UP DELED 3rd Semester Sanskrit Question Paper 2025 आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका कोई भी शुल्क आपसे नही लिया जाएगा, आप आसानी से इसे हल कर सकेंगे । आइए विस्तार से सभी प्रश्नो को जानें –
प्रश्न-पुस्तिका
तृतीय सेमेस्टर – 2025
सप्तम् प्रश्न-पत्र
(संस्कृति)
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।
2. इस प्रश्न-पत्र में तीन प्रकार के (वस्तुनिष्ठ, अतिलघु उत्तरीय तथा लघु उत्तरीय) प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Q1) विसर्ग का उच्चारण स्थान बताइए?
1) कण्ठ 2) तालु
3) दंत 4) ओष्ठ
Ans. 1) कण्ठ
Q2) हृस्व, दीर्घ एवं प्लुत ध्वनि भेद किसके आधार पर होते हैं?
1) समय के 2) स्थान के
3) प्रयत्न के 4) उद्भव के
Ans. 1) समय के
Q3) ‘सुध्युपास्यः’ में सन्धि है-
1) दीर्घ 2) गुण
3) यण् 4) अयादि
Ans. 4) अयादि
Q4) ‘अहं बालकं पश्यामि’ वाक्य का कर्मवाच्य में परिवर्तन होगा-
1) मया बालकं दृश्यते। 2) मया बालकः दृश्यते।
3) मया बालकः दृश्यति। 4) त्वं बालकः दृश्यति।
Ans. 1) मया बालकं दृश्यते।
Q5) ‘पंचत्रिंशत्’ संख्या को हिन्दी में लिखिए-
1) पैंतालीस 2) पन्द्रह
3) पैंतीस 4) पच्चीस (पचीस)
Ans. 3) पैंतीस
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
Q6) ‘पितृ’ शब्द रूप पंचमी विभक्ति के तीनों वचनों में लिखिए?
Ans.
एकवचन : पितुः
द्विवचन : पितृभ्याम्
बहुवचन : पितृभ्यः
Q7) ‘पावकः’ का सन्धि विच्छेद कीजिए तथा सन्धि का नाम लिखिए?
Ans. प + अवकः = पावकः
सन्धि – गुण सन्धि
Q8) ‘हितं मनोहारि च दुर्लभं वचः’ का अर्थ हिन्दी में लिखें?
Ans. जो वचन हितकारी हो, मन को मोहित करने वाला हो और दुर्लभ हो।
Q9) ‘गन्तुम’ और ‘आदाय’ शब्द में प्रत्यय का नाम लिखिए?
Ans. गन्तुम – तुमुन् प्रत्यय
आदाय – ल्यप् (क्त्वा) प्रत्यय
Q10) ऊष्म व्यंजन कौन -2 से होते है?
Ans. श्, ष्, स्, ह (ये चार ऊष्म व्यंजन हैं)
Q11) तीस से पैंतीस तक की संख्या (गिनती) को सस्कृत में लिखिए?
Ans.
30 – त्रिंशत्
31 – एकत्रिंशत्
32 – द्वात्रिंशत्
33 – त्रयस्त्रिंशत्
34 – चतुस्त्रिंशत्
35 – पञ्चत्रिंशत्
लघु उत्तरीय प्रश्न
Q12) उपसर्ग एवं प्रत्यय में अन्तर स्पष्ट कीजिए?
Ans. उपसर्ग और प्रत्यय दोनों उपसर्ग–प्रत्यय (अफिक्स) कहलाते हैं, जो मूल शब्द से जुड़कर उसका नया रूप बनाते हैं। लेकिन दोनों में स्पष्ट अंतर होता है —
उपसर्ग (Prefix)
परिभाषा: जो मूल शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन करता है, उसे उपसर्ग कहते हैं।
विशेषताएँ:
- यह शब्द के आरंभ में लगाया जाता है।
- मूल शब्द के अर्थ को बदल देता है।
- इससे नया शब्द बनता है।
उदाहरण:
- अ + न्याय = अन्याय
- सु + व्यवहार = सुव्यवहार
- नि + देश = निदेश
प्रत्यय (Suffix)
परिभाषा: जो मूल शब्द के बाद जुड़कर नए शब्द का निर्माण करता है, उसे प्रत्यय कहते हैं।
विशेषताएँ:
- यह शब्द के अंत में लगाया जाता है।
- इससे शब्द का रूप और वर्ग बदल सकता है (जैसे संज्ञा से विशेषण)।
उदाहरण:
- चल + ना = चलना
- पढ़ + ाई = पढ़ाई
- मीठा + ई = मिठाई
संक्षेप में अंतर
| आधार | उपसर्ग | प्रत्यय |
|---|---|---|
| स्थान | शब्द के पहले | शब्द के बाद |
| प्रभाव | अर्थ बदलता है | नया रूप/शब्द बनाता है |
| उदाहरण | अ + शक = अशक्य | सुख + ई = सुखी |
Q13) वाच्य कितने प्रकार के होते है? सोदाहरण लिखिए?
