मुगल साम्राज्य: जहाँगीर (1605-1627 ई.)

जहाँगीर (1605-1627 ई.)

• जहाँगीर का वास्तविक नाम सलीम था।

• जहाँगीर की माँ का नाम मरियम उज्जमानी था।

• अकबर सलीम को शेखो बाबा नाम से पुकारता था।

• जहाँगीर के गुरु अब्दुर्रहीम खानखाना थे।

• जहाँगीर का विवाह राजा भगवान दास की पुत्री मानबाई से तथा मोटा राजा उदय सिंह की पुत्री जगत गोसाई से हुआ था।

• ‘मानबाई’ को सलीम ने ‘शाह बेगम’ की उपाधि दी थी। किन्तु बाद में उसने सलीम की आदतों से दुखी होकर आत्महत्या कर ली थी।

• जहाँगीर 21 अक्टूबर, 1605 ई. को गद्दी पर बैठा।

• जहाँगीर का राज्याभिषेक नूरुद्दीन मुहम्मद जहाँगीर बादशाह गाजी के नाम से आगरा में हुआ।

• जहाँगीर ने न्याय की जंजीर आगरा किले के शाहबुर्ज पर एवं यमुना तट पर लगवाई थी। न्याय की जंजीर में 60 घंटियां थीं।

• लोक कल्याण के उद्देश्य से सम्बन्धित 12 आदेशों की घोषणा जहाँगीर ने करवाई।

• जहाँगीर का प्रथम आदेश तमगा नामक कर वसूली पर प्रतिबन्ध था।

• जहाँगीर का पाँचवाँ आदेश शराब एवं अन्य मादक पदार्थों की बिक्री एवं निर्माण पर प्रतिबन्ध था।

• सप्ताह में गुरुवार एवं रविवार के दिन पशु हत्या पर प्रतिबन्ध था।

• जमानबेग को महावत खाँ की उपाधि दी गई।

• जहाँगीर का सबसे बड़ा पुत्र खुसरो था।

• खुसरो ने 1606 ई. में जहाँगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया।

• खुसरो की हत्या शाहजहाँ ने करवाई।

• सम्राट जहाँगीर एवं राणा अमर सिंह के बीच 1615 ई. में संधि हुई।

• जहाँगीर के समय अहमदनगर का वजीर मलिक अम्बर था।

• गुरिल्ला युद्ध पद्धति की शुरुआत मलिक अम्बर ने की।

• मलिक अम्बर ने जंजीरा द्वीप पर नौसेना गठित की थी।

• 1616 ई. में शहजादा खुर्रम को दक्षिण अभियान के लिये भेजा गया।

• शहजादा खुर्रम को शाह सुल्तान की उपाधि दी गई थी।

• जहाँगीर ने खुर्रम की दक्षिण विजय से खुश होकर उसे शाहजहाँ की उपाधि दी।

• शाहजहाँ ने दक्षिण का सूबेदार अब्दुर्रहीम खानखाना को बनाया।

• नूरजहाँ ईरानी मिर्जा ग्यासबेग की पुत्री थी।

• नूरजहाँ का वास्तविक नाम मेहरुन्निसा था।

• मेहरुन्निसा ‘अली कुली खां’ (शेर अफगान) की विधवा थी।

• जहाँगीर ने मेहरुन्निसा को सर्वप्रथम नौरोज त्योहार के अवसर पर देखा था।

• जहाँगीर की शादी मेहरुन्निसा से 1611 ई. में हुई।

• जहाँगीर ने शादी के बाद मेहरुन्निसा को नूरमहल एवं नूरजहाँ की उपाधि प्रदान की।

• नूरजहाँ को बादशाह की बेगम 1613 ई. में बनाया गया।

• जहाँगीर ने नूरजहाँ के पिता ग्यासबेग को एत्मादुद्दौला की उपाधि प्रदान की।

• नूरजहाँ की माँ का नाम अस्मत् बेगम था।

• सर्वप्रथम इत्र बनाने की कला अस्मत् बेगम ने विकसित की।

• जहाँगीर एवं नूरजहाँ को महावत खाँ ने बन्दी बनाया था।

• जहाँगीर के दरबार में विलियम हॉकिन्स, विलियम फिन्च, सर टॉमस रो एवं एडवर्ड टैरी, यूरोपीय यात्री आये थे।

• जहाँगीर के पाँच पुत्र थे।

• लाडली बेगम नूरजहाँ की पुत्री थी।

• लाडली बेगम की शादी शहरयार के साथ हुई।

• मुगल चित्र कला अपने चरमोत्कर्ष पर जहाँगीर के काल में पहुँची।

• मुगल चित्र कला अपने चरमोत्कर्ष पर जहाँगीर के काल में पहुँची।

• जहाँगीर के दरबार में प्रमुख चित्रकार मंसूर, विशनदास, मनोहर, अकारिजा एवं अबुल हसन थे।

• कश्मीर का शालीमार बाग जहाँगीर ने लगवाया।

• ‘इकबालनामा-ए-जहाँगीरी’ मौतमिद खाँ ने लिखा।

• जहाँगीर एवं एत्मादुद्दौला का मकबरा नूरजहाँ ने बनवाया।

• जहाँगीर की मृत्यु नवम्बर, 1627 में भीमवार नामक स्थान पर हुई।

• जहाँगीर को रावी नदी के किनारे शाहादरा में दफनाया गया।

• शाहजहाँ नूरजहाँ को दो लाख रुपया वार्षिक पेंशन देता था।

शाहजहाँ ( 1628 ई. -1658 ई.)

