कथक उत्तर भारत का एक प्रमुख लोक नृत्य है।
कथक शब्द संस्कृत भाषा का है और इसका अर्थ होता है "कथा" या "कहानी"।
कथक नृत्य का मुख्य उद्देश्य किसी कहानी को नृत्य द्वारा व्यक्त करना है।
कथक के प्रसिद्ध कलाकारों में पंडित बिरजू माहाराज, पंडित गोविन्द चाटुर्लाल, पंडित बिरू साहेब, शोवना नारायण हैं।
कथक एक उत्तर भारतीय शैली का नृत्य है जिसमें तेज, छायादार, और गतिशील नृत्य तकनीकें होती हैं।
कथक को "कथक नृत्य" भी कहा जाता है।
महाराजा मान सिंह को कथक का जनक माना जाता है।
कथक की मूल शैली लक्षण प्रधान है, जिसमें गति, छंद, छाया, ताल, लय, भाव, और भाषा का महत्वपूर्ण संगम होता है।