पात्र – कर्नल, लेफ्टीनेंट, सिपाही, सवार
अवधि – 5 मिनट
जमाना – सन् 1799
समय – रात्रि का
स्थान – गोरखपुर के जंगल में कर्नल कालिंज के खेमे का अंदरूनी हिस्सा। (दो अंग्रेज बैठे बातें कर रहे हैं, कर्नल कालिज और एक लेफ्टीनेंट खेमे के बाहर हैं, चाँदनी छिटकी हुई है, अंदर लैंप जल रहा है।)
कर्नल – जंगल की जिंदगी बड़ी खतरनाक होती है।
लेफ्टीनेंट – हफ़्तों हो गए यहाँ खेमा डाले हुए। सिपाही भी तंग आ गए हैं। ये वज्जीर अली आदमी है या भूत, हाथ ही नहीं लगता।
कर्नल – उसके आफ़साने सुन के रॉबिनहुड के कारनामे याद आ जाते हैं। अंग्रेजों के खिलाफ़ उसके दिल में किस कदर नफ़रत है। कोई पाँच महीने हुकूमत की होगी। मगर इस पाँच महीने में वो अवध के दरबार को अंग्रेज्ती असर से बिलकुल पाक कर देने में तकरीबन कामयाब हो गया था।
लेफ्टीनेंट – कर्नल कालिंज ये सआदत्त अली कौन है?
कर्नल – आसिफ़उद्दौला का भाई है। वप्तीर अली का और उसका दुश्मन। असल में नवाब आसिफ़उद्दौला के यहाँ लड़के की कोई उम्मीद नहीं थी। वजीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत खयाल किया।
लेफ्टीनेंट – मगर सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने में क्या मसलेहत थी?
कर्नल – सआदत अली हमारा दोस्त है और बहुत ऐश पसंद आदमी है इसलिए हमें अपनी आधी मुमलिकत (जायदाद, दौलत) दे दी और दस लाख रुपये नगद। अब वो भी मजे करता है और हम भी।
लेफ्टीनेंट – सुना है ये वज्जीर अली अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-जमा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत (आमंत्रण) दे रहा है।
कर्नल – अफ़गानिस्तान को हमले की दावत सबसे पहले असल में टीपू सुल्तान ने दी फिर वजीर अली ने भी उसे दिल्ली बुलाया और फिर शमसुद्दौला ने भी।
लेफ्टीनेंट – कौन शमसुद्दौला ?
कर्नल – नवाब बंगाल का निस्वती (रिश्ते) भाई। बहुत ही खतरनाक आदमी है।
लेफ्टीनेंट – इसका तो मतलब ये हुआ कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है।
कर्नल – जी हाँ, और अगर ये कामयाब हो गई तो बक्सर और प्लासी के कारनामे धरे रह जाएँगे और कंपनी जो कुछ लॉर्ड क्लाइव के हाथों हासिल कर चुकी है, लॉर्ड वेल्जली के हाथों सब खो बैठेगी।
लेफ्टीनेंट – वजीर अली की आजादी बहुत खतरनाक है। हमें किसी न किसी तरह इस शख्स को गिरफ्तार कर ही लेना चाहिए।
कर्नल – पूरी एक फ़ौज लिए उसका पीछा कर रहा हूँ और बरसों से वो हमारी आँखों में धूल झोंक रहा है और इन्हीं जंगलों में फिर रहा है और हाथ नहीं आता। उसके साथ चंद जाँबाज हैं। मुट्ठी भर आदमी मगर ये दमखम है।
लेफ्टीनेंट – सुना है वजीर अली जाती तौर से भी बहुत बहादुर आदमी है।
कर्नल – बहादुर न होता तो यूँ कंपनी के वकील को कत्ल कर देता?
लेफ्टीनेंट – ये कत्ल का क्या किस्सा हुआ था कर्नल?
