आसमान गिरा : पाठ -5

एक खरगोश था। वह पेड़ के नीचे सो रहा था। अचानक जोर की आवाज हुई – धम्म! खरगोश चौंककर उठ गया। वह बोला, “अरे ! क्या गिरा?”

खरगोश ने इधर-उधर देखा। उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। उसे लगा आसमान गिर रहा है। खरगोश डर गया और भागने लगा।

भागते-भागते उसे एक लोमड़ी मिली। उसने पूछा, “खरगोश भाई, कहाँ भागे जा रहे हो? जरा सुनो तो।” खरगोश भागते-भागते बोला, “आसमान गिर रहा है, भागो ! भागो! जल्दी भागो !”

लोमड़ी भी भागने लगी। आगे जाकर उन्हें एक भालू मिला। भालू बोला, “ठहरो, ठहरो! कहाँ भागे जा रहे हो?” खरगोश और लोमड़ी बोले, “भागो! तुम भी भागो। आसमान गिर रहा है!” भालू भी उनके साथ भागने लगा। खरगोश, लोमड़ी और भालू भागते-भागते एक हाथी के पास से निकले। हाथी बोला, “अरे ! सब क्यों भागे जा रहे हो? ठहरो, कुछ बताओ तो।”

भालू बोला, “आसमान गिर रहा है, तुम भी भागो।” हाथी भी भागने लगा। सब भाग रहे थे – आगे-आगे खरगोश, उसके पीछे लोमड़ी, उसके पीछे भालू और सबसे पीछे हाथी। भागते-भागते उन्हें शेर मिला। उसने पूछा, “तुम सब क्यों भागे जा रहे हो?”

हाथी बोला, “आसमान गिर रहा है। तुम भी भागो!” शेर ने दहाड़कर कहा, “आसमान गिर रहा है! कहाँ गिर रहा है? रुको।” यह सुनकर सभी जानवर रुक गए। शेर ने पूछा, “किसने कहा आसमान गिर रहा है?” हाथी बोला, “भालू ने कहा।” भालू बोला, “मुझसे तो लोमड़ी ने कहा।”

लोमड़ी बोली, “मुझसे तो खरगोश ने कहा…. सबसे पहले इसी ने कहा था।” खरगोश चुप रहा। शेर बोला, “कहो खरगोश ! कहाँ गिर रहा है आसमान?” खरगोश ने कहा, “मैं पेड़ के नीचे सो रहा था। वहीं धम्म से आसमान गिरा।” शेर ने कहा, “चलो, चलकर देखें।”

वे सब उस पेड़ के नीचे गए। सबने पेड़ के नीचे देखा। वहाँ एक बड़ा-सा फल गिरा पड़ा था। तभी वैसा ही एक और फल गिरा – धम्म ! खरगोश चौंक गया। शेर बोला, “तो यही तुम्हारा आसमान था। लो फिर आसमान गिरा। भागो!” और सभी हँसने लगे।

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बातचीत के लिए

1. खरगोश को को ऐसा क्यों लगा कि आसमान गिर रहा है? यदि आप खरगोश के स्थान पर होते तो क्या करते?
Ans.
खरगोश को अचानक “धम्म” की आवाज़ सुनाई दी, इसलिए उसे लगा कि आसमान गिर रहा है।
अगर मैं खरगोश के स्थान पर होता, तो पहले आसपास देखकर यह पता लगाता कि आवाज़ कहाँ से आई है।

2. क्या आपने कभी आसमान से किसी वस्तु को गिरते हुए देखा है? अपने-अपने अनुभव साझा कीजिए।
Ans.
हाँ, मैंने आसमान से बारिश की बूँदें, ओले और कभी-कभी पतंग या गेंद गिरते हुए देखे हैं। ये सभी देखने में मज़ेदार लगते हैं।

3. यदि आप शेर के स्थान पर होते तो खरगोश को किस प्रकार समझाते? कक्षा में चर्चा कीजिए।
Ans.
मैं खरगोश को समझाता कि बिना देखे किसी बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए और डरकर भागना नहीं चाहिए।

4. इस कहानी से मिलती-जुलती कोई दूसरी घटना या कहानी कक्षा में सुनाइए।
Ans.
यह कहानी “अफवाह” वाली कहानियों जैसी है, जैसे – “भेड़िया आया” की कहानी, जिसमें झूठ बोलने से सबको परेशानी होती है।

पाठ के भीतर

निम्नलिखित प्रश्नों के उचित उत्तर पर सही का चिह्न (√) लगाइए –

(क) डरकर भागते हुए खरगोश को सबसे पहले कौन मिला?

i. लोमड़ी    (√)           ii. शेर
iii. भालू                iv. हाथी

(ख) हाथी ने जब शेर से कहा कि आसमान गिर रहा है, तब शेर ने क्या किया?

i. बात सुनकर चला गया।

ii. वह मुस्कुराने लगा।

iii. वह भी सबके साथ भागने लगा।

iv. उसने सबको रोककर प्रश्न पूछा। (√)

(ग) “तो यही तुम्हारा आसमान था। लो फिर आसमान गिरा। भागो!” यह कथन किसके द्वारा कहा गया है?

i. हाथी                        iii. भालू
ii. लोमड़ी                    iv. शेर (√)

(घ) आपके अनुसार खरगोश के आस-पास कौन-सा फल गिरा होगा?

i. कद्दू                  ii. कटहल (√)
iii. तरबूज             iv. पपीता

सोचिए और लिखिए

1. इस कहानी में किन-किन पात्रों का उल्लेख हुआ है? उनके नाम क्रम से लिखिए।
Ans.
खरगोश, लोमड़ी, भालू, हाथी और शेर।

2. “आसमान गिर रहा है, भागो! भागो! जल्दी भागो!” खरगोश की यह बात सुनकर आपके अनुसार पशुओं को क्या करना चाहिए था?
Ans.
पशुओं को डरने के बजाय यह देखना चाहिए था कि वास्तव में क्या गिरा है और बिना सोचे भागना नहीं चाहिए था।

3. कहानी में आपको कौन-सा पात्र सबसे अच्छा लगा और क्यों?
Ans.
मुझे शेर सबसे अच्छा लगा क्योंकि उसने डरने के बजाय सबको रोका, सोच-समझकर सच्चाई पता की और सबको हँसा दिया।

4. यदि शेर भी भगदड़ में शामिल हो जाता और प्रश्न न पूछता तो क्या होता?
Ans.
अगर शेर भी भाग जाता, तो सभी जानवर डरते रहते और किसी को भी सच्चाई पता नहीं चलती कि वह फल गिरा था, आसमान नहीं।

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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