भारत में जनगणना का आधार जनसंख्या की संरचना है। जनसंख्या की संरचना से अर्थ जनसंख्या के ढांचे से है अर्थात् जन की संख्या उसकी आयु, लिंग, जाति, धर्म, भाषा, साक्षरता, जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति, घनत्व, व्यवसाय, ग्रामीण एवं नगरीय अनुपात आदि से है। यहां इन्हीं सब तथ्यों का परीक्षोन्मुखी सारगर्भित वर्णन किया गया है। यथा-
दो काल खण्डों में प्रमाणित 15वीं जनगणना का कार्य 30 मार्च, 2011 को सम्पन्न हुआ और 31 मार्च, 2011 को गृह सचिव जी.के. पिल्लै की उपस्थित में महापंजीयक व जनगणना आयुक्त सी. चन्द्रमौलि द्वारा अंतरिम आंकड़ा (Provisional Data) जारी किया गया था। अंतरिम आंकड़ों के जारी होने के लगभग दो वर्ष बाद 30 अप्रैल, 2013 को अंतिम आंकड़े (Final Data) जारी किए गए थे। पुनश्च मणिपुर के सेनापति जिले के तीन उपखण्डों के वास्तविक आंकड़ों को शामिल करने के बाद 7 जनवरी, 2014 को संशोधित एवं वास्तविक आंकड़ें प्रकाशित किए गए। यथा :
• जनगणना-2011 के अनुसार देश में सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाले दो जिले क्रमशः अरुणाचल प्रदेश और पुदुचेरी के क्रमशः कुरंगकुमे (111.01%) एवं यनम (77.15%) हैं।
• जनगणना-2011 के अंतिम आंकड़े (Final data) के अनुसार देश में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले क्रमशः नगालैण्ड के लांगलेंग (-58.39%) एवं किफरे (-30.50%) हैं।
• जनगणना : 2011 के अंतिम आंकड़े के अनुसार- भारत के दो सर्वाधिक वृद्धि दर वाले राज्य केन्द्र शासित क्षेत्र क्रमशः दादरा व नगर हवेली (55.9%) और दमन व द्वीव (53.8%) हैं (2011) (अब इनका विलय कर दिया गया)।
• जनगणना-2011 के अनुसार निम्नतम वृद्धि दर वाले दो राज्य/केन्द्र शासित क्षेत्र क्रमशः नगालैण्ड (-0.6%) और केरल (4.9%) हैं।
• देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले दो जिलों के नाम इस प्रकार हैं- महाराष्ट्र के थाणे (1,10,54,131), प. बंगाल का उ. चौबीस परगना (1,00,82,852)1*
• देश में न्यूनतम जनसंख्या वाले दो जिलों के नाम इस प्रकार हैं- दिबांग घाटी (अरुणाचल प्रदेश) 7948 एवं अंजाव (अरुणाचल प्रदेश) (21089)।
क्षेत्रफल की दृष्टि से | |
• सबसे बड़ा राज्य* | राजस्थान |
• सबसे छोटा राज्य* | गोवा |
• वर्तमान में सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश* | लद्दाख |
• सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश* | लक्षद्वीप |
जनसंख्या की दृष्टि से : 2011 | |
• सबसे बड़ा राज्य* | उत्तर प्रदेश |
• सबसे छोटा राज्य* | सिक्किम |
• वर्तमान में सबसे बड़ा केन्द्रशासित प्रदेश* | दिल्ली |
• सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश* | लक्षद्वीप |
• देश में सर्वाधिक जिलों वाला राज्य- उत्तर प्रदेश (75 जिलें)।
• देश में 2001-2011 के बीच (2001 में 593 एवं 2011 में 640 जिले) कुल बने नए जिले- 471
• देश में इस दशक (2001-11) के दौरान सर्वाधिक 8 नए जिले जहाँ बने वह राज्य- जम्मू कश्मीर (कुल 22 जिला) (लद्दाख U.T. बनने के बाद, जम्मू कश्मीर U.T. में कुल जिले 20 रहे)।
• जनगणना-2011 के अंतिम आंकड़े (Final data) के अनुसार- देश में न्यूनतम जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले क्रमशः नगालैण्ड के लांगलेंग (-58.39%) एवं किफरे (-30.50%) हैं।
(नोट- जनसंख्या के विस्तृत अध्ययन के लिए बौद्धिक प्रकाशन की पुस्तिका ‘जनसंख्या एवं नगरीकरण’ को पढ़े।)
लिंगानुपात की दृष्टि से : 2011 | |
• सर्वाधिक लिंगानुपात* | केरल (1084) |
• सबसे कम लिंगानुपात* | हरियाणा (879) |
• सर्वाधिक केन्द्रशासित लिंगानुपात | पुदुचेरी (1037) |
• सबसे कम केन्द्रशासित लिंगानुपात* | दमन एवं दीव (618) |
• सर्वाधिक शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं केन्द्र शा.प्र. | अरुणांचल प्रदेश (972)* एवं अं. नि. द्वीप समूह (968) |
• न्यूनतम शिशु (0-6) लिंगानुपात वाला राज्य एवं के.शा.प्र. | हरियाणा (834)* एवं दिल्ली (871)* |
जनघनत्व की दृष्टि से : 2011 | |
