यह एक प्रकार की घड़ी होती है जो जलयानों पर लगी होती है।
इसके द्वारा किसी स्थान पर उत्तर, दक्षिण, आदि दिशाओं का ज्ञान प्राप्त किया जाता है।
इससे हृदय रोग से ग्रसित व्यक्ति की हृदय गति की जांच को जाती है।
इसके द्वारा बेलनाकार वस्तुओं के अन्दर तथा बाहर के व्यास मापे जाते हैं तथा इससे वस्तु की मोटाई भी मापी जाती है।
इससे दूर स्थित वस्तुएं स्पष्ट देखी जा सकती है।
इससे ऊष्मा की मात्रा मापी जाती है।
यह उपकरण वायु दाब मापने के काम आता है।
इसका उपयोग विद्युत आवेश के मापन के लिए किया जाता है।