कर्नल – किस्सा क्या हुआ था उसको उसके पद से हटाने के बाद हमने वजीर अली को बनारस पहुँचा दिया और तीन लाख रुपया सालाना वजीफ़ा मुकर्रर कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने उसे कलकत्ता (कोलकाता) तलब किया। वञ्जीर अली कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में रहता था और उससे शिकायत की कि गवर्नर जनरल उसे कलकत्ता में क्यूँ तलब करता है। वकील ने शिकायत की परवाह नहीं की उलटा उसे बुरा-भला सुना दिया। वजीर अली के तो दिल में यूँ भी अंग्रेजों के खिलाफ़ नफ़रत कूट-कूटकर भरी है उसने खंजर से वकील का काम तमाम कर दिया।
लेफ्टीनेंट – और भाग गया?
कर्नल – अपने जानिसारों समेत आजमगढ़ की तरफ़ भाग गया। आजमगढ़ के हुक्मरों ने उन लोगों को अपनी हिफ़ाजत में घागरा तक पहुंचा दिया। अब ये कारवाँ इन जंगलों में कई साल से भटक रहा है।
लेफ्टीनेंट – मगर वजीर अली की स्कीम क्या है?
कर्नल – स्कीम ये है कि किसी तरह नेपाल पहुँच जाए। अफ़गानी हमले का इंतेजार करे, अपनी ताकत बढ़ाए, सआदत अली को उसके पद से हटाकर खुद अवध पर कब्ता करे और अंग्रेजों को हिंदुस्तान से निकाल दे।
लेफ़्टीनेंट – नेपाल पहुँचना तो कोई ऐसा मुश्किल नहीं, मुमकिन है कि पहुँच गया हो।
कर्नल – हमारी फ़ौजें और नवाब सआदत अली खाँ के सिपाही बड़ी सख्ती से उसका पीछा कर रहे है। हमें अच्छी तरह मालूम है कि वो इन्हीं जंगलों में है। (एक सिपाही तेजी से दाखिल होता है)
कर्नल – (उठकर) क्या बात है?
गोरा – दूर से गर्द उठती दिखाई दे रही है।
कर्नल – सिपाहियों से कह दो कि तैयार रहें (सिपाही सलाम करके चला जाता है)
लेफ्टीनेंट – (जो खिड़की से बाहर देखने में मसरूफ था) गर्द तो ऐसी उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।
कर्नल – (खिड़की के पास जाकर) हाँ एक ही सवार है। सरपट घोड़ा दौड़ाए चला आ रहा है।
लेफ्टीनेंट – और सीधा हमारी तरफ आता मालूम होता है (कर्नल ताली बजाकर सिपाही को बुलाता है)
कर्नल – (सिपाही से) सिपाहियों से कहो, इस सवार पर नजर रखें कि ये किस तरफ जा रहा है (सिपाही सलाम करके चला जाता है)
लेफ्टीनेंट – शुब्हे की तो कोई गुंजाइश ही नहीं तेजी से इसी तरफ़ आ रहा है (ट्टापों की आवाज बहुत करीब आकर रुक जाती है)
सवार – (बाहर से) मुझे कर्नल से मिलना है।
गोरा – (चिल्लाकर) बहुत खूब।
सवार – (बाहर से) सी।
गौरा – (अंदर आकर) हुजूर सवार आपसे मिलना चाहता है।
कर्नल – भेज दो।
लेफ्टीनेंट – वजीर अली का कोई आदमी होगा हमसे मिलकर उसे गिरफ्तार करवाना चाहता होगा।
कर्नल – खामोश रहो (सवार सिपाही के साथ अंदर आता है)
सवार कर्नल (आते ही पुकार उठता है) तन्हाई! तन्हाई!
कर्नल – साहब यहाँ कोई गैर आदमी नहीं है आप राज्जेदिल कह दें।
सवार – दीवार हमगोश दारद, तन्हाई।
(कर्नल, लेफ्टीनेंट और सिपाही को इशारा करता है। दोनों बाहर चले जाते हैं। जब कर्नल और सवार खेमे में तन्हा रह जाते हैं तो जरा वक्फे के बाद चारों तरफ देखकर सवार कहता है)
सवार – आपने इस मुकाम पर क्यों खेमा डाला है?
