UP DELED 2nd Semester Vartamaan Bhaarateey Samaaj Evan Prarambhik Shiksha Question Paper 2025 आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं। जिसका कोई भी शुल्क आपसे नही लिया जाएगा, आप आसानी से इसे हल कर सकेंगे । आइए विस्तार से सभी प्रश्नो को जानें –
प्रश्न-पुस्तिका
द्वितीय सेमेस्टर – 2025
प्रथम प्रश्न-पत्र
(वर्तमान भारतीय समाज एवं प्रारम्भिक शिक्षा)
1. सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के निर्धारित अंक प्रश्न के सम्मुख दिये गये हैं।
2. इस प्रश्न-पत्र में तीन प्रकार के (वस्तुनिष्ठ, अतिलघु उत्तरीय तथा लघु उत्तरीय) प्रश्न हैं। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के सही विकल्प छाँटकर अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखें। अति लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग तीस (30) शब्दों में, लघु उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर लगभग पचास (50) शब्दों में लिखिए।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
Q1) राधाकृष्णन आयोग की संस्तुतियां सम्बन्धित थी-
1) उच्च शिक्षा से 2) माध्यमिक शिक्षा से
3) प्राथमिक शिक्षा से 4) तकनीकी शिक्षा से
Ans. 1) उच्च शिक्षा से
Q2) वैदिक कालीन शिक्षा किस दर्शन पर आधारित थी-
1) प्रकृतिवाद 2) आदर्श याद
3) समाजवाद 4) व्यवहार वाद
Ans. 2) आदर्श याद
Q3) दर्शनशास्त्र अत्यन्त ही… है।
1) नवीन 2) प्राचीन
3) आधुनिक 4) उपरोक्त सभी
Ans. 4) उपरोक्त सभी
Q4) “प्राथमिक शाला में भाषा शिक्षा” नामक पुस्तक के लेखक है-
1) रवीन्द्रनाथ टैगोर 2) गिजू भाई बधेका
3) स्वामी विवेकानन्द 4) महात्मा गाँधी
Ans. 2) गिजू भाई बधेका
Q5) 6 से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों को अनिवार्य शिक्षा की व्यवस्था का वर्णन संविधान के किस धारा के अन्तर्गत किया गया है-
1) 45 2) 49
3) 26 4) 50
Ans. 1) 45
Q6) मूल्यों के विकास का सम्बन्ध किस पक्ष में होता है-
1) ज्ञानात्मक 2) कौशलात्मक
3) भावात्मक 4) मनोगत्यात्मक
Ans. 3) भावात्मक
Q7) मनुष्यों में मूल्य के विकास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है-
1) आर्थिक पक्ष 2) परिवार
3) भौतिक सुविधाएं 4) विदेशी मित्र
Ans. 2) परिवार
Q8) शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य है-
1) शारीरिक विकास 2) मानसिक विकास
3) सर्वांगीण विकास 4) नैतिक विकास
Ans. 3) सर्वांगीण विकास
Q9) मदरसों में शिक्षा का माध्यम था-
1) फारसी 2) अरबी
3) उर्दू 4) उपरोक्त सभी
Ans. 4) उपरोक्त सभी
Q10) निस्यंदन सिद्धांत किसने दिया था-
1) हण्टर 2) मैकाले
3) वुड 4) फ्रांसिस
Ans. 3) वुड
Q11) प्रकृतिवाद का श्रेष्ठ योगदान शिक्षा के किस क्षेत्र में है-
1) उद्देश्य 2) शिक्षण विधि
3) पाठ्यक्रम 4) अनुशासन
Ans. 2) शिक्षण विधि
Q12) शिक्षा में प्रयोजनयादी शिक्षा है-
1) अनुभव केन्द्रित 2) विषय केन्द्रित
3) पाठ्यक्रम केन्द्रित 4) बाल केन्द्रित
Ans. 1) अनुभव केन्द्रित
Q13) शिक्षा से मेरा अभिप्राय है-” बालक और मनुष्य मस्तिष्क और आत्मा में पाये जाने वाले सर्वोत्तम गुणों का चतुर्मुखी विकास”।
यह कथन किसका है-
1) महात्मा गाँधी 2) विवेकानंद
3) शंकराचार्य 4) टैगोर
Ans. 1) महात्मा गाँधी
Q14) जनसंख्या शिक्षा पर प्रथम राष्ट्रीय सेमिनार कहाँ आयोजित किया गया था?
1) कलकत्ता 2) सूरत
3) दिल्ली 4) मुम्बई
Ans. 3) दिल्ली
Q15) “डेमोक्रेसी एण्ड एजूकेशन पुस्तक के लेखक है-
1) मांण्टेसरी 2) प्लेटो
3) जॉन डी.वी. 4) रूसो
Ans. 3) जॉन डी.वी.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
Q16) शिक्षा क्या है?