• शाहजहाँ फरवरी 1628 ई. में राजगद्दी पर बैठा।

• शाहजहाँ का वास्तविक नाम शाहजादा खुर्रम था।

• शाहजहाँ का विवाह अर्जुमन्द बानो बेगम से हुआ था।

• अर्जुमन्द बानो बेगम को शाहजहाँ ने मलिका-ए-जमानी की उपाधि प्रदान की।

• अर्जुमन्द बानो बेगम को मुमताज महल के नाम से जाना जाता है।

• शाहजहाँ ने मुमताज की याद में ताजमहल के नाम से स्मारक बनवाया।

• मुमताज महल आसफ खाँ की पुत्री थी।

• शाहजहाँ ‘अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी’ उपाधि के साथ गद्दी पर बैठा।

• शाहजहाँ ने महावत खाँ को खानखाना की उपाधि प्रदान की।

• 1632 ई. में पुर्तगालियों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए शाहजहाँ ने उनके हुगली व्यापारिक केन्द्र पर अधिकार कर लिया।

• सिखों के छठे गुरु गुरु हरगोविन्द का शाहजहाँ से संघर्ष हुआ।

• शाहजहाँ ने दक्षिण का सूबेदार औरंगजेब को नियुक्त किया।

• औरंगजेब ने दक्षिण की राजधानी औरंगाबाद को बनाई।

• खानदेश की राजधानी बुरहानपुर थी।

• औरंगजेब ने दक्षिण भारत को चार सूबों में बाँटा।

• बरार की राजधानी इलिचपुर थी।

• तेलंगाना की राजधानी नान्देड़ थी।

• औरंगजेब ने दक्षिण में भू-राजस्व व्यवस्था का दायित्व मुर्शिद कुली खाँ को सौंपा। मीर जुमला का वास्तविक नाम मीर मोहम्मद सैय्यद था।

• मीर जुमला ने शाहजहाँ को ‘कोहिनूर’ हीरा भेंट किया था।

• शाहजहाँ ने मीर जुमला को दक्षिणी सूबों का प्रधानमंत्री पद दिया था।

• मुगल आधिपत्य के समय गोलकुण्डा विश्व के सबसे बड़े हीरा विक्रेता बाजार के रूप में प्रसिद्ध था।

• शाहजहाँ ने मध्य एशिया विजित करने के लिये शहजादा मुराद एवं औरंगजेब को भेजा।

• औरंगजेब पहली बार 1636 से 1644 ई. तक, फिर 1652 से 1657 ई. तक दक्षिण का सूबेदार रहा।

• शाहजहाँ की सात (चार लड़के एवं तीन लड़कियाँ) सन्तानें थी।

• शाहजहाँ के चारों पुत्रों में सर्वाधिक उदार दारा शिकोह था।

• शाहजहाँ ने दारा शिकोह को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था।

• शाहजहाँ ने मयूर सिंहासन का निर्माण बेबादल खाँ से करवाया।

• मुगल शासक शाहजहाँ को निर्माताओं का राजकुमार कहा जाता है।

• वास्तुकला की दृष्टि से शाहजहाँ का काल स्वर्णयुग कहलाता है।

• विश्व का सबसे महंगा कोहिनूर हीरा शाहजहाँ के तख्तेताउस (मयूर सिंहासन) में लगा था।

• दिल्ली की जामा मस्जिद शाहजहाँ ने बनवाई।

• शाहजहाँ ने दाम और आधा के मध्य “आना” का नये सिक्के का प्रचलन करवाया।

• लगान वसूली की ठेकेदारी प्रथा का आरम्भ शाहजहाँ ने किया।

• शाहजहाँ ने 1636-37 में ‘सिजदा’ एवं ‘पाबोस’ प्रथा समाप्त कर दी।

• शाहजहाँ ने ‘इलाही संवत’ के स्थान पर ‘हिजरी संवत’ चलाया।

• ‘गंगा लहरी’ तथा ‘रस गंगाधर’ के लेखक पंडित जगन्नाथ शाहजहाँ के राजकवि थे। चिन्तामणि, कबीन्द्राचार्य और सुन्दरदास भी शाहजहाँ के दरबार में हिन्दू लेखक थे।

