भारतीय संविधान विश्व का सबसे लम्बा ,बड़ा ,विस्तृत लिखित संविधान हैं।
भारत का संविधान कठोर एवं लचीला दोनों हैं।
भारत के संविधान में धर्मनिरपेक्ष का अर्थ है कि सरकार का कोई धर्म नहीं है।
वह किसी भी धर्म कि किसी भी विषय पर निरपेक्ष रहेगी।
केंद्र सरकार और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन करती है।
न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लक्ष्यों और मूल्यों को रेखांकित करता है।
सामाजिक और आर्थिक मामलों पर गैर-बाध्यकारी दिशानिर्देश प्रदान करता है।
सभी वयस्क नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के वोट देने का अधिकार है।