1. मेमोरी (Memory) : कम्प्यूटर में मेमोरी का प्रयोग डाटा, प्रोग्राम और अनुदेशों को स्थायी या अस्थायी तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता है ताकि प्रोसेसिंग के दौरान या बाद में किसी समय आवश्यकतानुसार उनका उपयोग किया जा सके। मेमोरी का प्रयोग प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त परिणामों को संग्रहित करने के लिए भी किया जाता है। इस तरह, मेमोरी कम्प्यूटर का एक आवश्यक अंग है।
2. मेमोरी का वर्गीकरण (Classification of Memory):
मेमोरी का वर्गीकरण चित्र में देख सकते हैं। इसको सरल तरीके से समझाया गया है।

3. प्राथमिक या मुख्य मेमोरी (Primary or Main Memory)
वह मेमोरी यूनिट जो सीधे सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से संपर्क रखता है तथा हर समय कम्प्यूटर से जुड़ा रहता है, प्राथमिक या मुख्य मेमोरी कहलाता है।
प्राथमिक मेमोरी अनेक छोटे भागों में बँटी होती है जिन्हें लोकेशन या सेल (Location or Cell) कहते हैं। प्रत्येक लोकेशन में एक निश्चित बिट (bit) जिसे वर्ड लेंथ कहते हैं, स्टोर की जा सकती है। कम्प्यूटर में वर्ड लेंथ 8, 16, 32 या 64 बिट की हो सकती है।
लोकेशन में डाटा संग्रहित करने को लिखना (Write) तथा लोकेशन से डाटा प्राप्त करने को पढ़ना (Read) कहते हैं।
प्राथमिक मेमोरी मुख्यतः इलेक्ट्रानिक या सेमीकण्डक्टर मेमोरी होती है। इनमें इंटीग्रेटेड सर्किट (IC-Integrated Circuit) का प्रयोग किया जाता है जो सिलिकन चिप के बने होते हैं। इसके विकास का श्रेय जे. एस. किल्बी को जाता है। सिलिकन चिप मुख्यतः गैलियम आर्सेनाइड के बने होते हैं।
3.1 रॉम (ROM-Read Only Memory)
यह एक स्थायी (Non Volatile) मेमोरी है जिसमें संग्रहित डाटा व सूचनाएं स्वयं नष्ट नहीं होती हैं तथा उन्हें बदला भी नहीं जा सकता। रॉम में सूचनाएं निर्माण के समय ही भर दी जाती हैं तथा कम्प्यूटर इन्हें केवल पढ़ सकता है, इनमें परिवर्तन नहीं कर सकता। कम्प्यूटर की सप्लाई बंद कर देने पर भी रॉम में सूचनाएं बनी रहती हैं।
रॉम का प्रयोग स्थायी प्रकृति के प्रोग्राम तथा डाटा के संग्रहण के लिए किया जाता है।
3.2. प्रॉम (PROM-Programmable Read Only Memory)
यह एक विशेष प्रकार का रॉम है जिसमें एक विशेष प्रक्रिया द्वारा उपयोगकर्ता के अनुकूल डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है। एक बार प्रोग्राम कर दिए जाने के बाद यह सामान्य रॉम की तरह व्यवहार करता है।
3.3. ई-प्रॉम (E-PROM-Erasable Programmable Read Only Memory)
इस प्रकार के रॉम पर पराबैंगनी किरणों (Ultra Violet Rays) की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है। इसके लिए ई-प्रॉम को सर्किट से निकालना पड़ता है। इसे अल्ट्रा वायलेट ई-प्रॉम (Ultra Voilet EPROM) भी कहते हैं।
3.4. ईईप्रॉम (EEPROM-Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)
इस तरह के रॉम को सर्किट से निकाले बिना इस पर उच्च विद्युत विभव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है। इसका उपयोग मुख्यतः अनुसंधान में किया जाता है।