कर्नल – कंपनी का हुक्म है कि वजीर अली को गिरफ़्तार किया जाए।
सवार – लेकिन इतना लावलश्कर क्या मायने?
कर्नल – गिरफ़्तारी में मदद देने के लिए।
सवार – वजीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है साहब।
कर्नल – क्यों?
सवार – वो एक जाँबाज सिपाही है।
कर्नल – मैंने भी यह सुन रखा है। आप क्या चाहते हैं?
सवार – चंद कारतूस ।
कर्नल – किसलिए?
सवार – वजीर अली को गिरफ़्तार करने के लिए।
कर्नल – ये लो दस कारतूस
संवार – (मुसकराते हुए) शुक्रिया।
कर्नल – आपका नाम ?
सवार – वज़ीर अली। आपने मुझे कारतूस दिए इसलिए आपकी जान बख्शी करता हूँ। (ये कहकर बाहर चला जाता है, टापों का शोर सुनाई देता है। कर्नल एक सन्नाटे में है। हक्का-बक्का खड़ा है कि लेफ्टीनेंट अंदर आता है)
लेफ्टीनेंट – कौन था?
कर्नल – (दबी जबान से अपने आप से कहता है) एक जाँबाज सिपाही।
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प्रश्न अभ्यास
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक दो पंक्तियों में दीजिए-
1. कर्नल कालिंज का खेगा जगल में क्यों लगा हुआ था?
Ans. कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली की गिरफ़्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल कालिंज को यह लग रहा थी कि वज़ीर अली अवश्य ही जंगल में कहीं-न-कहीं छिपा होगा। बरसों से वह कर्नल की पूरी फौज की आँखों में धूल झोंक रहा था। यद्यपि वह इन्हीं जंगलों में घूम रहा था।
2. वजीर अली से सिपाही क्यों नंग आ चुके थे?
Ans. सिपाही वज़ीर अली से तंग आ चुके थे। क्योंकि हफ़्ते से डेरा डालने और उसे ढूँढ़ने के बाबजूद भी वज़ीर अली पकड़ा नहीं जा रहा था। वे जंगल में रहते-रहते परेशान हो चुके थे।
3. कर्मल से सवार पर कतर रखने के लिए क्यों कहा?
Ans. कर्नल ने लेफ्टीनेंट को सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख सके कि सवार किस दिशा की तरफ जा रहा है और उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके।
4. सवार ने क्यों कहा कि तीर अली को गिल्लारी बहुत मुश्किल है?
Ans. सवार ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सवार स्वयं वज़ीर अली था। वह एक जाँबाज़ सिपाही था जिसे अंग्रेज़ अधिकारी साधारण सवार समझ रहे थे। कर्नल के साथ पूरी फौज़ थी फिर भी सवार ने ऐसा कहा क्योंकि उसे कर्नल के खेमे में कोई भी पहचान नहीं पाया था।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1. वजीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?
Ans. वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिन हुड की याद आ जाती थी, क्योंकि उनको जंगल में डेरा डाले हफ़्तों हो गए थे, फिर भी वज़ीर अली भूत की तरह हाथ ही नहीं लगता था। इसी प्रकार रॉबिन हुड भी जंगलों में घूमता रहता था, पर किसी के भी हाथ नहीं लगता था।
2. सआदत अली कौन था? उसने वजीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?
Ans. सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई और वज़ीर अली को चाचा था। आसिफ अली को जब तक संतान न थी तब तक सआदत अली के अवध का नवाब बनने की पूरी संभावना थी लेकिन वज़ीर अली के पैदा होते ही उसका सपना टूट गया उसे अपनी नवाबी खतरे में लगने लगी। अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।
3. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?
Ans. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का विशेष मकसद था। दोस्त होने के कारण उसे उसपर पूर्ण विश्वास था कि स्वयं तो वह ऐशो-आराम का जीवन बिताएगा ही, साथ ही उन्हें भी अर्थात् कर्नल को भी दौलत तथा संपत्ति देकर मालामाल कर देगा और उनकी जरूरतों के अनुसार हर तरह की मदद करेगा।
4. कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफाजत कैसे की?