• ‘दक्षिण का टोडरमल’ मुर्शिद कुली खाँ को कहा जाता है।

• शाहजहाँ के शासन के 20 वर्षों का इतिहास अब्दुल हमीद लाहौरी ने ‘पादशाहनामा’ में लिखा।

• महाभारत का फारसी अनुवाद ‘रज्मनामा’ के नाम से किया गया।

• मुगल काल में संगमरमर जोधपुर के मकराना से लाया जाता था।

• शाहजहाँ के दरबार के प्रमुख चित्रकार मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम थे।

• शाहजहाँ ने ताजमहल का निर्माण उस्ताद इसा खाँ की देख-रेख में कराया।

• ताजमहल का नक्शा (खाका) उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था।

• शाहजहाँ ने लाहौरी को नादिर-उल-अम्र की उपाधि दी थी।

• शाहजहाँ के बीमार पड़ने पर प्रथम उत्तराधिकार युद्ध फरवरी 1658 ई. में बहादुरपुर में हुआ।

• उत्तराधिकार की अन्तिम लड़ाई अप्रैल 1659 ई. में दारा एवं औरंगजेब के बीच हुई।

• दारा को इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के आरोप में मृत्युदण्ड दिया गया।

• औरंगजेब ने शाहजहाँ को कैद कर आगरा के किले में रखा था।

• शाहजहाँ की मृत्यु जनवरी 1666 ई. में हुई।

• शाहजहाँ की अर्थी को साधारण नौकरों एवं हिजड़ों ने कंधा दिया।

औरंगजेब (1658 ई.-1707 ई.)

• औरंगजेब सर्वप्रथम जुलाई 1658 ई. को गद्दी पर बैठा।

• औरंगजेब का दूसरी बार राज्याभिषेक जून 1659 ई. में हुआ।

• औरंगजेब मुमताज महल का पुत्र था।

• औरंगजेब ने प्रथम युद्ध ओरछा के जुझार सिंह के विरुद्ध लड़ा था।

• औरंगजेब ने 1668 ई. में हिन्दू-त्यौहारों और उत्सवों को मनाये जाने पर रोक लगा दी।

• पुरन्दर की सन्धि 1665 ई. में शिवाजी एवं जयसिंह के बीच हुई।

• मदन्ना और अकन्ना गोलकुण्डा के शासक अबुल हसन के मन्त्री थे।

• शिवाजी को कैद कर जयपुर भवन में रखा गया था। यहीं से शिवाजी गुप्त रूप से फरार हो गए।

• औरंगजेब के विरुद्ध मथुरा का जाट विद्रोह जाट नेता गोकुल के नेतृत्व में (1669 ई. में) हुआ।

• सिकन्दरा स्थित अकबर के मकबरे को राजाराम ने लूटा।

• भरतपुर राजवंश की नींव चूड़ामल ने डाली। गुरु तेगबहादुर की हत्या औरंगजेब ने कराई।

• औरंगजेब को ‘जिंदापीर’ कहा जाता है।

• औरंगजेब ने असम जीतने का कार्य मीर जुमला को सौंपा।

• औरंगजेब के समय हिन्दू मनसबदारों की संख्या लगभग 33 प्रतिशत थी।

• औरंगजेब ने अपने शासन का आधार कुरान को बनाया।

• औरंगजेब ने जजिया कर 1679 ई. में लगाया।

• जयसिंह ने राजपूतों पर से जजिया कर हटाने के बदले औरंगजेब को आदलपुर एवं बेदनोर दो क्षेत्र दिये।

• बनारस के विश्वनाथ मन्दिर और मथुरा के केशवराय मन्दिर औरंगजेब ने (1669 में) तुड़वाये।

• औरंगजेब ने सिक्के पर कलमा खुदवाना, नौरोज का त्योहार मनाना, भांग की खेती करना, नाच-गाना, झरोखा दर्शन एवं तुलादान पर प्रतिबंध लगा दिया।

• औरंगजेब ने शरियत के विरुद्ध लिये जाने वाले लगभग 80 करों को समाप्त कर दिया।

• औरंगजेब का मुख्य लक्ष्य दारुल हर्ब को दारुल इस्लाम में परिवर्तित करना था।

• औरंगजेब ने बीजापुर को 1686 ई. तथा गोलकुंडा को 1687 ई. में मुगल सम्राज्य में मिलाया।

• औरंगजेब की मृत्यु मार्च 1707 ई. में हुई।

• औरंगजेब को दौलताबाद स्थित फकीर बुरहानुद्दीन की कब्र के अहाते में दफनाया गया।

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निष्कर्ष:

हम आशा करते हैं कि आपको यह पोस्ट जहाँगीर जरुर अच्छी लगी होगी। जहाँगीर के बारें में काफी अच्छी तरह से सरल भाषा में समझाया गया है। अगर इस पोस्ट से सम्बंधित आपके पास कुछ सुझाव या सवाल हो तो आप हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताये। धन्यवाद!

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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