UP DELED 1st Semester Baal Vikas Question Paper 2025 आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका कोई भी शुल्क आपसे नही लिया जाएगा, आप आसानी से इसे हल कर सकेंगे । आइए विस्तार से सभी प्रश्नो को जानें –
प्रश्न-पुस्तिका
प्रथम सेमेस्टर-2025
प्रथम प्रश्न-पत्र
(बाल विकास)
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।
2. इस प्रश्न-पत्र में तीन प्रकार के (वस्तुनिष्ठ, अतिलघु उत्तरीय तथा लघु उत्तरीय) प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. मैक्डूगल के अनुसार मूल प्रवृत्तियों की संख्या होती है-
(1) पांच (2) आठ
(3) दस (4) चौदह
Ans. (4) चौदह
2. बुद्धि के द्वि खण्ड सिद्धान्त का अंग है-
(1) सामाजिक योग्यता (2) विशिष्ट बुद्धि
(3) वाचिक योग्यता (4) रुचि
Ans. (2) विशिष्ट बुद्धि
3. “बाल विकास का प्रत्यक्ष सम्बन्ध बाल व्यवहार से है।” परिभाषा किस मनोवैज्ञानिक ने दी है-
(1) गैरिसन (2) कुक
(3) स्किनर (4) वुडवर्थ
Ans. (2) कुक
4. थी-भारत में प्रथम मनोविज्ञानशाला की स्थापना कहां हुई –
(1) पश्चिम बंगाल (2) उत्तर प्रदेश-
(3) बिहार (4) उड़ीसा
Ans. (1) पश्चिम बंगाल
5. सी.ए.टी. (C.A.T.) किस प्रकार का व्यक्तित्व परीक्षण है-
(1) आत्मनिष्ठ (2) वस्तुनिष्ठ
(3) प्रक्षेपी (4) प्रश्नावली
Ans. (3) प्रक्षेपी
6. सीखने के नियम का प्रतिपादन किया-
(1) थार्नडाइक (2) स्किनर
(3) टॉलमैन (4) कोहलर
Ans. (1) थार्नडाइक
7. क्रिया-प्रसूत अधिगम सिद्धान्त का प्रयोग किया गया-
(1) वनमानुष (2) कुत्ता
(3) चूहा (4) बिल्ली
Ans. (3) चूहा
8. समान्तर माध्य का प्रतीक है-
(1) X̄ (2) S
(3) X (4) Z
Ans. (1) X̄ (एक्स बार)
9. 130 I.Q. वाला बालक कहलाता है-
(1) उत्कृष्ट (2) सामान्य
(3) प्रतिभाशाली (4) मूर्ख
Ans. (3) प्रतिभाशाली
10. डीवी के अनुसार तर्क के सोपान हैं-
(1) चार (2) तीन
(3) दो (4) पाँच
Ans. (1) चार
11. “समान, समान को ही जन्म देता है।” नियम है-
(1) प्रत्यागमन का नियम (2) जैव सांख्यिकि का नियम
(3) समानता का नियम (4) विभिन्नता का नियम
Ans. (3) समानता का नियम
12. ‘प्रबलन सिद्धान्त’ का प्रतिपादन किया-
(1) हल ने (2) स्किनर ने
(3) गुथरी ने (4) टालमैन ने
Ans. (2) स्किनर ने
13. अधिगम स्थानान्तरण के सिद्धान्त है-
(1) मानसिक शक्तियों का सिद्धान्त (2) समान तत्त्वों का सिद्धान्त
(3) सामान्यीकरण का सिद्धान्त (4) उपर्युक्त सभी
Ans. (4) उपर्युक्त सभी
14. स्मृति का अंग नहीं है-
(1) सीखना (2) धारण
(3) चिन्तन (4) पहचान
Ans. (3) चिन्तन
15. विभिन्न तथ्यों के बीच किसी एक ही तथ्य पर मन को एकाग्र किये रहना कहलाता है-
(1) अभ्यसन (2) ध्यान लगाना
(3) प्रत्यभिज्ञा (4) प्रस्मरण
Ans. (2) ध्यान लगाना
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
16. मानसिक विकास को प्रभावित करने वाले चार कारक लिखिए।
Ans. वंशानुक्रम, वातावरण, शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक स्थिति।
17. बुद्धि-लब्धि का सूत्र किसने दिया ?
