Presented By:

Sunit Singh

Title 1

ये तर्कु आकृति की होती हैं

ये स्वायत तत्रिका तंत्र द्वारा प्रेरित होती हैं

इनके सिरे अवरोही/पतले होते हैं

रेशे अशाखित होते हैं

ये एकल रूप से, आवरणों में व छोटे बंडलों में पाए जाते हैं

रूधिर आपूर्ति कम होती है

अनैच्छिक प्रकृति होती है

कृपया इस जानकारी को अपने सभी सहपाठियों तक अवश्य पहुंचाएं

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