आइए पत्ती के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पत्ती प्रायः चपटी संरचना होती है, यह गाँठ पर होती है और इसके कक्ष में कली होती है।
यह प्ररोह शीर्ष विभज्योत्तक से उत्पन्न होती है तथा अग्राभिसारी रूप में लगी रहती हैं।
इसके 3 भाग होते हैं- पर्णाधार, पर्णवंत तथा स्तरिका ।
पर्णाधार पर उपस्थित दो पार्श्व छोटी पत्ती जैसी संरचनाएं अनुपर्ण कहलाती हैं।
एकबीजपत्री. में पूर्णाधार चादर की तरह फैलकर तने को पूरा अथवा आंशिक रूप से ढँक लेता है।
फलीदार एवं कुछ अन्य पादपों में पर्णाधार फूल जाता है, उसे पर्णवृततल्प कहते है।
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