Ans. वज़ीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेज़ों ने उसे बनारस भेज दिया और तीन लाख रुपया सालाना वज़ीफा तय कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली इस बुलावे से चिढ़कर कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में ही रहता था। वकील ने वजीर अली की शिकायत की कोई परवाह नहीं की, उल्टा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने खंजर निकालकर वकील का कत्ल कर दिया। इसके बाद वज़ीर अली अपने सैनिकों के साथ आज़मगढ़ की ओर भाग गया। वहाँ के बादशाह ने उन लोगों को अपनी हिफाज़त में घाघरा तक पहुँचा दिया। तब से वह जंगलों में छिपकर अपनी शक्ति बढ़ाने लगा।
5. सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?
Ans. सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का इसलिए रह गया, क्योंकि जिस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए वह जंगल में लावलश्कर के साथ लंबे समय से डेरा डाले हुए था, वही वज़ीर अली ऐसा वेश बदलकर आया कि कर्नल को उसके किसी भी हाव-भाव से नहीं पता चला कि वह वज़ीर अली है। इसके अतिरिक्त उसने बड़ी ही होशियारी से अपना परिचय देकर कर्नल से कारतूस लेकर उसकी जान भी बख्श दी और देखते-ही-देखते घोड़े पर सवार होकर चला गया। कर्नल केवल घोड़ों की टापों का शोर ही सुनता रह गया।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?
Ans. देश में अलग-अलग अनेक स्थानों पर राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे। जब लेफ़्टीनेंट ने देखा कि वज़ीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला ने बाहरी देशों जैसे अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दे दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं।
2. वजीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?
Ans. वज़ीर अली को अंग्रेज़ों ने रहने के लिए बनारस भिजवा दिया था और उसे तीन लाख रुपया सलाना वजीफा देना तय किया था। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलवाया। वज़ीर अली वहाँ जाना नहीं चाहता था। कंपनी का वकील भी बनारस में रहता था। इसलिए वह गवर्नर की शिकायत लेकर कंपनी के वकील के पास गया। शिकायत पर ध्यान न देकर वकील ने वज़ीर अली को भला-बुरा सुना दिया। इससे वज़ीर अली के स्वाभिमान को गहरा धक्का लगा। दूसरा वज़ीर अली कंपनी सरकार से नफ़रत करता था। इन दोनों कारणों के जुड़ जाने से वज़ीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया।
3. सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?
Ans. सवार, जो कि स्वयं वज़ीर अली था, ने कर्नल से अपनी जाँबाजी और सूझ-बूझ से उसके खेमे में घुसकर, उसकी । जान बख्शकरे, कारतूस हासिल किए अर्थात् कर्नल और उसकी फ़ौज से बिना डरे वज़ीर अली ने कर्नल को उसकी औकात दिखाने के लिए उसी से कारतूस हासिल कर लिए।
4. वजीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
Ans. वज़ीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे अपना लक्ष्य पाने के लिए जान की बाजी लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी ले ली गई तो उसने अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के सामने पेश होने को अपना अपमान माना और पेश होने से साफ मना कर दिया। गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। यह हत्या शेर की माँद में जाकर शेर को ललकारने जैसी थी। इसके बाद वह आज़मगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ भी निडर होकर अंग्रेज़ों के कैंप में घुस गया था। उसे अपनी जान की भी परवाह नहीं थी। उसके जाँबाज़ सिपाही होने का परिचय उस घटना से मिलता है जब वह अंग्रेज़ों के कैंप में घुसकर कारतूस लेने में सफल हो जाता है तथा कर्नल उसे देखता रह जाता है। इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज़ आदमी था।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1. मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।