Ans. टर्मन (Terman) ने I.Q. का सूत्र दिया:
18. रोर्शा स्याही-धब्बा परीक्षा द्वारा किसका माधन किया जाता है?
Ans. यह व्यक्तित्व का प्रक्षेपी परीक्षण है, जो व्यक्ति के अवचेतन मन, भावनाओं और सोच का मूल्यांकन करता है।
19. माध्यिका का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
Ans. डेटा को आरोही क्रम में रखने पर बीच में आने वाला मान माध्यिका कहलाता है। यह केंद्रीय प्रवृत्ति का एक मापक है।
20. अवधान से आप क्या समझते हैं?
Ans. मन को किसी तथ्य, वस्तु या कार्य पर एकाग्र करना अवधान कहलाता है। यह सीखने की महत्वपूर्ण मानसिक प्रक्रिया है।
21. अधिगम स्थानान्तरण के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
Ans. अधिगम स्थानान्तरण के प्रकार:
(1) सकारात्मक स्थानांतरण
(2) नकारात्मक स्थानांतरण
(3) शून्य स्थानांतरण
22. शैशवावस्था की प्रमुख दो विशेषताएं लिखिए।
Ans.
• तीव्र शारीरिक विकास,
• भाषा व सामाजिक व्यवहार का तेजी से विकास।
23. अधिगम अन्तरण क्या है?
Ans. एक सीखी गई क्रिया, ज्ञान या कौशल का प्रभाव दूसरी क्रिया या स्थिति पर पड़ना अधिगम अंतरण कहलाता है।
24. सी.ए.टी. का निर्माण किसने किया ?
Ans. बालकों के लिए C.A.T. (Children Apperception Test) का निर्माण बेलाक (Bellak) ने किया।
25. कल्पना के प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
Ans. कल्पना के प्रकार:
यांत्रिक कल्पना, सृजनात्मक कल्पना, पुनर्रचनात्मक कल्पना, स्वप्निल कल्पना।
26. रुचि का शैक्षिक महत्त्व लिखिए।
Ans. रुचि अध्ययन में सक्रियता, प्रेरणा और ध्यान बढ़ाती है जिससे सीखना सरल, स्थायी और प्रभावी बनता है।
27. मात्रा का सिद्धान्त किसने दिया ?
Ans. जेम्स (James) ने मात्रा का सिद्धान्त दिया।
28. प्रासंगिक अन्तर्वाध परीक्षण के निर्माणकर्ता का नाम लिखिए।
Ans. हेनरी ए. मरे (Henry A. Murray) और क्रिस्टीना डी. मॉर्गन
29. समायोजन क्या है?