वर्तमान में, द्वितीयक मेमोरी के रूप में ई ई प्रॉम का उपयोग बढ़ रहा है। इसे फ्लैश मेमोरी (Flash Memory) भी कहा जाता है। पेन ड्राइव (Pen Drive) इसका अच्छा उदाहरण है। इस प्रकार के इलेक्ट्रानिक मेमोरी का प्रयोग अनेक आधुनिक युक्तियों जैसे- डिजिटल कैमरा, लैपटाप, स्मार्टफोन आदि में किया जा रहा है। यह एक सस्ती युक्ति है तथा इसमें विषम परिस्थितियों में भी डाटा को सुरक्षित रखने की क्षमता है।
3.5 रैम (RAM-Random Access Memory)
रैण्डम एक्सेस मेमोरी में सूचनाओं को क्रमानुसार न पढ़कर सीधे वांछित सूचना को पढ़ा जा सकता है। यह एक अस्थायी (Volatile) मेमोरी है जहां डाटा और सूचनाओं को अस्थायी तौर पर रखा जाता है। इसमें संग्रहित सूचनाओं को बदला जा सकता है। कम्प्यूटर की पॉवर सप्लाई बंद कर देने पर रैम में संग्रहित डाटा समाप्त हो जाता है। आजकल बाजार में 16 MB (Mega-byte-मेगाबाइट), 32 MB, 64 MB, 128 MB, 512MB तथा 1 GB (Gigabyte गीगा बाइट) क्षमता के रैम उपलब्ध हैं। इन रैमचिप्स को मदरबोर्ड पर बने ‘सिम्स’ (SIMMs-Single Inline Memory Modules) में लगाया जाता है।
रैम को मुख्यतः दो भागों में बांटा जाता है-
(i) डायनॉमिक रैम (Dynamic RAM)
(ii) स्टैटिक रैम (Static RAM)
स्टैटिक रैम में कम्प्यूटर की सप्लाई बंद कर देने पर भी संग्रहित डाटा सुरक्षित रहता है।
3.6. कैश मेमोरी (Cache Memory)
मेमोरी से डाटा प्राप्त करने की गति सीपीयू के डाटा प्रोसेस करने की गति से काफी धीमी होती है। मेमोरी-प्रोसेसर के बीच इस गति अवरोध (Speed Mismatch) को दूर करने के लिए कैश मेमोरी का प्रयोग किया जाता है। यह प्राथमिक मेमोरी और सीपीयू (CPU) के बीच एक अत्यंत तीव्र मेमोरी है जहां बार-बार प्रयोग में आने वाले डाटा ओर निर्देशों को संग्रहित किया जाता है। कैश मेमोरी की गति तीव्र होने के कारण प्रोसेसर की गति में वृद्धि होती है।
प्रथम मेमोरी → कैश मेमोरी → सीपीयू
4. द्वितीयक या सहायक मेमोरी (Secondary or Auxiliary Memory)
द्वितीयक मेमोरी में डाटा और सूचनाओं को बड़ी मात्रा में संग्रहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह साधारणतः कम्प्यूटर सिस्टम के बाहर स्थित होता है। इसे स्थायी मेमोरी (Permanent Memory) भी कहा जाता है।
इसका प्रयोग मुख्यतः बैकअप डाटा (Backup data) को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
4.1. क्रमानुसार मेमोरी (Sequential Access Memory)
इसमें वांछित डाटा को क्रमानुसार ही पढ़ा जा सकता है। इस कारण इस मेमोरी से डाटा को पढ़ने में समय अधिक लगता है। इस कारण इसका उपयोग ऐसी जगह किया जाता है, जहां लगभग सभी डाटा को प्रोसेस करने की जरूरत पड़ती है। जैसे- पे रोल (Pay Roll), बिजली का बिल बनाना आदि।
4.1.1 मैग्नेटिक टेप (Magnetic Tape)
यह क्रमानुसार मेमोरी का उदाहरण है। इसमें एक प्लास्टिक रिबन पर चुम्बकीय पदार्थ (आयरन आक्साइड या क्रोमियम डाईआक्साइड) की परत चढ़ी रहती है जिसे विद्युतीय हेड से प्रभावित कर डाटा स्टोर किया जाता है।
यह बड़ी मात्रा में डाटा को स्टोर करने हेतु प्रयुक्त होता है। डाटा को कितनी भी बार लिखा और मिटाया तथा पढ़ा जा सकता है। नया डाटा लिखने पर पुराना डाटा स्वयं मिट जाता है। इसके उपयोग के लिए मैग्नेटिक टेप ड्राइव (Magnetic Tape Drive) का प्रयोग किया जाता है।
