यह आकर्षी या प्रतिकर्षी हो सकते हैं।
यह व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन करता है
यह बल माध्यम पर निर्भर करता है
यह एक दीर्घ परास बल है।
विनिमय कण फोटॉन कहलाते हैं।
सभी सम्पर्क बल जैसे तनाव, घर्षण, पृष्ठ तनाव इत्यादि विद्युत चुम्बकीय बल हैं।
यह गुरुत्वाकर्षण से 10^36 गुना अधिक है
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