एण्टीबॉयोटिक्स औषधियाँ अत्यन्त सूक्ष्म जीवाणुओं से बनाई जाती हैं।
एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1929 में पहली एण्टीबॉयोटिक औषधि पेनिसिलीन का आविष्कार किया।
ये औषधियाँ सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने व उनकी वृद्धि को रोकने में सहायक होती हैं।
ये घाव आदि भरने के लिए विशेष रूप से प्रयुक्त की जाती है। सेमिनवास, लिस्टर, कोच आदि आधुनिक एण्टीसेप्टिक औषधियाँ तैयार करने में प्रयुक्त की जाती है।
इसका उपयोग शरीर दर्द व बुखार आदि उतारने में किया जाता है।
यह जहर प्रतिरोधी के रूप में प्रयुक्त की जाने वाली दवा है।
ऐसे यौगिक जो ट्यूमर और कैंसर उत्पन्न करते हैं कारसिनोजेनिक कहलाते हैं
यह एक उजला ठोस होता है जो कि सर्दी तथा दमा के उपचार के रूप में प्रयुक्त होता है।