Ans. इसका आशय है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह; जो बहु-संख्या में युद्ध-सामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल के इतने बड़े सेना समूह की नाक में दम कर दिया था।
2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नचर आता है।
Ans. यह कथन अंग्रेज़ों की फौज़ के लेफ़्टीनेंट का है। वज़ीर अली अकेला ही पूरे काफ़िले के समान था। वह तूफान की तरह शक्तिशाली और गतिशील था। उसके घोड़े की टापों से उड़ने वाली धूल ऐसा आभास देती थी मानो पूरी फौज़ चली आ रही है। इस वाक्य से आने वाले सवार के व्यक्तित्व की महानता की झलक मिलती है जो अकेले होते हुए भी अकेला नहीं दिखता। यह सवार वज़ीर अली था जिसका पता किसी को न चला।
भाषा अध्ययन
1. निम्नलिखित शब्दों का एक-एक पर्याय लिखिए-
खिलाफ़, पाक, उम्मीद, हासिल, कामयाब, वजीफा, नफ़रत, हमला, इंतेजार, मुमकिन
Ans. विरुद्ध, पवित्र, आशा, प्राप्त, सफल, छात्रवृत्ति, घृणा, आक्रमण, प्रतीक्षा, संभव
2. निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए
आँखों में धूल झोंकना, कूट-कूट कर भरना, काम तमाम कर देना, जान बख्श देना, हक्का-बक्का रह जाना।
Ans. आँखों में धूल झोंकना – तात्याँटोपे अंग्रेजों की आँखों में धूल झोककर रानी लक्ष्मीबाई की मदद करते रहे।
कूट-कूटकर भरना – चंद्रशेखर में देशभक्ति और देशप्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी।
काम तमाम कर देना – पठानकोट में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों का काम तमाम कर दिया।
जान बख्श देना – मुहम्मद गोरी को बंदी बनाने के बाद भी पृथ्वीराज चौहान ने उसकी जान बख्श दी।
हक्का-बक्का रह जाना – पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों का पक्ष लेते देख विश्व के कई राष्ट्र हक्के-बक्के रह गए।
3. कारक वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध बताता है। निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम लिखिए-
(क) जंगल की जिदगी बड़ी खतरनाक होती है।
(ख) कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई।
(ग) वजीर को उसके पद से हटा दिया गया।
(घ) फ़ौज के लिए कारतूस की आवश्यकता थी।
(ङ) सिपाही घोड़े पर सवार था।
Ans.
- संबंध कारक
- संबंध कारक, अधिकरण कारक
- कर्म कारक, अपादान कारक
- संप्रदान कारक, संबंध कारक
- अधिकरण कारक
4. क्रिया का लिंग और बचन सामान्यतः कर्ता और कर्म के लिंग और वचन के अनुसार निर्धारित होता है। वाक्य में कर्ता और कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार जब क्रिया के लिंग, बचन आदि में परिवर्तन होता है तो उसे अन्विति कहते हैं।
क्रिया के लिंग, वचन में परिवर्तन तभी होता है जब कर्ता या कर्म परसर्ग रहित हो;
जैसे- सवार कारतूस माँग रहा था। (कर्ता के कारण)
सवार ने कारतूस माँगे। (कर्म के कारण)
कर्नल ने वजीर अली को नहीं पहचाना। (यहाँ क्रिया कर्ता और कर्म किसी के भी कारण प्रभावित नहीं है)
अतः कर्ता और कर्म के परसर्ग सहित होने पर क्रिया कर्ता और कर्म में से किसी के भी लिंग और बचन से प्रभावित नहीं होती और वह एकवचन पुल्लिग में ही प्रयुक्त होती है। नीचे दिए गए वाक्यों में ‘ने’ लगाकर उन्हें दुबारा लिखिए-
(क) घोड़ा पानी पी रहा था।
(ख) बच्चे दशहरे का मेला देखने गए।
(ग) रॉबिनहुड गरीबों की मदद करता था।
(घ) देशभर के लोग उसकी प्रशंसा कर रहे थे।
Ans.