Ans. व्यक्ति का अपने वातावरण, परिस्थितियों और सामाजिक मांगों के अनुरूप स्वयं को ढालना समायोजन है।
30. वैयक्तिक विभिन्नतां का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
Ans. एक ही आयु, वर्ग व परिस्थिति के व्यक्तियों में पाई जाने वाली क्षमताओं, रुचियों, बुद्धि व व्यवहार के अंतर को वैयक्तिक विभिन्नता कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
31. अभिप्रेरणा का शिक्षा में महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
Ans. अभिप्रेरणा शिक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह विद्यार्थी के भीतर सीखने की इच्छा, रुचि और उत्साह उत्पन्न करती है। अभिप्रेरणा के कारण छात्र सक्रिय रूप से पढ़ाई में भाग लेते हैं, कठिन विषयों को भी सीखने का प्रयास करते हैं और अपने लक्ष्य की ओर प्रयासरत रहते हैं। यह ध्यान, एकाग्रता तथा आत्मविश्वास को बढ़ाती है, जिससे सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी, सार्थक और स्थायी बन जाती है।
अतः अभिप्रेरणा शिक्षा का मूल आधार है जो विद्यार्थी को निरंतर सीखने के लिए प्रेरित करती है।
32. सीखने के वक्त से आप क्या समझते हैं? इनके विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
Ans. सीखने के वक्त (Kinds of Learning Situation) से आशय उन परिस्थितियों या स्थितियों से है जिनमें विद्यार्थी सीखने की प्रक्रिया को अनुभव करता है। सीखना केवल कक्षा या पाठ्य-पुस्तक तक सीमित नहीं होता, बल्कि विभिन्न परिस्थितियाँ—जैसे अवलोकन, अनुकरण, अनुभव, समस्या-समाधान, अभ्यास आदि—भी सीखने को प्रभावित करती हैं। अलग-अलग सीखने की स्थितियाँ विद्यार्थी के व्यवहार, कौशल, ज्ञान और दृष्टिकोण में परिवर्तन लाती हैं।
सीखने की स्थितियों (वक्त) के प्रकार
- प्रत्यक्ष अनुभव द्वारा सीखना (Learning by Direct Experience)
विद्यार्थी किसी वस्तु या घटना को स्वयं देखकर, छूकर, करके सीखता है।
जैसे- पौधा लगाना, प्रयोग करना। - अनुकरण द्वारा सीखना (Learning by Imitation)
बच्चे बड़ों, शिक्षकों या साथियों के व्यवहार की नकल करके सीखते हैं।
जैसे- शिक्षक के बोलने या लिखने के तरीके की नकल करना। - अभ्यास द्वारा सीखना (Learning by Practice)
बार–बार दोहराने से कौशल विकसित होता है।
जैसे- गणित के सवालों का अभ्यास, लिखावट का अभ्यास। - अंतर्दृष्टि (Insight) द्वारा सीखना
अचानक समाधान मिल जाना, समस्या का हल समझ में आ जाना।
जैसे- पहेली या गणित के प्रश्न का अचानक उत्तर मिलना। - परीक्षण–त्रुटि द्वारा सीखना (Trial and Error Learning)
गलतियाँ करके सही तरीका खोजना।
जैसे- साइकिल चलाना, ताला खोलना। - शर्तबंधन द्वारा सीखना (Conditioning Learning)
किसी क्रिया को बार-बार एक विशेष प्रतिक्रिया से जोड़ देना।
जैसे- घंटी बजते ही बच्चे का कक्षा में शांत हो जाना।
33. किन्हीं दो प्रक्षेपी परीक्षण का उल्लेख कीजिए।
Ans. क्षेपी परीक्षण (Projective Tests) ऐसे मनोवैज्ञानिक परीक्षण होते हैं जिनमें व्यक्ति अपनी भावनाएँ, इच्छाएँ, व्यक्तित्व और अवचेतन प्रवृत्तियाँ अस्पष्ट चित्रों, शब्दों या परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया देकर प्रकट करता है।
दो प्रमुख प्रक्षेपी परीक्षण इस प्रकार हैं—
1. रोर्शा स्याही-धब्बा परीक्षण (Rorschach Ink Blot Test)
इस परीक्षण में अलग-अलग आकृतियों वाले 10 स्याही-धब्बों को दिखाकर व्यक्ति से पूछा जाता है कि वह इनमें क्या देखता है।
इससे व्यक्ति की कल्पना शक्ति, व्यक्तित्व, भावनाएँ और मानसिक स्थिति का पता चलता है।
2. थीमेटिक एपर्सेप्शन टेस्ट (T.A.T.)