Ans. शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास की प्रक्रिया है।
Q17) “अध्यापक का स्थान पर्दे के पीछे’, यह कथन किसका है?
Ans. जॉन डी.वी.
Q18) पर्यावरण संरक्षण अधिनियम कब बना?
Ans. 1986
Q19) किन्ही तीन मूल्यों के नाम लिखे?
Ans. सत्य, अहिंसा, सहयोग
Q20) राष्ट्रीय बालश्रम नीति कब घोषित की गयी?
Ans. 1987
Q21) शिक्षा का मैग्नाकाटा किसे कहा गया है?
Ans. राइट टू एजुकेशन (RTE) अधिनियम को शिक्षा का मैग्नाकाटा कहा गया है।
Q22) संकुचित रूप में शिक्षा का स्वरूप क्या हैं?
Ans. विद्यालय में दी जाने वाली औपचारिक शिक्षा।
Q23) “वसुधैव कुटुम्बकम” इस सूक्ति का आशय स्पष्ट करें।
Ans. सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है।
Q24) आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता किसे कहा गया है?
Ans. जॉन लॉक
Q25) ‘उपनयन’ का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?
Ans. गुरु के समीप ले जाना।
Q26) ग्राम शिक्षा समिति का अध्यक्ष कौन होता है?
Ans. ग्राम प्रधान
Q27) किस दर्शन को अर्थ क्रियाबाद, व्यवहारवाद, कारणवाद, अनुभववाद के नाम से जाना जाता है?
Ans. प्रयोजनवाद
Q28) आदर्शवाद के अनुसार किस जगत का महत्वपूर्ण स्थान है?
Ans. आध्यात्मिक जगत
Q29) प्रयोजनवाद के अनुसार सर्वोच्च सत्ता किसकी है?
Ans. अनुभव की
Q30) आदर्शवादी शिक्षा की कितनी विधियाँ है?
Ans. तीन
लघु उत्तरीय प्रश्न
Q31) मानव जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालिए।
Ans. मानव जीवन में शिक्षा का अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान, कौशल एवं सही-गलत का बोध कराती है। यह मानव के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक तथा भावनात्मक विकास में सहायक होती है। शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास करता है और आत्मनिर्भर बनता है। शिक्षा समाज में समरसता, अनुशासन एवं जिम्मेदारी की भावना विकसित करती है तथा व्यक्ति को एक अच्छा नागरिक बनने में सहायता करती है।
Q32) बौद्ध कालीन शिक्षा की विशेषताएं लिखिए।
Ans. बौद्ध कालीन शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण एवं नैतिक विकास था। शिक्षा विहारों और संघों में दी जाती थी। इसका माध्यम मुख्यतः पाली भाषा था। शिक्षा सभी वर्गों के लिए खुली थी और गुरु-शिष्य परम्परा पर आधारित थी। पाठ्यक्रम में धर्म, दर्शन, तर्क, व्याकरण तथा चिकित्सा जैसे विषय शामिल थे। जीवन की सरलता, अहिंसा और अनुशासन पर विशेष बल दिया जाता था।
Q33) आधुनिक शिक्षा पर प्रकृतिवाद का क्या प्रभाव पड़ा? लिखिए।
Ans. प्रकृतिवाद का आधुनिक शिक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस दर्शन ने शिक्षा को बालक-केन्द्रित बनाया तथा बालक की स्वाभाविक रुचियों, क्षमताओं और आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षा देने पर बल दिया। शिक्षण में अनुभव, क्रिया और प्रयोग को महत्व मिला। पाठ्यक्रम में प्रकृति, खेलकूद, हस्तकला और जीवनोपयोगी विषयों को स्थान दिया गया। अनुशासन के स्थान पर स्वतंत्रता और आत्मानुशासन को महत्व मिला, जिससे आधुनिक शिक्षा अधिक व्यवहारिक एवं प्राकृतिक बनी।
Q34) प्रयोजनवाद के किन्हीं चार गुण एवं चार दोषों का उल्लेख कीजिए।
Ans.
प्रयोजनवाद के गुण:
- यह शिक्षा को अनुभव एवं क्रिया आधारित बनाता है।
- शिक्षा को बालक-केन्द्रित मानता है।
- शिक्षा को जीवन से जोड़ता है और उसे उपयोगी बनाता है।
- लोकतांत्रिक मूल्यों के विकास पर बल देता है।
प्रयोजनवाद के दोष:
- इसमें विषय-वस्तु के ज्ञान की उपेक्षा हो जाती है।
- अत्यधिक स्वतंत्रता से अनुशासनहीनता उत्पन्न हो सकती है।
- नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों पर कम बल दिया जाता है।
- पाठ्यक्रम में स्थिरता एवं स्पष्टता का अभाव रहता है।
Q35) माध्यमिक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष कौन थे? इसकी नियुक्ति कब हुई थी?
