यह वह बल है जो न्यूक्लिऑन्स को प्रोटॉन तथा प्रोटॉन के मध्य प्रबल प्रतिकर्षण के विरुद्ध नाभिक के अन्दर बांधता है।
यह आवेश पर निर्भर नहीं करता है
यह सर्वाधिक प्रबल बल है जो कि स्थिर विद्युत बल की अपेक्षा 100 गुना प्रबल है तथा दुर्बल नाभिकीय बल की अपेक्षा 10^13 गुना प्रबल है।
यह एक लघु परास बल है अर्थात् 10 ^(-15) m की कोटि की दूरी तक प्रभावी है।
यह सामान्यतः आकर्षित बल है। हालाकि जब दूरी 0.8 फर्मी से कम होती है, तब ये प्रतिकर्षी हो जाते हैं।
यह अकेन्द्रीय बल है।
यह असंरक्षी बल है
विनिमय कण- π मेसॉन कहलाते हैं।