UP DELED 1st Semester Science Question Paper 2025 आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका कोई भी शुल्क आपसे नही लिया जाएगा, आप आसानी से इसे हल कर सकेंगे । आइए विस्तार से सभी प्रश्नो को जानें –
प्रश्न-पुस्तिका
प्रथम सेमेस्टर-2025
तृतीय प्रश्न-पत्र
(विज्ञान)
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।
2. इस प्रश्न-पत्र में तीन प्रकार के (वस्तुनिष्ठ, अतिलघु उत्तरीय तथा लघु उत्तरीय) प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. बल में होता है-
(1) केवल परिमाण (2) केवल दिशा
(3) परिमाण व दिशा दोनों (4) न परिमाण न ही दिशा
Ans. (3) परिमाण व दिशा दोनों
2. उर्ध्वपातज पदार्थ का उदाहरण नहीं है-
(1) कपूर (2) नमक
(3) आयोडीन (4) नौसादर
Ans. (2) नमक
3. एक फुट बराबर होता है-
(1) 25.48 सेमी (2) 29.48 सेमी
(3) 30.48 सेमी (4) 28.48 सेमी
Ans. (3) 30.48 सेमी
4. किसी घुलनशील ठोस पदार्थ को द्रव से पृथक करने की विधि है-
(1) निधारना (2) छानना
(3) तलछटीकरण (4) वाष्पीकरण
Ans. (4) वाष्पीकरण
5. चने के बीज में दो हल्के पीले रंग की संरचनाओं का नाम है-
(1) बीजपत्र (2) मूलांकुर
(3) बीजचोल (4) भ्रूण
Ans. (1) बीजपत्र
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
6. पुष्प के चार प्रमुख भागों के नाम लिखिए।
Ans. पुष्प के चार मुख्य भाग—
- पुष्पासन
- पुष्पदल (दले)
- पुंकेसर
- अंडप (गर्भाशय)
7. सिंघाड़ा तथा आर्किड की जड़ें किस प्रकार एक दूसरे से भिन्न हैं?
Ans.
- सिंघाड़ा की जड़ें— सामान्य भूमिगत जड़ें, पोषण व मजबूती हेतु।
- आर्किड की जड़ें— वायवीय (एरियल) जड़ें, हवा से नमी अवशोषित करती हैं।
8. एक एंग्स्ट्रॉम (Å) में कितने मीटर होते हैं?
Ans. 1 Å = 10⁻¹⁰ मीटर
9. मूल मात्रक किसे कहते हैं? कोई दो उदाहरण भी दीजिए।
Ans. वे मात्रक जो किसी अन्य मात्रक पर निर्भर नहीं होते, मूल मात्रक कहलाते हैं।
उदाहरण— मीटर (m), किलोग्राम (kg)
10. पदार्थ की वह कौन सी अवस्था है, जिसमें पदार्थ का आयतन तो निश्चित होता है किन्तु आकृति अनिश्चित होती है।
Ans. द्रव अवस्था (Liquid state)
11. भंगुर एवं अभंगुर पदार्थ किसे कहते हैं? प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
Ans.
- भंगुर पदार्थ— ज़रा बल पड़ने पर टूट जाते हैं।
उदाहरण: काँच, चाक। - अभंगुर पदार्थ— बल पड़ने पर नहीं टूटते, लचीले होते हैं।
उदाहरण: रबर, प्लास्टिक।
लघु उत्तरीय प्रश्न
12. अलैंगिक जनन के अन्तर्गत विखण्डन एवं मुकुलन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
Ans. अलैंगिक जनन वह प्रक्रिया है जिसमें एक ही जीव से बिना लैंगिक कोशिकाओं के प्रयोग के नए जीव उत्पन्न होते हैं। इसके दो प्रमुख प्रकार विखण्डन (Fragmentation) तथा मुकुलन (Budding) हैं।
1. विखण्डन (Fragmentation)
जब कोई बहुकोशीय जीव अपने शरीर के टुकड़ों (खण्डों) में विभाजित हो जाता है और प्रत्येक खण्ड से एक नया पूर्ण जीव विकसित हो जाता है, तो इस प्रक्रिया को विखण्डन कहते हैं।
कैसे होता है:
- जीव का शरीर स्वाभाविक या बाहरी कारणों से कई भागों में टूट जाता है।
- प्रत्येक भाग में पुनर्निर्माण (Regeneration) की क्षमता होती है।
- ये भाग नए जीव के रूप में विकसित हो जाते हैं।
उदाहरण:
- स्पाइरोगाइरा (Spirogyra) – इसके तंतु टूटने पर प्रत्येक तंतु नया पौधा बना लेता है।
- प्लैनैरिया (Planaria) – इसके शरीर का कोई भी छोटा हिस्सा नया पूर्ण जीव बना देता है।
2. मुकुलन (Budding)
परिभाषा:
जब जीव के शरीर पर एक छोटा उभार (कली/मुकुल) बनता है और यह उभार बढ़कर नया जीव बन जाता है, तो इस प्रक्रिया को मुकुलन कहते हैं।
कैसे होता है:
- शरीर की किसी विशेष जगह पर कली निकलती है।
- कली धीरे-धीरे आकार में बढ़ती है।
- कुछ जीवों में कली माता जीव से अलग होकर स्वतंत्र बन जाती है, जबकि कुछ में उपनिवेश (Colony) बन जाता है।
उदाहरण:
- यीस्ट (Yeast) – एककोशीय कवक, इसमें छोटी कली बनकर नई कोशिका बना देती है।
- हाइड्रा (Hydra) – इसके शरीर पर कली बनती है जो बढ़ने पर अलग होकर नया हाइड्रा बन जाती है।
13. प्रयोगशाला थर्मामीटर का चित्र बनाइए। सेण्टीग्रेड तथा फॉरेनहाइट स्केल में परिवर्तन का सूत्र लिखिए।
Ans.

