शेरशाह ने शिकदारों को नियंत्रित करने के लिए अमीन-ए-बंगला की नियुक्ति की।
शेरशाह को अकबर का अग्रदूत भी कहा जाता है।
शेरशाह के समय कालिंजर का शासक कीरता सिंह था।
मृत्यु के समय शेरशाह उक्का नामक आग्नेयास्त्र चला रहा था।
शेरशाह ने अपने संपूर्ण साम्राज्य को 47 सरकारों में विभाजित किया था।
शेरशाह के समय स्थानीय करों को आबवाब कहा गया।
शेरशाह के शासनकाल में 23 टकसालें थीं।
शेरशाह ने पाटलिपुत्र का नाम पटना रखा।
शेरशाह ने सिक्कों पर अपना नाम अरबी एवं देवनागरी लिपि में खुदवाया।
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