Ans. माध्यमिक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे। इस आयोग की नियुक्ति वर्ष 1952 में की गई थी।
Q36) “हण्टर कमीशन” की क्या विशेषता थी?
Ans. हण्टर कमीशन (1882) की प्रमुख विशेषता यह थी कि इसने प्राथमिक शिक्षा के विस्तार पर विशेष बल दिया। आयोग ने सुझाव दिया कि प्राथमिक शिक्षा का दायित्व स्थानीय निकायों (नगरपालिका एवं जिला बोर्ड) को सौंपा जाए। साथ ही, शिक्षा को व्यावहारिक और जनसामान्य के लिए उपयोगी बनाने पर जोर दिया गया।
Q37) टैगोर के जीवन दर्शन का परिचय देते हुए उनके प्रमुख शिक्षा उद्देश्य का उल्लेख करें?
Ans. रवीन्द्रनाथ टैगोर का जीवन दर्शन मानवतावाद, प्रकृतिवाद और आध्यात्मिकता पर आधारित था। वे मानते थे कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य को स्वतंत्र, सृजनशील और संवेदनशील बनाना है। टैगोर ने शिक्षा को प्रकृति, कला और जीवन से जोड़ने पर बल दिया।
उनके प्रमुख शिक्षा उद्देश्य थे—बालक का सर्वांगीण विकास, स्वतंत्रता एवं आत्म-अभिव्यक्ति का विकास, सौंदर्यबोध एवं रचनात्मकता का विकास तथा विश्व-बंधुत्व की भावना को बढ़ावा देना।
Q38) जनसंख्या शिक्षा के प्रमुख उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
Ans. जनसंख्या शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
- जनसंख्या वृद्धि के कारणों एवं प्रभावों की जानकारी देना।
- परिवार नियोजन एवं छोटे परिवार के महत्व के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना।
- सीमित संसाधनों के संतुलित एवं उचित उपयोग की समझ विकसित करना।
- जीवन स्तर में सुधार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
- जनसंख्या समस्या के प्रति जिम्मेदार एवं सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
Q39) भूमण्डलीय तापवृद्धि से क्या अभिप्राय है? इसके नियन्त्रण के प्रमुख उपायों का उल्लेख कीजिए?
Ans. भूमण्डलीय तापवृद्धि से अभिप्राय पृथ्वी के औसत तापमान में लगातार होने वाली वृद्धि से है, जो मुख्यतः ग्रीनहाउस गैसों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन आदि) की मात्रा बढ़ने के कारण होती है। इसके परिणामस्वरूप जलवायु परिवर्तन, हिमनदों का पिघलना और समुद्र-स्तर में वृद्धि होती है।
इसके नियन्त्रण के प्रमुख उपाय हैं—
- अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना।
- प्रदूषण पर नियंत्रण और जीवाश्म ईंधनों का सीमित उपयोग।
- नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों (सौर, पवन) का प्रयोग।
- ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना।
Q40) विद्यालय एवं समुदाय में अंतर स्पष्ट कीजिए?
Ans. विद्यालय और समुदाय दोनों ही शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पक्ष हैं, परंतु दोनों के स्वरूप एवं कार्य भिन्न होते हैं।
विद्यालय एक औपचारिक शिक्षण संस्था है, जहाँ निश्चित पाठ्यक्रम, समय-सारिणी और नियमों के अनुसार शिक्षा प्रदान की जाती है। इसमें शिक्षा का उद्देश्य बालक का बौद्धिक, नैतिक एवं शारीरिक विकास करना होता है। विद्यालय में शिक्षक, विद्यार्थी और प्रशासन की स्पष्ट व्यवस्था होती है।
इसके विपरीत, समुदाय एक अनौपचारिक सामाजिक इकाई है, जहाँ व्यक्ति जीवन के वास्तविक अनुभवों से शिक्षा ग्रहण करता है। समुदाय में शिक्षा स्वाभाविक, निरंतर और व्यवहारिक होती है। इसमें परिवार, समाज, संस्कृति, परंपराएँ और सामाजिक वातावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अतः कहा जा सकता है कि विद्यालय नियोजित एवं सीमित शिक्षा प्रदान करता है, जबकि समुदाय व्यापक जीवन शिक्षा का स्रोत है।