4.2. डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी (Direct Access Memory)
इसमें वांछित सूचना या डाटा को सीधे पढ़ा जा सकता है। इस कारण डाटा को पढ़ने में समय कम लगता है।
4.2.1. फ्लापी डिस्क (Floppy Disk)
यह प्लास्टिक का बना वृत्ताकार डिस्क होता है जिस पर चुंबकीय पदार्थ की लेप चढ़ी रहती है। सुरक्षा के लिए इसे प्लास्टिक के वर्गाकार खोल में बंद रखा जाता है। इसके बीच में धातु की बनी गोल धुरी होती है। इसके ऊपरी भाग में लिखने-पढ़ने का खुला स्थान होता है जिसे खिसकने वाले एक ढक्कन से ढका जाता है। इसके निचले कोने पर एक सुरक्षा छिद्र होता है जिसे बंद कर देने पर फ्लापी के डाटा में परिवर्तन नहीं किया जा सकता। वर्तमान में प्रयुक्त फ्लापी की लम्बाई 3 (1/2) इंच होती है। उच्च क्षमता (High Density) वाले फ्लापी की भंडारण क्षमता 1.44 MB होती है, जबकि अति उच्च क्षमता (Very high density) वाले फ्लापी की भंडारण क्षमता 2.88 MB होती है। फ्लापी कुछ वृत्ताकार पथों में बंटा होता है जिसे ट्रैक (Track) कहते हैं। ट्रैक पुनः सेक्टर (Sector) में बंटा होता है। फ्लापी पर डाटा इसी सेक्टर में लिखा जाता है।

कम्प्यूटर में इसे पढ़ने लिखने के लिए फ्लापी डिस्क ड्राइव का प्रयोग किया जाता है जिसे ड्राइव ‘A’ नाम दिया जाता है।
4.2.2. हार्ड डिस्क (Hard disk)
यह कम्प्यूटर का स्थायी मेमोरी है जो एल्युमिनियम धातु के प्लेट से बना होता है जिस पर चुम्बकीय पदार्थ का लेप होता है। इसकी भंडारण क्षमता अधिक तथा गति तीव्र होती है। वर्तमान में कम्प्यूटर में प्रयुक्त हार्ड डिस्क मुख्यतः विनचेस्टर डिस्क का उदाहरण है।

इसमें कई हार्ड डिस्क को एक धुरी (Shaft) पर रखकर डब्बे में सीलबंद कर दिया जाता है। इस तरह इसकी क्षमता सीमित हो जाती है। डिस्क के दोनों सतहों पर डाटा लिखा जा सकता है। हर सतह पर डाटा लिखने या पढ़ने के लिए एक अलग रीड-राइट हेड (Read Write head) होता है। यह रीड-राइड हेड डिस्क के किसी भी ट्रैक के किसी भी सेक्टर पर सीधे पहुंच सकता है।
कम्प्यूटर में लगे हार्ड डिस्क को ‘C’ ड्राइव का नाम दिया जाता है। इसमें आवश्यक प्रोग्राम और डाटा स्टोर किया जाता है।
4.2.3. सीडी रॉम (CDROM-Compact Disk Read Only Memory)
यह प्लास्टिक का बना गोल डिस्क होता है। यह आप्टिकल डिस्क का एक प्रकार है। इसमें डिस्क के ऊपरी सतह पर प्रकाश परावर्तित करने वाले पदार्थ की लेप लगायी जाती है। डिस्क पर लिखने/पढ़ने के लिए लेजरबीम का प्रयोग किया जाता है।

ऑप्टिकल डिस्क में ट्रैक संकेन्द्रित वृत्तों (Concentric Circles) में न होकर बाहर से अंदर की ओर एक सर्पिलाकार (Spiral) आकार में होता है। इस कारण इसमें डाटा पढ़ने की गति हार्डडिस्क की अपेक्षा धीमी होती है। सीडी रॉम ड्राइव की गति एक संख्या और ‘X’ से निरूपित किया जाता है। जैसे- 8X, 56X आदि । समाान्य सीडी रॉम की भंडारण क्षमता 640 MB होती है।
सीडीरॉम को सीडी ड्राइव (CD Drive) की सहायता से पढ़ा जाता है जिस पर रीड हेड (Read head) बना रहता है। डिस्क को घुमाने के लिए मोटर का प्रयोग होता है। सीडी पर लिखने के लिए सीडी राइटर (CD-Writer) का प्रयोग किया जाता है।