Ans. वाच्य वह रूप है जिससे पता चलता है कि वाक्य में कार्य करने वाला कौन है और कार्य किस पर हो रहा है।
हिन्दी में वाच्य तीन प्रकार के होते हैं—
1. कर्तृवाच्य (Active Voice)
परिभाषा: जिस वाक्य में कर्त्ता (काम करने वाला) प्रमुख होता है और वही कार्य करता है, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
उदाहरण:
- राम खाना खा रहा है।
- अध्यापक पाठ पढ़ा रहा है।
(यहाँ काम करने वाले व्यक्ति पर जोर है।)
2. कर्मवाच्य (Passive Voice)
परिभाषा: जिस वाक्य में कर्म (जिस पर काम हो रहा है) प्रमुख हो जाता है, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। कर्ता गौण हो जाता है।
उदाहरण:
- खाना राम द्वारा खाया जा रहा है।
- पत्र सीमा द्वारा लिखा गया।
(यहाँ काम पर जोर है, करने वाले व्यक्ति पर नहीं।)
3. भाववाच्य (Impersonal / Neuter Voice)
परिभाषा: जिस वाक्य में कर्ता और कर्म दोनों स्पष्ट न हों, केवल भाव/क्रिया का ध्यान हो, उसे भाववाच्य कहते हैं।
उदाहरण:
- यहाँ धूम्रपान नहीं किया जाता।
- समय पर कठिन परिश्रम करना चाहिए।
(यहाँ न कर्ता है, न कर्म, केवल कार्य का भाव है।)
Q14) निम्नलिखित श्लोक का हिन्दी में अर्थ लिखिए?
नैनं छिंदन्ति शस्त्राणि, नैनं दहति पावकः।
न चैनं क्लेदयन्तापो, न शोषयति मारुतः।
Ans. आत्मा अविनाशी है।
उसको न तो किसी शस्त्र द्वारा काटा जा सकता है,
न ही अग्नि उसे जला सकती है।
उसे पानी गीला नहीं कर सकता
और न ही वायु सुखा सकती है।
अर्थात — आत्मा पर कोई भौतिक वस्तु प्रभाव नहीं डाल सकती। वह शाश्वत, अजर, अमर और अविनाशी है।
Q15) ‘गम्’ धातु का लृट लकार का रूप लिखिए?
Ans. धातु : गम् (जाना)
लकार : लृट् (अनद्यतन भविष्यत् काल)
लृट् लकार के रूप (गम् धातु)
प्रथम पुरुष (वे/वह)
- एकवचन : गमिष्यति — वह जाएगा
- द्विवचन : गमिष्यतः — वे दोनों जाएँगे
- बहुवचन : गमिष्यन्ति — वे सब जाएँगे
मध्यम पुरुष (तुम)
- एकवचन : गमिष्यसि — तुम जाओगे
- द्विवचन : गमिष्यथः — तुम दोनों जाओगे
- बहुवचन : गमिष्यथ — तुम सब जाओगे
उत्तम पुरुष (मैं/हम)
- एकवचन : गमिष्यामि — मैं जाऊँगा
- द्विवचन : गमिष्यावः — हम दोनों जाएँगे
- बहुवचन : गमिष्यामः — हम सब जाएँगे
Q16) शिक्षण अधिगम सामग्री से आप क्या समझते है? शिक्षण उपकरणों के नाम लिखिए?
Ans. शिक्षण-अधिगम सामग्री (TLM) का अर्थ :
शिक्षण-अधिगम सामग्री वे सभी साधन, वस्तुएँ, मॉडल, चित्र, चार्ट, उपकरण तथा गतिविधियाँ हैं जिनकी सहायता से शिक्षण को सरल, रोचक, स्पष्ट और प्रभावी बनाया जाता है।
इनका उद्देश्य बच्चे को विषयवस्तु को देखकर, सुनकर, छूकर, अनुभव करके सीखने का अवसर देना होता है।
सार रूप में—
जो भी सामग्री बच्चे के सीखने को आसान बनाती है, वह शिक्षण-अधिगम सामग्री कहलाती है।
शिक्षण उपकरणों के नाम :
शिक्षण-अधिगम में प्रयुक्त प्रमुख उपकरण निम्न हैं—
- ब्लैकबोर्ड / व्हाइटबोर्ड
- चार्ट, पोस्टर एवं चित्र
- मॉडल (3D मॉडल)
- फ्लैश कार्ड
- मानचित्र एवं ग्लोब
- प्रोजेक्टर / स्मार्ट क्लास सामग्री
- ऑडियो-वीडियो सामग्री
- शैक्षिक खिलौने (Learning Toys)
- कार्यपत्रक (Worksheets)
- विज्ञान प्रयोग सामग्री
Q17) ‘द्विगु’ समास किसे कहते है? सोदाहरण समझाइए?
Ans. द्विगु समास का अर्थ : जिस समास में पूर्वपद संख्या (जैसे—एक, द्वि, त्रि, पंच, षट् आदि) हो और वह संख्या उत्तरपद में निहित वस्तु या व्यक्तियों की संख्या बताए, उसे द्विगु समास कहते हैं।
द्विगु समास प्रायः बहुव्रीहि या तत्पुरुष समास की श्रेणी में आता है।
विशेषता :
- इसमें पहला पद संख्या होती है।
- उत्तरपद किसी वस्तु, जाति, समूह या व्यक्ति विशेष को दर्शाता है।
- समस्त पद मिलकर एक नए अर्थ वाला शब्द बनाते हैं।
उदाहरण :
- द्वि + गवः = द्विगवः
अर्थ — दो गायें। - पंच + जनाः = पञ्चजनाः
अर्थ — पाँच व्यक्ति। - षड् + ऋतवः = षडृतवः
अर्थ — छह ऋतुएँ। - द्वि + पादः = द्विपादः
अर्थ — दो पैर वाला (मनुष्य)।
Q18) अधोलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए?
(1) बाग के चारों ओर जल है।
Ans. उद्यानस्य सर्वतः वारि अस्ति।
(2) वह ब्राह्मण को दान देता है।
Ans. सः ब्राह्मणाय दानं ददाति।
(3) मोहन विद्यालय से घर जाता है।
Ans. मोहनः विद्यालयात् गृहं गच्छति।
(4) गुरु को नमस्कार है।
Ans. गुरवे नमः।