- घोड़े ने पानी पीना जारी रखा।
- बच्चों ने दशहरे का मेला देखने के लिए प्रस्थान किया।
- रॉबिन हुड ने गरीबों की मदद की।
- देशभर के लोगों ने उसकी प्रशंसा की।
5. निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाइए-
(क) कर्नल ने कहा सिपाहियों इस पर नजर रखो ये किस तरफ़ जा रहा है
Ans. कर्नल ने कहा “सिपाहियों इस पर नज़र रखो। ये किस तरफ़ जा रहा है?”
(ख) सवार ने पूछा आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है इतने लावलश्कर की क्या जरूरत है
Ans. सवार ने पूछा, “आपने इस मकाम पर क्यों खेमा डाला है? इतने लाव-लश्कर की क्या जरूरत है?
(ग) खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे एक व्यक्ति कह रहा था दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है
Ans. खेमे के अंदर दो व्यक्ति बैठे बातें कर रहे थे। चाँदनी छिटकी हुई थी और बाहर सिपाही पहरा दे रहे थे। एक व्यक्ति कह रहा था, “दुश्मन कभी भी हमला कर सकता है।”
योग्यता विस्तार
1. पुस्तकालय से रॉबिनहुड के साहसिक कारनामों के बारे में जानकारी हासिल कीजिए।
Ans. छात्र स्वयं करें।
2. वृंदावनलाल वर्मा की कहानी इब्राहिम गार्टी पढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
Ans. छात्र स्वयं करें।
परियोजना
1. ‘कारतूस’ एकांकी का मंचन अपने विद्यालय में कॉजिए।
Ans. छात्र स्वयं करें।
2. ‘एकांकी’ और ‘नाटक’ में क्या अंतर है। कुछ नाटकों और एकांकियों की सूची तैयार कीजिए।
Ans. ‘एकांकी’ नाम से ही स्पष्ट है- एक + अंकी, अर्थात् एक अंक वाली। ऐसा छोटा-सा नाटक जिसमें एक अंक हो तथा जिसमें जीवन की किसी समस्या या घटना का चित्रण हो, उसे एकांकी कहते हैं। इसके मंचन के लिए कम पात्रों, कम समय तथा कम साज-सज्जा की आवश्यकता होती है। नाटक एक दृश्य-श्रव्य रचना होती है। इसमें पाँच या उससे अधिक अंक होते हैं।
नाटक में एक मुख्य कहानी तथा उससे जुड़ी अन्य कहानियाँ भी हो सकती हैं। यह एक बड़ी रचना होती है जिसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण अनेक दृश्यों और अंकों में किया जाता है। इसके मंचन के लिए अनेक पात्रों, अधिक समय तथा ढेर सारी साज-सज्जा की आवश्यकता होती है।
अन्य पाठेतर हल प्रश्न
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. वजीर अली कौन था? अंग्रेज़ उसे क्यों पकड़ना चाहते थे?
Ans. वज़ीर अली अवध के शासक आसिफउद्दौला का पुत्र था। अंग्रेजों ने वजीर अली को सत्ता से हटाकर उसके चाचा सआदत अली को अवध की गद्दी पर बिठाया था। वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के प्रति घृणा भरी थी। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी थी, इसलिए अंग्रेज़ उसे पकड़ना चाहते थे।
2. अंग्रेज़ सैनिक वजीर अली को पकड़ने का प्रयास कब और कहाँ कर रहे थे?
Ans. सन् 1799 के आसपास का समय होगा जब अंग्रेजों ने वज़ीर अली को शासन से हटाया था और उसे काशी भेज दिया था। वजीर अली अंग्रेजों से नफ़रत करता था। उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी और गोरखपुर के जंगलों में जा छिपा। अंग्रेज़ सैनिक वहीं जंगल में खेमा डालकर वज़ीर अली को पकड़ने का प्रयास कर रहे थे।
3. शाहे-जमा कौन था? उसे वजीर अली ने भारत आने के लिए क्यों आमंत्रित किया?