तापमान परिवर्तन सूत्र :
- °C = (°F – 32) × 5/9
- °F = (°C × 9/5) + 32
14. मृदु साबुन एवं कठोर साबुन में क्या अन्तर है उदाहरण सहित समझाइए।
Ans. साबुन दो प्रकार के होते हैं—मृदु (Soft Soap) और कठोर (Hard Soap)। दोनों में मुख्य अन्तर उनके निर्माण में प्रयुक्त क्षार (Alkali) तथा उपयोगिता के आधार पर होता है।
(1) मृदु साबुन (Soft Soap)
- मृदु साबुन का निर्माण पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH) से किया जाता है।
- यह नरम, चिकना और अधिक घुलनशील होता है।
- इसका प्रयोग मुख्यतः नाज़ुक कपड़ों, रेशमी वस्त्रों, सुंदरता प्रसाधनों तथा बर्तनों की सफाई में होता है।
- यह त्वचा पर भी कोमल प्रभाव डालता है।
- उदाहरण: हैंडवॉश, शैम्पू, द्रव (liquid) साबुन आदि।
(2) कठोर साबुन (Hard Soap)
- कठोर साबुन का निर्माण सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) से किया जाता है।
- यह ठोस, कम घुलनशील तथा अधिक झाग देने वाला होता है।
- इसका उपयोग सामान्यतः कपड़े धोने, सफाई कार्यों तथा नहाने वाले साबुन के रूप में भी किया जाता है।
- कठोर पानी में भी इसका उपयोग प्रभावी होता है।
- उदाहरण: लाइफबॉय, रिन, लक्स, लिरिल आदि ठोस साबुन।
मुख्य अन्तर (तालिका में)
| मृदु साबुन | कठोर साबुन |
|---|---|
| पोटाश (KOH) से बनता है | सोडा (NaOH) से बनता है |
| मुलायम, त्वचा के लिए उपयुक्त | कठोर, कपड़े धोने में उपयोगी |
| आसानी से घुलता है | कम घुलनशील |
| उदाहरण: पोटैशियम साबुन | उदाहरण: लाइफबॉय, रिन |
15. घर्षण बल किसे कहते हैं? दैनिक जीवन में घर्षण बल का क्या महत्त्व है? उदाहरण देते हुए समझाइए।
Ans. घर्षण बल वह बल है जो किसी वस्तु की गति का विरोध करता है। जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में होकर सरकती हैं या सरकने का प्रयास करती हैं, तब उनके बीच उत्पन्न विरोधी बल को घर्षण बल कहते हैं।
घर्षण बल का दैनिक जीवन में महत्त्व
घर्षण बल हमारे जीवन में अत्यंत आवश्यक है। बिना घर्षण के न तो चलना सम्भव होगा और न ही कोई वस्तु स्थिर रहेगी। इसकी प्रमुख उपयोगिताएँ निम्न हैं—
(1) चलने में सहायता करता है
- जब हम जमीन पर पैर रखते हैं तो जमीन और जूते के बीच का घर्षण हमें फिसलने नहीं देता।
उदाहरण: चिकनी फर्श पर घर्षण कम होने के कारण हम फिसल जाते हैं।
(2) वाहन चलाने में उपयोगी
- सड़क और टायर के बीच घर्षण होने के कारण ही वाहन चलते, रुकते और मोड़ते हैं।
उदाहरण: बारिश में सड़क गीली होने से घर्षण कम हो जाता है, जिससे स्कूटर या बाइक फिसलने लगती है।
(3) वस्तुओं को पकड़ने में मदद
- घर्षण की वजह से ही हम पेन पकड़ सकते हैं, किताबों को हाथ में पकड़ सकते हैं।
उदाहरण: हाथ और पेन के बीच घर्षण न हो तो पेन फिसल जाएगा।
(4) आग जलाने में सहायक
- दो सूखी लकड़ियों को रगड़ने पर घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिससे आग जल सकती है।
16. पदार्थों के पृथक्करण से आप क्या समझते हैं? आसवन तथा अपकेन्द्रण विधियों को उदाहरण सहित समझाइए।
Ans. पदार्थों का पृथक्करण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी मिश्रण के घटकों को उनकी भौतिक गुणों—जैसे घुलनशीलता, उबलांक, घनत्व, आकार आदि—के आधार पर अलग किया जाता है। इससे शुद्ध पदार्थ प्राप्त होते हैं और विभिन्न पदार्थों का उपयोग सही रूप से किया जा सकता है।
1. आसवन (Distillation)
आसवन वह विधि है जिसमें किसी द्रव मिश्रण के घटकों को उनके भिन्न–भिन्न उबलांक के आधार पर अलग किया जाता है।
कैसे किया जाता है?