सीडी रॉम पर लिखने के लिए उच्च तीव्रता वाले लेजर बीम का प्रयोग किया जाता है जिससे डिस्क की सतह पर अति सूक्ष्म गड्ढे (Pits) बनाये जाते हैं। बाद में, इन्हीं गड्डों में कम तीव्रता के लेजर बीम को डालकर परावर्तित किरणों को पढ़ा जाता है।
4.2.4. सीडी-आर (CD-Recordable)
इसे WORM (Write Once, Read Many) डिस्क कहा जाता है जिस पर केवल एक बार लिखा जा सकता है जबकि बार-बार पढ़ा जा सकता है। एक बार लिखे जाने के बाद डाटा बदला नहीं जा सकता।
4.2.5. सीडी-आर/डब्ल्यू (CD-Read/Write)
इस तरह के डिस्क पर धातु की एक परत होती है। इसके रासायनिक गुणों में परिवर्तन कर इस पर बार बार लिखा और पढ़ा जा सकता है। इसके लिए विशेष सीडी-आर/डब्लू ड्राइव (CD-R/W Drive) की जरूरत पड़ती है।
4.2.6. डीवीडी (DVD-Digital Video Disk)
यह सीडी रॉम की तरह ही होता है, पर इसकी भंडारण क्षमता अधिक होती है। आरंभ में इसका प्रयोग चलचित्रों (Movies) के लिए किया गया। ध्वनि के लिए इसमें डाल्बी डिजिटल (Dolby Digital) या डिजिटल थियेटर सिस्टम (DTS-Digital Theater System) का प्रयोग किया जाता है।
इसमें डाटा के दो लेयर संग्रहित किये जा सकते हैं। एकल लेयर डिस्क की क्षमता 4.7GB तथा दो लेयर डिस्क की क्षमता 8.5GB होती है।
4.2.7. पेन ड्राइव (Pen Drive)
इसे फ्लैश ड्राइव (Flash Drive) भी कहा जाता है। यह पेन के आकार का इलेक्ट्रानिक मेमोरी है जिसे लगाओ और खेलो (Plug and Play) डिवाइस की तरह यूएसबी पोर्ट (USB Port Universal Serial Bus Port.) में लगाकर डाटा संग्रहित, परिवर्तित या पढ़ा जा सकता है। वास्तव में, यह ई ई प्रॉम का एक रूप है।

5. प्राथमिक व द्वितीयक मेमोरी में अंतर (Difference between Primary and Secondary Memory)
प्राथमिक | द्वितीयक | |
स्थान | कम्प्यूटर के भीतर | मुख्यतः कम्प्यूटर के बाहर |
प्रकार | अस्थायी (Volatile) | स्थायी (Non Volatile) |
क्षमता | सीमित | असीमित |
गति | तेज | अपेक्षाकृत धीमी |
समय | कम (नैनो सेकेंड) | अधिक (मिली सेकेंड) |
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FAQs
Q1. सीडी रॉम (CD ROM) का पूर्ण रूप है-
(a) कोर डिस्क रीड ओनली मेमोरी
(b) काम्पैक्ट डिस्क रीड ओनली मेमोरी
(c) सर्वयूलर डिस्क रीड ओनली मेमोरी
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (b)
व्याख्या : सीडी रॉम (CD-ROM) का पूर्ण रूप है, काम्पैक्ट डिस्क रीड ओनली मेमोरी (Compact Disk Read Only Memory) यह द्वितीयक मेमोरी का उदाहरण है। यह प्लास्टिक का बना गोल डिस्क होता है जिसकी सतह पर प्रकाश परावर्तित करने वाले पदार्थ की लेप लगी रहती है। डिस्क पर लिखने पढ़ने के लिए लेजर बीम का प्रयोग किया जाता है।
Q2. कम्प्यूटर शब्दकोष में CD अक्षर का प्रयोग होता है जिसका अर्थ है-
(a) काम्पैक्ट डिस्क
(b) काम्प्रेस्ट डाटा
(c) कम्प्यूटराइज्ड डाटा
(d) कोडेड डाटा
Ans. (a)
व्याख्या : सीडी (CD) अर्थात् कम्पैक्ट डिस्क (Compact Disk) एक प्रकार का आप्टिकल डिस्क है जिसे रीड ओनली मेमोरी के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसकी उच्च भंडारण क्षमता के कारण इसे काम्पैक्ट डिस्क कहा जाता है।
