महायान इसका संशोधित रूप था।
ये बुद्ध की देवीतुल्य उपासना करते थे।
ये बोधिसत्व में विश्वास करते थे।
इनकी धार्मिक ग्रन्थ संस्कृत भाषा में है।
ये गृहस्थ जीवन पर बल देता है।
मूर्ति पूजा के समर्थक थे।
मांस खाना वर्जित नहीं था
पढ़ाई नालंदा विश्वविद्यालय से