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Sunit Singh

किण्वन

किण्वन में यीस्ट द्वारा ग्लूकोज का अनॉक्सी परिस्थितियों में अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।

पायरूवेट डिकार्बोक्सिलेज तथा ऐल्कोहॉल डिहाइड्रोजिनेज एंजाइम की सहायता से CO2 तथा एथेनॉल उत्पन्न करता है।

जीवाणु तथा जंतु कोशिकाओं में पायरूवेट, लैक्टेट डिहाइड्रोजिनेज द्वारा लैक्टिक अम्ल में अपचायित हो जाता है।

ग्लूकोज में 7% से कम ऊर्जा मुक्त होती है

 अम्ल या ऐल्कोहॉल बनने पर यह प्रक्रिया खतरनाक होती है।

व्यायाम के दौरान मांसपेशियों को जब कोशिकीय श्वसन के लिए ऑक्सीजन की कमी होती है

जब ऐल्कोहॉल की सांद्रता लगभग 13% पहुँचती है

तो स्वयं के विष से यीस्ट की मृत्यु हो जाती है।

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