आपातकालीन उपबंध : 16
संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंध उल्लिखित हैं। ये उपबंध केंद्र को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में सक्षम …
संविधान के भाग XVIII में अनुच्छेद 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंध उल्लिखित हैं। ये उपबंध केंद्र को किसी भी असामान्य स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में सक्षम …
भारतीय संघीय व्यवस्था की सफलता मात्र केंद्र तथा राज्यों के सौहार्दपूर्ण संबंधों तथा घनिष्ठ सहभागिता पर ही नहीं अपितु राज्यों के अंतर्संबंधों पर भी निर्भर …
भारत का संविधान अपने स्वरूप में संघीय है तथा समस्त शक्तियां (विधायी, कार्यपालक और वित्तीय) केंद्र एवं राज्यों के मध्य विभाजित हैं। यद्यपि न्यायिक शक्तियों …
राजनीति शास्त्रियों ने राष्ट्रीय सरकार एवं क्षेत्रीय सरकार के संबंधों की प्रकृति के आधार पर सरकार को दो भागों – एकल व संघीय में वर्गीकृत …
भारत का संविधान, केंद्र और राज्य दोनों में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था करता है। अनुच्छेद 74 और 75 केंद्र में संसदीय व्यवस्था का …
मूल संरचना का प्रादुर्भाव संविधान के अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है या नहीं, यह विषय संविधान लागू होने के एक …
किसी अन्य लिखित संविधान के समान भारतीय संविधान में भी परिस्थितियों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप उसे संशोधित और व्यवस्थित करने की व्यवस्था है। हालांकि इसकी …
यद्यपि नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य आपस में संबंधित और अभिभाज्य हैं लेकिन मूल संविधान में मूल अधिकारों को रखा गया, न कि मूल कर्तव्यों …
राज्य नीति के निदेशक तत्वों का उल्लेख संविधान के भाग चार के अनुच्छेद 36 से 51 तक’ में किया गया है। संविधान निर्माताओं ने यह …
संविधान के भाग 3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक मूल अधिकारों का विवरण है। इस संबंध में संविधान निर्माता अमेरिकी संविधान (यानि अधिकार के …