Presented By:

Sunit Singh

टेरिडोफाइट्स

उ‌द्विकासिय रूप से ये पहले स्थलीय पादप है।

जिसमें संवहन ऊतक होता है।

ठंडी, आर्द्र छायादार स्थनों में पाए जाते है।

हालांकि कुछ रेतीली मिट्टी में भी अच्छी तरह उगते हैं।

मुख्य पादप काय बीजाणु-उ‌द्भिद (2n) होता है जिसमें वास्तविक मूल, तना तथा पर्ण होते हैं।

पर्ण, सिलेजिनैला में छोटे (लघुपर्णा)    या फर्न में बड़े (वृहत्पर्ण) होते हैं।

बीजाणुद्भिद (स्पोरोफाइट) में बीजाणुधानी होती है जो बीजाणुपर्ण पर लगे होते हैं..

जो सघन होते हैं जिसे स्ट्रोबिलाई या शंकु   कहते है जैसे सिलेजिनैला, इक्वीसिटम।

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