- मिश्रण को गर्म किया जाता है।
- कम उबलांक वाला द्रव पहले भाप बनकर ऊपर उठता है।
- भाप को ठंडा करने पर वह फिर से द्रव (संघनन) में बदल जाता है।
- इस प्रकार द्रवों को अलग किया जाता है।
उदाहरण :
- समुद्री जल से शुद्ध जल प्राप्त करना।
- अल्कोहल और पानी के मिश्रण को अलग करना।
2. अपकेन्द्रण (Centrifugation)
अपकेन्द्रण वह प्रक्रिया है जिसमें किसी मिश्रण को तेजी से घुमाकर भारी कणों को नीचे तथा हल्के कणों को ऊपर अलग किया जाता है।
यह उन मिश्रणों के लिए उपयुक्त है जिन्हें सामान्य छानने से अलग नहीं किया जा सकता।
कैसे किया जाता है?
- मिश्रण को ट्यूब में डालकर मशीन में रखा जाता है।
- तीव्र गति से घुमाने पर भारी कण नीचे तल पर जम जाते हैं।
- हल्का द्रव ऊपर रह जाता है।
उदाहरण :
- दूध से क्रीम निकालना।
- प्रयोगशाला में रक्त के घटकों (प्लाज्मा व कण) को अलग करना।
17. सरल एवं संयुक्त पत्ती में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
Ans. सरल एवं संयुक्त पत्ती में अन्तर:
| क्रम संख्या | सरल पत्ती (Simple Leaf) | संयुक्त पत्ती (Compound Leaf) |
|---|---|---|
| 1. | जिस पत्ती की केवल एक ही ब्लेड (Lamina) हो, उसे सरल पत्ती कहते हैं। | जिस पत्ती में पत्ती-फलक कई छोटे-छोटे पर्णिकाओं (Leaflets) में विभाजित हो, उसे संयुक्त पत्ती कहते हैं। |
| 2. | पत्ती का एक ही पेटियोल (डंठल) होता है। | सभी पर्णिकाएँ एक ही मुख्य पेटियोल से जुड़ी होती हैं। |
| 3. | टूटने पर पत्ती पूरी की पूरी गिरती है। | टूटने पर केवल पर्णिकाएँ गिरती हैं, पूरी पत्ती नहीं। |
| 4. | उदाहरण : पीपल, आम, नीम (कुछ में सरल पत्ती) | उदाहरण : गुलमोहर, बेर, नीम (अधिकतर में संयुक्त पत्ती) |
18. पुष्प को परिभाषित करते हुए इसके विभिन्न भागों का नामांकित चित्र बनाइए।
Ans. पुष्प (Flower) पादप का वह प्रजनन अंग है, जहाँ बीज बनाने वाली संरचनाएँ पाई जाती हैं। यह पौधे का सबसे आकर्षक और रंगीन भाग होता है जो परागण एवं निषेचन की क्रियाओं में सहायक होता है।
पुष्प के प्रमुख भाग
- दल (Petals) – रंगीन भाग, कीटों को आकर्षित करते हैं।
- दलचक्र/दलपुंज (Sepals) – कली की अवस्था में पुष्प की रक्षा करते हैं।
- केसर (Stamen) – नर जननांग, जिसमें परागकण बनते हैं।
- स्त्रीकेसर (Pistil/Carpel) – मादा जननांग, जिसमें अंडाशय, वर्तिकाग्र और वर्तिका शामिल हैं।
