सिकन्दर लोदी का वास्तविक नाम निजाम खाँ था।
जौनपुर के हुसैनशाह को पराजित कर सिकन्दर लोदी ने बिहार तथा तिरहुत को दिल्ली में मिला लिया।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा की नींव डाली।
सिकन्दर लोदी ने भूमि मापने के लिये गज-ए-सिकन्दरी पैमाना जारी किया।
सिकन्दर लोदी ने नगरकोट के ज्वालामुखी मन्दिर की मूर्ति को तोड़कर उसके टुकड़ों को कसाईयों को मांस तौलने के लिये दे दिया था।
सिकन्दर ने मुसलमानों को ताजिया निकालने, स्त्रियों को पीरों, सन्तों की मजार पर जाने पर प्रतिबन्ध लगाया।
सिकन्दर ने अपनी राजधानी आगरा बनाई।
सिकन्दर लोदी ने संस्कृत के आयुर्वेद ग्रन्थ का ‘फरहंगे सिकन्दरी’ नाम से अनुवाद कराया।
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