आइये मै आपको कोदऊ सिंह के बारे में जानकारी देता हूँ
वाजिद अलीशाह के दरबार में रहते थे - बिन्दादिन (कथक) व कोदऊ सिंह (पखावजी)
कथक नृत्य में ठुमरी गायन का समावेश किया - अवध के बिन्दादिन ने
शाहजहाँपुर व इटावा (गौरीपुर) घराना प्रसिद्ध है - सरोदवादन के लिए
अजराड़ा (मेरठ) घराना प्रसिद्ध है - तबला वादन के लिए
तबले के लखनऊ घराने का सूत्रपात किया - मोदू व बख्शूर खाँ ने
तबले के वाराणसी घराने का सूत्रपात किया - पं. रामसहाय ने
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