम दिया।
यह एडेनिन का रूपांतरित रूप है, इसे ऑटोक्लेव्ड हेरिंग के शुक्राणु से खोजा गया था।
प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाले साइटोकाइनिन जिएटिन को मक्का के अष्ठि तथा नारियल दूध से अलग किया गया था।
तीव्र कोशिका विभाजन के भाग जैसे मूल शिखाग्र, परिवर्धनशील प्ररोह, कलिकाएँ, तरूण फलों में संश्लेषित होता है।
नए पर्ण, पर्णों में हरित लवक, पार्श्वी प्ररोह वृद्धि तथा अपस्थानिक प्ररोह निर्माण में सहायक होता है।
शीर्ष प्रभाविता को कम करता है।
पोषक तत्वों की गति को प्रोत्साहित करता है।
पर्ण जरावस्था को रोकने में सहायक होता है।