रहने तथा खाने की मुफ्त व्यवस्था होती है
परजीवी पोषी विशिष्ट अर्थात् सह विकसित होते है
मानव यकृत पर्णाभ (फ्लूक) अपने जीवन को पूर्ण करने के लिए घोंघा तथा मछली पर आश्रित होता है
परजीवी पोषी की उत्तरजीविता, वृद्धि और जनन को कम कर सकते है जो इन्हे कमजोर बनाता है
पक्षियों में अंड परजीविता उदाहरणः कोयल तथा कौआ।
परजीवी पक्षी के अंडे का आकार व रंग में परपोषी के अंडो के सदृश विकसित हो गए।
बाह्य परजीवी पोषी के सतह पर तथा अंतः परजीवी पोषी में पाए जाते हैं
अत्यधिक विशिष्ट होने के कारण अंतः परजीवी का जीवन चक्र अधिक जटिल होते है।