शाहजहाँ फरवरी 1628 ई. में राजगद्दी पर बैठा।
शाहजहाँ का वास्तविक नाम शाहजादा खुर्रम था।
शाहजहाँ का विवाह अर्जुमन्द बानो बेगम से हुआ था।
अर्जुमन्द बानो बेगम को शाहजहाँ ने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की।
अर्जुमन्द बानो बेगम को मुमताज महल के नाम से जाना जाता है।
शाहजहाँ ने मुमताज की याद में ताजमहल के नाम से स्मारक बनवाया।
शाहजहाँ ने महावत खाँ को खानखाना की उपाधि प्रदान की।
शाहजहाँ ने ‘इलाही संवत’ के स्थान पर ‘हिजरी संवत’ चलाया।
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