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Sunit Singh

रोडोफाइसी

  लाल शैवाल के शरीर का लाल रंग लाल वर्णक r-फाइकोइरिथीन के कारण होता है।

इसमें क्लोरोफिल a तथा b होता है।

कोशिका भित्ति सेलुलोज, पेक्टिन तथा पॉलिसल्फेटेड एस्टर की बनी होती है।

अधिकांश लाल शैवाल समुद्र में पाए जाते है और इनकी बहुलता समुद्र के        गरम क्षेत्र में अधिक होती है।

ये अधिकांशतः बहुकोशिकीय होते है इनमें    से कुछ की संरचना बड़ी जटिल होती है।

   अलैंगिक बीजाणु तथा युग्मक अगतिशील होते हैं।

लैंगिक जनन ऊगैमस होता है तथा इसके     पश्चात् निषेचनोत्तर परिवर्धन होता है।

उदाहरण- पोलीसाइफोनिया, पोरफायरा,         ग्रेसिलेरिया, जिलेडियम इत्यादि

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