Ans. शाहे-जमा अफगानिस्तान का शक्तिशाली शासक था। उसे वज़ीर अली ने भारत आने के लिए इसलिए आमंत्रित किया ताकि वह भारत पर हमला करे। इसी समय वजीर अली भी उसका साथ पाकर अंग्रेजों पर हमला कर दे। इस तरह उसकी योजना थी कि वह शाहे-ज़मा के सहयोग से अंग्रेजों को भारत से भगा देगा और अपनी खोई सत्ता हासिल कर लेगा।
4. वज़ीर अली सआदत अली को क्यों पसंद नहीं करता था?
Ans. सआदत अली रिश्ते में वज़ीर अली का चाचा था। उसकी नजर अवध की सत्ता पर थी जिसे हथियाने के लिए उसने अंग्रेज़ों का सहारा लिया। इससे वज़ीर अली के मन में अंग्रेजों के प्रति घृणा भर गई। सआदत अली और अंग्रेजों के इस व्यवहार से उसे दर-दर भटकना पड़ा, इसलिए वज़ीर अली सआदत अली को पसंद नहीं करता था।
5. अवध की सत्ता सआदत अली को सौंपने से क्या लाभ हुआ?
Ans. अवध की सत्ता सआदत अली के हाथों सौंपने से अंग्रेजों को कई लाभ हुए-
अंग्रेजों ने कंपनी के शासन की राह में बाधा बने वजीर अली को शक्तिहीन कर दिया।
अंग्रेजों को अवध की आधी जायदाद और दौलत के अलावा दस लाख रुपये नकद भी मिले।
अंग्रेज़ों को अनेक सुविधाएँ मिलीं।
सआदत अली अंग्रेजों का चाटुकार था। वह अंग्रेजों की किसी बात का विरोध नहीं कर सकता था। इस तरह अवध पर अप्रत्यक्ष रूप में अंग्रेज़ों का ही शासन हो गया।
6. सआदत अली सत्ता लोलुप था? स्पष्ट कीजिए।
Ans. सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई था। उसकी निगाह अवध की सत्ता पर थी। वजीर अली के रूप में जब आसिफउद्दौला को पुत्र प्राप्ति हुई तो इससे सआदत अली को अपने सपने टूटते नजर आए। सत्ता पाने के लिए ही वह अंग्रेजों की चापलूसी करने लगा और उनसे हाथ मिला लिया। अंग्रेजों ने वजीर अली को सत्ता से हटाकर उसे शासक बना दिया और अवध की जायदाद व संपत्ति को आधा-आधा बाँट लिया।
7. वज़ीर अली ने गवर्नर जनरल से अपनी नराजगी का बदला वकील से लिया?
Ans. वज़ीर अली एक देशभक्त एवं स्वाभिमानी शासक था। वह अंग्रेजों को पसंद नहीं करता था, पर जब से गवर्नर जनरल ने उससे सत्ता छीनकर सआदत अली को सौंपी तभी से गवर्नर जनरल से बेहद नाराज था। गवर्नर जनरल ने जब उसे काशी से कोलकाता बुलवाया तो उसकी यह नाराजगी और भी बढ़ गई। मौका मिलते ही उसने इस नाराजगी का बदला वकील की हत्या करके लिया।
8. वज़ीर अली ने किस तरह कर्नल को मात दी?