Q3. फ्लैश मेमोरी के बारे में निम्नलिखित में से कौन सही नहीं है-
(a) यह डिजिटल कैमरा, लैपटॉप आदि युक्तियों में सूचना संग्रह के लिए प्रयुक्त होता है।
(b) यह विस्तृत ताप परास -40°C से +85°C में कार्य कर सकता है
(c) यह सामान्य यांत्रिक डिस्क ड्राइव से अत्यधिक सस्ता है
(d) यह कम शक्ति का उपयोग करता है
Ans. (b) व्याख्या : फ्लैश मेमोरी का प्रयोग आधुनिक युक्तियों में भंडारण के लिए किया जा रहा है। यह सस्ता और कम शक्ति उपयोग करने वाला है। पर यह विस्तृत ताप परास पर कार्य नहीं कर सकता। ताप घटने या बढ़ने पर इसकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है।
Q4. कम्प्यूटर में स्मृति का प्रकार नहीं है-
(a) सेमी कण्डक्टर
(b) मैग्नेटिक
(c) सर्वर
(d) ऑप्टिकल
Ans. (c)
व्याख्या : कम्प्यूटर में प्राथमिक मेमोरी (रैम और रॉम) तथा फ्लैश मेमोरी सेमी कण्डक्टर मेमोरी के उदाहरण हैं। फ्लापी डिस्क, हार्ड डिस्क तथा मैग्नेटिक टेप मैग्नेटिक मेमोरी के उदाहरण हैं। सीडी और डीवीडी आप्टिकल मेमोरी के प्रकार हैं जिसमें लेजर बीम का प्रयोग किया जाता है। सर्वर स्मृति का प्रकार न होकर एक इलेक्ट्रानिक उपकरण है।
Q5. कम्प्यूटर में कौन सा मेमोरी को दर्शाता है ?
(a) रैम (RAM)
(b) डीएसएल (DSL)
(c) लैन (LAN)
(d) सीपीयू (CPU)
(e) यूएसबी (USB)
Ans. (a)
व्याख्या : रैम (RAM) रैण्डम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) का संक्षिप्ताकार है जो एक इलेक्ट्रानिक मेमोरी है।
Q6. ऐसे अप्लिकेशन के लिए मैग्नेटिक टेप प्रैक्टिकल नहीं है जिनमें डाटा शीघ्र रिकाल (Recall) किया जाना है क्योंकि टेप है-
(a) रैण्डम एक्सेस मीडियम
(b) सिक्वेंशियल एक्सेस मीडियम
(c) रीड ओनली मीडियम
(d) आसानी से डैमेज
(e) महंगा स्टोरेज
Ans. (b)
व्याख्या : द्वितीयक मेमोरी को क्रमानुसार (Sequential Access) तथा डायरेक्ट एक्सेस (Direct Access) में बांटते हैं। मैग्नेटिक टेप क्रमानुसार स्मृति (Sequential Memory) का उदाहरण है जिसमें डाटा उसी क्रम में प्राप्त किये जा सकते हैं जिस क्रम में उन्हें स्टोर किया जाता है। इसी कारण शीघ्र रिकाल के लिए डायरेक्ट एक्सेस मेमोरी का प्रयोग किया जाता है।
Q7. जब आप पीसी (PC) पर किसी डाक्यूमेंट पर कार्य करते हैं, तो डाक्यूमेंट अस्थायी रूप से कहां स्टोर किया जाता है-
(a) रैम (RAM)
(b) रॉम (ROM)
(c) फ्लैश मेमोरी
(d) सीडी रॉम
(e) सीपीयू
Ans. (a)
व्याख्या : रैम अस्थायी (Volatile) मेमोरी है जिसमें डाटा और सूचना को अस्थायी तौर पर रखा जाता है। इसमें अस्थायी निर्देशों और अंतरिम परिणामों को भी रखा जाता है।
Q8. कम्प्यूटर में RAM का तात्पर्य है-
(a) रीसेन्ट एण्ड एन्सियेंट मेमोरी
(b) रैण्डम एक्सेस मेमोरी
(c) रीड एण्ड मेमोराइज
(d) रिकाल ऑल मेमोरी
Ans. (b)
व्याख्या : रैम (RAM) रैण्डम एक्सेस मेमोरी (Random Acsess Memory) का संक्षिप्ताक्षर है। यह एक इलेक्ट्रानिक अस्थायी मेमोरी है जिसमें सूचना को कहीं से भी पढ़ा जा सकता है।
Q9. कम्प्यूटर हार्डवेयर जो आंकड़ों के बहुत अधिक मात्रा का भण्डारण कर सकता है, कहलाता है-
(a) चुंबकीय टेप
