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Sunit Singh

कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य (415-454 ई.)  राजगद्दी  पर  बैठा।

कुमारगुप्त  की  623 मुद्रायें बयाना-मृद्भाण्ड से मिली हैं।

कुमारगुप्त की मयूर मुद्रा     विशेष शैली की थी।

कुमार गुप्त के सिक्कों से पता चलता है  कि  उसने अश्वमेध  यज्ञ किया था।

कुमार गुप्त  ने श्री महेन्द्र, महेन्द्रादित्य तथा अश्वमेध  महेन्द्र की  उपाधियाँ धारण  की।

ह्वेनसांग के अनुसार नालंदा बौद्ध विहार      का निर्माण शक्रादित्य ने कराया।

   नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना कुमारगुप्त ने की थी। 

इस विश्वविद्यालय को ऑक्सफोर्ड ऑफ महायान बौद्ध कहा जाता है।

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