बरसात और मेंढक : पाठ -17

बरसात और मेंढक

सोमारू और कमली जंगल घूमने गए। लौटते समय उन्हें ज़ोर की भूख लगी। उन्हें एक गाय दिखी। कमली ने गाय से कहा, “ज़रा-सा दूध दे …

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मूली : पाठ -16

मूली

नानाजी ने बगीचे में मूली बोयी। मूली से नानाजी बोले, “उगो-उगो मूली। मज़बूत बनो और लंबी हो।” उग आयी मोटी और लंबी मूली। नानाजी गए …

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किसान: पाठ -15

किसान

नहीं हुआ है अभी सवेरा,पूरब की लाली पहचान,चिड़ियों के जगने से पहले,खाट छोड़ उठ गया किसान। खिला-पिलाकर बैलों को ले,करने चला खेत पर काम,नहीं कभी …

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बीज : पाठ -14

बीज

मुझे एक बीज मिला।मैंने उसको गमले में डाला।मैंने उसे पानी दिया और बहुत सारी धूप।क्या यह पेड़ है?क्या यह झाड़ी है?क्या इसमें फूल होंगे?क्या इसमें …

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तालाब : पाठ -13

तालाब

इस तालाब का नाम छोटा तालाब है। यहाँ तुम्हें कई लोग दिखेंगे – केंचुए, साँप, केकड़े, मेंढक, कनखजूरे, दो कछुए और उनके साथ बच्चे…। मछलियाँ …

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तोसिया का सपना : पाठ -12

तोसिया का सपना

एक दिन तोसिया ने सपना देखा। तोसिया बहुत सपने देखती है। वह उठकर सपनों के बारे में बात भी करती है। तोसिया को सपना आया …

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बैंगनी जोजो : पाठ -11

बैंगनी जोजो

जोजो एक सफ़ेद कुत्ता था।वह एक पेड़ के नीचे सो रहा था।“घर्र! स्स्स्स ! घर्र! स्स्स्स!” वह जग गया। “भौं भौं!किसने दिए मुझे बैंगनी धब्बे?” …

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कौन : पाठ-10

कौन

अगर न होता चाँद, रात में,हमको दिशा दिखाता कौन?अगर न होता सूरज, दिन को,सोने-सा चमकाता कौन? अगर न होती निर्मल नदियाँ,जग की प्यास बुझाता कौन? …

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दुनिया रंग-बिरंगी: पाठ -9

दुनिया रंग-बिरंगी

नीला! जैसे खुला आकाश है,सागर का नीला पानी है,मोर के सुंदर पंख हैं,और पेड़ पर बैठे पंछी हैं। पीला! जैसे चमचमाता सूरज है,पका आम और …

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