इसमें विभिन्न चित्र दिखाकर व्यक्ति से कहानी बनाने को कहा जाता है।
उन कहानियों के माध्यम से उसके विचार, भावनाएँ, संघर्ष, इच्छाएँ एवं व्यक्तित्व लक्षण समझे जाते हैं।
अतः रोर्शा परीक्षण और टी.ए.टी. प्रक्षेपी परीक्षण के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
34. बालक में विस्मरण कम करने के दो उपाय बताइए।
Ans. बालक में विस्मरण (Forgetfulness) कम करने के लिए निम्न दो प्रभावी उपाय हैं—
1. नियमित पुनरावृत्ति (Regular Revision)
• बार–बार दोहराने से सीखी हुई जानकारी लंबे समय तक स्मृति में रहती है।
• नियमित अभ्यास बच्चे के भूलने की प्रवृत्ति को कम करता है।
2. अर्थपूर्ण अधिगम (Meaningful Learning)
• जब बच्चा किसी विषय को समझकर, उदाहरणों और अनुभवों से जोड़कर सीखता है, तो वह अधिक समय तक याद रहता है।
• रटने की बजाय समझकर सीखना विस्मरण को कम करता है।
35. वंशानुक्रम के नियमों का वर्णन कीजिए।
Ans. वंशानुक्रम (Heredity) के नियम वे सिद्धान्त हैं जो बताते हैं कि माता-पिता के गुण किस प्रकार संतानों में स्थानांतरित होते हैं। इनका प्रतिपादन ग्रेगर मेंडल ने मटर के पौधों पर किए गए प्रयोगों से किया था। वंशानुक्रम के प्रमुख नियम निम्न हैं—
1. गुणों का पृथक्करण का नियम (Law of Segregation)
मेंडल के अनुसार प्रत्येक गुण के लिए दो कारक (genes) होते हैं—एक माता से और एक पिता से।
संतान बनते समय ये दोनों कारक अलग-अलग हो जाते हैं और संतान में किसी एक रूप में व्यक्त होते हैं।
जैसे—लम्बा और बौना गुण अलग-अलग हो सकते हैं।
2. स्वतंत्र वर्गीकरण का नियम (Law of Independent Assortment)
मेंडल ने बताया कि दो या अधिक गुण एक-दूसरे से स्वतंत्र रूप से संतानों में जाते हैं।
अर्थात् एक गुण का दूसरे गुण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
जैसे—बीज का आकार और रंग स्वतंत्र रूप से संतानों में अभिव्यक्त होंगे।
3. प्रभुत्व का नियम (Law of Dominance)
यदि दो विपरीत गुण साथ हों, तो एक गुण (Dominant) दिखाई देता है और दूसरा (Recessive) छिप जाता है।
जैसे—लम्बाई का गुण बौनेपन पर हावी हो जाता है।
36. अधिगम की विशेषताएं लिखिए।
Ans. अधिगम (Learning) वह प्रक्रिया है जिसमें अनुभव, अभ्यास और वातावरण के प्रभाव से व्यक्ति के व्यवहार में स्थायी परिवर्तन आता है। अधिगम की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—
1. अधिगम व्यवहार में स्थायी परिवर्तन लाता है
सीखने से व्यक्ति के विचार, आदतें, कौशल और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में बदलाव आता है, जो सामान्यतः स्थायी होता है।
2. अधिगम अनुभव और अभ्यास पर निर्भर करता है
बार-बार अभ्यास, गतिविधियाँ, प्रयोग और अनुभव सीखने को गहरा और प्रभावी बनाते हैं।
3. अधिगम एक निरंतर एवं आजीवन प्रक्रिया है
मनुष्य जन्म से लेकर जीवन के अंतिम क्षण तक सीखता रहता है। सीखना किसी उम्र या स्थान तक सीमित नहीं है।
4. अधिगम उद्देश्यपूर्ण होता है