(b) डिस्क
(c) a और b दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans. (c)
व्याख्या : चुंबकीय टेप और डिस्क द्वितीयक मेमोरी के उदाहरण हैं जिसका उपयोग आंकड़ों के अधिक मात्रा में भंडारण के लिए किया जाता है। चूंकि इस मेमोरी का कम्प्यूटर से सीधा संबंध नहीं रहता है, अतः इनकी क्षमता असीमित है।
Q10. कम्प्यूटर हार्डवेयर में जो सिलिकन का बना होता है, आंकड़ों को बहुत अधिक मात्रा में भण्डारण में रख सकता है, कहलाता है-
(a) डिस्क
(b) चिप
(c) मैग्नेटिक टेप
(d) फाइल्स
Ans. (b)
व्याख्या : चिप, सिलिकन का बना एक सेमी कण्डक्टर मेमोरी डिवाइस है। VLSI तथा ULSI के प्रयोग से इसके भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है। रॉम (ROM) तथा रैम (RAM) इसके उदाहरण हैं।
Q11. चुम्बकीय डिस्क पर किस पदार्थ की परत चढ़ी रहती है-
(a) आयरन ऑक्साइड
(b) फास्फोरस ऑक्साइड
(c) मैग्नेशियम ऑक्साइड
(d) सोडियम ऑक्साइड
Ans. (a)
व्याख्या : चुंबकीय डिस्क पर किसी चुंबकीय पदार्थ जैसे आयरन ऑक्साइड या क्रोमियम डाई ऑक्साइड की परत चढ़ी रहती है जिसे विद्युतीय हेड से प्रभावित कर डाटा स्टोर किया जाता है।
Q12. मेमोरी शब्द का संबंध किससे है-
(a) लॉजिक से
(b) कंट्रोल से
(c) इनपुट से
(d) स्टोरेज से
Ans. (d)
व्याख्या : कम्प्यूटर में मेमोरी का प्रयोग डाटा, प्रोग्राम और अनुदेशों को स्थायी या अस्थायी तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता है। मेमोरी का प्रयोग प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त परिणामों को संग्रहित करने के लिए भी किया जाता है।
Q13. पेन ड्राइव है-
(a) इलेक्ट्रानिक मेमोरी
(b) कम्प्यूटर में लिखने की युक्ति
(c) चित्र बनाने की युक्ति
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (a)
व्याख्या : पेन ड्राइव एक फ्लैश मेमोरी है जिसे इलेक्ट्रानिक मेमोरी भी कहा जाता है। इंटीग्रेटेड चिप्स के बने इस मेमोरी को कम्प्यूटर के यूएसबी (Universal Serial Bus) पोर्ट में लगाकर प्रयोग किया जाता है।
Q14. इन्टीग्रेटेड सर्किट चिप पर किसकी परत होती है-
(a) सिलिकान
(b) निकिल
(c) आयरन
(d) कॉपर
Ans. (a)
व्याख्या : इंटीग्रेटेड सर्किट चिप (IC Chip) का प्रयोग मेमोरी के रूप में किया जाता है जिस पर सिलिकन की परत चढ़ी रहती है।
Q15. इंटीग्रेटेड सर्किट चिप के विकास का श्रेय किसको जाता है-
(a) सी. वी. रमन
(b) राबर्ट नोयी
(c) जे. एस. किल्वी
(d) चार्ल्स बैबेज
Ans. (c)
व्याख्या : इंटीग्रेटेड सर्किट चिप, जिसका प्रयोग मेमोरी में किया जाता है, के विकास का श्रेय जे. एस. किल्बी को है।
Q16. कैश मेमोरी का प्रयोग किया जाता है-
(a) स्थायी भंडारण के लिए
(b) मेमारी व प्रोसेसर के बीच गति अवरोध को दूर करने के लिए
(c) महत्त्वपूर्ण डाटा के लिए
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans. (b)
व्याख्या : कैश (Cache) मेमोरी एक तीव्र मेमोरी है जिसका प्रयोग प्राथमिक मेमोरी और सीपीयू के बीच गति अवरोध (Speed Mismatch) को दूर करने के लिए किया जाता है। इसके प्रयोग से प्रोसेसर की गति में वृद्धि होती है।
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