Ans. वज़ीर अली को पकड़ने के लिए कर्नल ने पूरे लाव-लशकर के साथ खेमा डाल रखा था। वह इसी अवसर में था कैसे भी वज़ीर अली को पकड़ा जाए पर एक रात्रि स्वयं वज़ीर अली कर्नल के खेमे में आया और उससे दस कारतूस ही नहीं लिया बल्कि कारतूस देने के बदले उसकी जान बख्शने की बात कहकर चला गया। इस तरह वज़ीर अली ने अपने साहस और चतुराई से कर्नल को मात दी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. भारतीय नवाबों ने अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने के लिए विदेशी शासकों का भी सहारा लिया इसमें वे कितना सफल रहे। पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए।
Ans. भारतीय नवाबों को जब अंग्रेजों की कुटिल नीतियाँ समझ में आईं तो उन्होंने अंग्रेजों का विरोध करना शुरू कर दिया पर शायद तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंग्रेज़ ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाते हुए संपूर्ण भारत पर शासन करने का हर संभव हथकंडा अपना रहे थे। भारतीय नवाब भी उनकी नीतियों का विरोध करते हुए उनसे युद्ध किया। इसमें सफलता न मिलती देखकर उन्होंने अफगानिस्तान के शासक शाहे-जमा को भी भारत पर हमला करने के लिए आमंत्रित किया। इस क्रम में टीपू सुल्तान ने सबसे पहले इस अफ़गान शासक को बुलावा भेजा। फिर बंगाल के नवाब शमसुद्दौला और अवध के नवाब वजीर अली ने शाहे-जमा को बुलावा भेजा पर इस प्रयास से भी अंग्रेजों से पीछा छुड़ाने में असफल रहे।
2. वज़ीर अली की चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर कीजिए।
Ans. ‘कारतूस’ पाठ से ज्ञात होता है कि वज़ीर अली अत्यंत साहसी, वीर, महत्त्वाकांक्षी और स्वाभिमानी शासक था। अवध की सत्ता छिनने के बाद उसके इन गुणों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उसकी चारित्रिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- साहसी – वज़ीर अली के साहस की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम ही है। वह कर्नल के कैंप में घुसकर उससे कारतूस लाता है वह कंपनी के वकील की हत्या पहले ही कर चुका था। ये उसके साहसी होने के प्रमाण हैं।
- वीर – वज़ीर अली इतना वीर है कि अवध की सत्ता छिनने के बाद भी अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए कटिबद्ध रहता है।
- महत्त्वाकांक्षी – वज़ीर अली महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति है। वह अवध का शासक बनने की महत्त्वाकांक्षा सदा बनाए रखता है।
- स्वाभिमानी – वज़ीर अली इतना स्वाभिमानी है कि वह कंपनी के वकील की अपमानजनक बातों को सह नहीं पाता। है और उसकी हत्या कर देता है।
3. ‘कारतूस’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
Ans. ‘कारतूस’ नामक एकांकी के माध्यम से खोई आज़ादी की कीमत पहचानने, उसकी रक्षा करने का संदेश दिया गया है। पाठ के माध्यम से बताया गया है कि हम यदि समय रहते सचेत न हुए तो हमें गुलाम होने से कोई भी नहीं बचा सकता है। हमें देश प्रेम, देशभक्ति, साहस, त्याग जैसी मानवीय भावनाएँ सदा प्रगाढ़ रखनी चाहिए। जिस तरह कुछ नवाबों ने अंत तक देश को आजाद कराने का प्रयास किया तथा अंग्रेजों की दासता स्वीकार नहीं की उसी प्रकार हमें भी किसी लोभ या स्वार्थ के वशीभूत हुए बिना आज़ादी बनाए रखना चाहिए।
हबीब तनवीर (1923-2009)
1923 में छत्तीसगढ़ के रायपुर में जन्मे हबीब तनवीर ने 1944 में नागपुर से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। तत्पश्चात ब्रिटेन की नाटक अकादमी से नाट्य-लेखन का अध्ययन करने गए और फिर दिल्ली लौटकर पेशेवर नाट्यमंच की स्थापना की।
नाटककार, कवि, पत्रकार, नाट्य निर्देशक, अभिनेता जैसे कई रूपों में ख्याति प्राप्त हबीब तनवीर ने लोकनाट्य के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण कार्य किया। कई पुरस्कारों, फेलोशिप और पद्मश्री से सम्मानित हबीब तनवीर के प्रमुख नाटक हैं- आगरा बाजार, चरनदास चोर, देख रहे हैं नैन, हिरमा की अमर कहानी। इन्होंने बसंत ऋतु का सपना, शाजापुर की शांति बाई, मिट्टी की गाड़ी और मुद्राराक्षस नाटकों का आधुनिक रूपांतर भी किया।