नयी या पुरानी वस्तुएँ जो उस वर्ष उत्पादित नहीं है, जिस वर्ष राष्ट्रीय आय की गणना की जा रही है।
वित्तीय सौदे, शेयर, ऋणपत्र आदि का क्रय-विक्रय, इनका राष्ट्रीय उत्पाद पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता।
विदेशों से प्राप्त उपहार
हस्तान्तरण भुगतान जैसे- वृद्धावस्था पेंशन, बेरोजगारी भत्ता एवं अन्य निःशुल्क सेवायें।
परोक्ष कर, सकल उत्पाद में सम्मिलित होता है पर राष्ट्रीय आय में नहीं जोड़ा जाता।
विदेशी तकनीकी विशेषज्ञों को दिया गया वेतन।
भारत में विदेशी बैंकों तथा संस्थानों द्वारा अर्जित लाभ।
एक फर्म द्वारा दूसरे को दिया जाने वाला लाभांश मध्यवर्ती वस्तुएँ जो अन्य वस्तुओं को तैयार होने में आगत के रूप में प्रयुक्त होती है।