बच्चा हमेशा किसी लक्ष्य—जैसे परीक्षा में सफलता, कौशल विकसित करना या समस्या हल करना—के लिए सीखता है।
5. अधिगम व्यक्ति और परिस्थिति के अनुसार भिन्न होता है
हर बच्चे की रुचि, बुद्धि, क्षमता और सीखने की गति अलग होती है; इसलिए अधिगम के परिणाम भी अलग-अलग होते हैं।
6. अधिगम वातावरण से प्रभावित होता है
परिवार, विद्यालय, शिक्षक, सहपाठी और सामाजिक वातावरण सीखने को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
7. अधिगम अनुकूलन में सहायक होता है
सीखने के माध्यम से बच्चा अपने परिवेश में ढलना, समस्याओं का समाधान करना और नई परिस्थितियों का सामना करना सीखता है।
8. अधिगम सभी व्यक्तियों में सार्वभौमिक है
हर मनुष्य किसी न किसी रूप में सीखता है, चाहे वह औपचारिक (school) हो या अनौपचारिक (घर, समाज)।
37. स्मृति के प्रभावी कारकों का उल्लेख कीजिए।
Ans. स्मृति (Memory) वह क्षमता है जिसके द्वारा व्यक्ति सीखी हुई जानकारी को सुरक्षित रखता है और आवश्यकता पड़ने पर याद कर पाता है। स्मृति को प्रभावी बनाने में अनेक कारक भूमिका निभाते हैं। स्मृति के प्रमुख प्रभावी कारक इस प्रकार हैं—
1. ध्यान (Attention)
किसी विषय पर जितना अधिक ध्यान और एकाग्रता होती है, स्मरण उतना ही बेहतर होता है।
ध्यान के बिना स्मृति स्थायी नहीं बनती।
2. रुचि (Interest)
जिस विषय में बच्चा रुचि रखता है, उसे वह जल्दी और लंबे समय तक याद रखता है।
रुचि की कमी होने पर याद रखना कठिन होता है।
3. पुनरावृत्ति (Repetition)
बार-बार दोहराने से सीखी हुई सामग्री मस्तिष्क में अच्छे से बैठ जाती है।
नियमित अभ्यास स्मृति को मजबूत करता है।
4. समझ (Understanding)
समझकर सीखी गई जानकारी अधिक समय तक याद रहती है, जबकि रटने से जल्दी भूल होने की संभावना होती है।
5. मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य (Mental & Physical Health)
स्वस्थ शरीर और मन स्मृति को बढ़ाते हैं। थकान, तनाव या बीमारी स्मृति को कमजोर बनाते हैं।
6. अर्थपूर्णता (Meaningfulness)
जो सामग्री अर्थपूर्ण, स्पष्ट और अनुभवों से जुड़ी होती है, उसे याद रखना आसान होता है।
7. अनुकूल वातावरण (Favorable Environment)
शांत, व्यवस्थित और सकारात्मक वातावरण स्मरण शक्ति बढ़ाता है, जबकि शोर, तनाव और अव्यवस्था स्मृति को प्रभावित करते हैं।
8. स्मृति की विधियाँ (Use of Mnemonics/Techniques)
योजना बनाना, सारांश बनाना, रूपरेखा, चित्र, तालिका, संकेत शब्द आदि का प्रयोग स्मृति को प्रभावी बनाता है।
38. अवधान केन्द्रित करने के कोई चार उपाय बताइए।
Ans. अवधान (Attention) केंद्रित करने के चार उपाय —
(1) स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करना:
जब छात्र को यह पता होता है कि उसे क्या और क्यों पढ़ना है, तो उसका ध्यान स्वभाविक रूप से उसी दिशा में केंद्रित रहता है। स्पष्ट एवं छोटे-छोटे लक्ष्य ध्यान को स्थिर रखते हैं।
(2) अनुकूल अध्ययन वातावरण बनाना:
शांत, स्वच्छ, व्यवस्थित व बिना व्यवधान वाला वातावरण ध्यान बढ़ाता है। मोबाइल, टीवी, शोर आदि ध्यान भंग करने वाली चीज़ों को दूर रखना जरूरी है।
(3) विषय को रोचक बनाना:
चित्र, उदाहरण, कहानी, मॉडल, गतिविधियाँ आदि का प्रयोग करने से अवधान स्वतः बढ़ता है। यदि विषय में रुचि बढ़ेगी तो ध्यान भी केंद्रित रहेगा।
(4) नियमित अभ्यास और विश्राम का संतुलन:
नियमित अभ्यास से मन एकाग्र होने की आदत विकसित करता है। साथ ही बीच-बीच में छोटे विश्राम लेने से मानसिक थकान कम होती है और ध्यान की गुणवत्ता बढ़ती है।
39. वायगोत्सकी के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
Ans. सोवियत मनोवैज्ञानिक लेव वायगोत्स्की ने सामाजिक-सांस्कृतिक अधिगम सिद्धांत (Socio-Cultural Theory of Learning) प्रस्तुत किया। उनका मत था कि बच्चे का ज्ञान केवल व्यक्तिगत अनुभव से नहीं बनता, बल्कि सामाजिक परिवेश, भाषा, तथा अनुभवी व्यक्तियों से संवाद के माध्यम से विकसित होता है।
वायगोत्स्की के सिद्धांत के मुख्य बिंदु —
(1) सामाजिक अन्तःक्रिया (Social Interaction):
बच्चा दूसरों से बातचीत, अनुकरण और मार्गदर्शन के माध्यम से सीखता है। ज्ञान का निर्माण सामाजिक संपर्क के बिना संभव नहीं है।
(2) समीपी विकास क्षेत्र (ZPD – Zone of Proximal Development):
यह वह क्षेत्र है जहाँ बच्चा थोड़ी सहायता से कठिन कार्य कर सकता है। बिना सहायता के नहीं, और पूरी सहायता से भी नहीं—बल्कि उचित मार्गदर्शन में वह अपनी वास्तविक क्षमता तक पहुँचता है।
(3) सहारा (Scaffolding):
शिक्षक या अनुभवी व्यक्ति द्वारा दी गई क्रमिक व उपयुक्त सहायता को ‘स्कैफोल्डिंग’ कहते हैं। जैसे-जैसे बच्चा सक्षम होता जाता है, सहायता कम की जाती है।
(4) भाषा की भूमिका:
वायगोत्स्की के अनुसार भाषा सोच और अधिगम दोनों का आधार है। बच्चा भाषाई संवाद से अर्थ समझता है और उच्च स्तर की मानसिक क्रियाएँ विकसित करता है।
40. चिन्तन के पाँच तत्त्वों का उल्लेख कीजिए।
Ans. चिंतन एक मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें मनुष्य किसी समस्या का समाधान खोजने या निर्णय लेने के लिए अपने ज्ञान, अनुभव एवं तर्क का उपयोग करता है। इसके मुख्य पाँच तत्त्व निम्नलिखित हैं—
(1) समस्या (Problem): चिंतन की शुरुआत किसी समस्या या प्रश्न से होती है। जब मन किसी कठिनाई को अनुभव करता है, तब चिंतन प्रारम्भ होता है।
(2) जानकारी एवं अनुभव (Information & Experience): चिंतन के लिए पूर्व ज्ञान, जानकारी और अनुभव की आवश्यकता होती है। मन इन्हीं आधारों पर समाधान खोजता है।
(3) विश्लेषण (Analysis): उपलब्ध तथ्यों, सूचनाओं और विकल्पों का क्रमबद्ध अध्ययन व तुलना विश्लेषण कहलाता है। यह चिंतन का मुख्य भाग है।
(4) तर्क (Reasoning): तर्क के माध्यम से व्यक्ति सही-गलत का निर्धारण करता है और संभावनाओं का मूल्यांकन करता है।
(5) निष्कर्ष (Conclusion): तर्क व विश्लेषण के बाद प्राप्त अंतिम निर्णय या समाधान निष्कर्ष कहलाता है। यही चिंतन की अंतिम अवस्था है।