ओडिशा के ओड़िसी को सबसे पुराने जीवित नृत्य रूपों में से एक माना जाता है।
ओड़िसी का नाम संस्कृत शब्द "ओड़िसी" से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है "उड़ीसा से संबंधित"।
यह नृत्य ओड़िसा राज्य के सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।
ओड़िसी के प्रमुख कलाकारों में सोनल मानसिंग, केलुचरी माहापात्रा, गुरुकुल देव, आरा चक्रवर्ती, हैं।
यह नृत्य की विशेषता इसमें नृत्य,अभिनय, और संगीत के महारूपी संगम में है।
ओड़िसी को "ओड़िसी नृत्य" भी कहा जाता है।
ओड़िसी नृत्य के जनक के रूप में गुरु केलुचरी महापात्रा को माना जाता है।
ओड़िसी की मूल शैली "त्रिभंगी" और "चतुर्भुज" प्रधान है, जिसमें शरीर की गतियों को सुंदरता से प्रस्तुत किया जाता है।