Presented By:

Sunit Singh

स्पर्धा

डार्विन ने कहा कि जैव विकास में अंतरजातीय स्पर्धा एक शक्शिाली बल है

पूर्ण रूप से असंबंधित जाति समान संसाधन के लिए स्पर्धा कर सकती हैं

एक जाति की योग्यता (वृद्धि की इंट्रीजिक दर 'r' के रूप में) दूसरी जाति की उपस्थिति में महत्वपूर्ण रूप से घट जाती है

स्पर्धी मोचनः उत्तम जाति को हटा दिए जाने से वितरण परास नाटकीय रूप से बढ़ता है।

उदाहरणः बैलेनस तथा चैथेमैलस

गॉस के स्पर्धी अपवर्तन सिद्धांत उदाहरण गैलोपैगो द्वीप में पाए जाने वाला एबिग्डन कछुआ तथा बकरी ।

संसाधन विभाजन द्वारा सह अस्तित्व होता है।

उदाहरणः- बार्बलर की 5 निकटरूप से संबंधित जाति ।

Thanks for Watching