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Sunit Singh

  समुद्रगुप्त के बाद राजगद्दी पर चन्द्रगुप्त-II  (380-415 ई.) बैठा।

चन्द्रगुप्त-II  को देवराज एवं देवगुप्त       के नाम से भी जाना जाता है।

शकों को पराजित करने की स्मृति में चन्द्रगुप्त-II ने विशेष चाँदी  के सिक्के जारी किये।

कालिदास चन्द्रगुप्त-II  के दरबार में रहते थे।

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने अपनी पुत्री प्रभावती गुप्त का विवाह वाकाटक नरेश रुद्रसेन से किया।

रुद्रसेन की मृत्यु के बाद चन्द्रगुप्त -II  ने अपनी दूसरी राजधानी उज्जैन में बनाई।

चन्द्रगुप्त द्वितीय का अन्य नाम देवगुप्त,  देवराज,  देवश्री  थी।

चन्द्रगुप्त द्वितीय  के शासन  काल में चीनी यात्री फाह्यान भारत आया था।

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