• सर्वाधिक जनघनत्व * | बिहार (1106) |
• सबसे कम जनघनत्व * | अरूणाचल प्रदेश (17) |
• सर्वाधिक केन्द्रशासित जनघनत्व | दिल्ली (11320) |
• सबसे कम केन्द्रशासित जनघनत्व | अंडमान व निकोबार (46) |
साक्षरता की दृष्टि से : 2011 | |
• सर्वाधिक साक्षरता* | केरल (94.0%) |
• सबसे कम साक्षरता* | बिहार (61.80%) |
• सर्वाधिक केन्द्रशासित साक्षरता | लक्षद्वीप (91.80%) |
• न्यूनतम केन्द्रशासित साक्षरता | दादरा व नगर हवेली (76.20%) |
नगरीकरण
जनगणना : 2011 के अनुसार भारत में कुल 121.08 करोड़ लोगों में से 37,71,06, 125 लोग शहरों में निवास करतें हैं, जो सम्पूर्ण देश की जनसंख्या का 31.1% है। देश में 19,54,89,200 पुरुष नगरीय जनसंख्या तथा 18,16,16,925 महिला नगरीय जनसंख्या निवास करती है। देश में 15 वीं जनगणनानुसार महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधिक शहरी जनसंख्या निवास करती है; अर्थात् 50.1 मिलियन शहरी जनसंख्या, जो समस्त शहरी जनसंख्या का 13.48% है। उसके पश्चात् क्रमशः उत्तर प्रदेश (44.47 मि.), तमिलनाडु (34.95 मि.) एवं प. बंगाल (29.13 मि.), का स्थान है। जनसंख्या में सर्वाधिक शहरी प्रतिशतता वाले राज्य वर्ष 2011 में गोवा (62.17%), मिजोरम (51.51%), तमिलनाडु (48.45%), केरल (47.72%) तथा महाराष्ट्र (45.23%) रहे।
जनगणना-2011 के अनुसार देश में पांच हजार से अधिक जनसंख्या वाली ऐसी बस्तियों की संख्या में वृद्धि हुई है जिन्हें जनगणना नगर कहा जाता है। जनगणना नगरों की संख्या वर्ष 2001 में 1362 से बढ़कर 2011 में 3894 हो गई है।
• जनगणना 2011 के अनुसार देश 468 वर्ग-1 के नगर संकुलनों/नगरों में से ऐसे नगर संकुलन/नगर जिसकी आबादी 1 मिलियन (दस लाख) या उससे अधिक है, देश में ऐसे संकुलन/ नगर 53 हैं। इन्हें मिलियन प्लस नगरीय संकुलन/नगर की संज्ञा प्रदान की गई है। 2001 में इनकी संख्या 35 थी। ध्यातव्य है कि देश के 53 मिलियन प्लस नगर संकुलनों/नगरों में देश की कुल नगरीय जनसंख्या का 42.6% (160.7 मिलियन) निवास करती है।
• 2011 के जनगणनानुसार 468 नगर संकुलनों/नगरों में से 10-40 लाख जनसंख्या वाले नगरीय संकुलनों/नगरों की संख्या 44 (2001 में 35) हैं। जबकि 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय संकुलनों/नगरों की संख्या 9 है। इन 9 महानगरों में देश की कुल नगरीय जनसंख्या का 23.8% (89.77 मिलियन) भाग निवास करती है। ज्ञातव्य है कि 2001 में ऐसे नगरों की संख्या 7 थी। 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय संकुलन अधोलिखित है; यथा-
1. वृहत मुम्बई UA (18.41 मिलियन),
2. दिल्ली UA (16.31 मिलियन),
3. कोलकाता UA (14.11 मिलियन),
4. चेन्नई UA (8.70 मिलियन),
5. बंगलुरू UA (8.50 मिलियन),
6. हैदराबाद UA (7.74 मिलियन),
7. अहमदाबाद UA (6.435 मिलियन),
8. पुणे UA (5.05 मिलियन) तथा
9. सूरत UA (4.59 मिलियन),
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के अनुसार- ऐसे नगरीय संकुलन जिनकी जनसख्या 10 मिलियन, (अर्थात एक करोड़) से अधिक है, ‘मेगा सिटी’ की संज्ञा से अभिहित किया जाता है। भारतीय जनगणना-2011 में इस अवधारणा को स्वीकार किया गया है। देश के 53 मिलियन प्लस नगरीय, संकुलनों में से तीन नगरीय संकुलन ‘मेगा सिटी’ की परिभाषा के अन्तर्गत आते हैं। यथा :
1. वृहत मुम्बई (18.41 मिलियन)
2. दिल्ली (16.31 मिलियन)
3. कोलकाता (14.11 मिलियन)
ध्यातव्य है कि 2001 में उक्त तीनों शहरों का अनुक्रम था- मुम्बई, कोलकाता एवं दिल्ली।
भारत का सामरिक महत्व (Strategic Significance of India)
हिन्द महासागर अफ्रीका, एशिया तथा आस्ट्रेलिया महाद्वीपों के मध्य स्थित है, जिसके उत्तरी छोर पर पूर्वी गोलार्द्ध के केन्द्र में भारत की स्थिति सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी तटरेखा हिन्द महासागर के तट पर स्थित किसी भी अन्य देश से अधिक लम्बी है। अपने प्राकृतिक संसाधनों तथा आकार के कारण भारत तटीय देशों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश है। पश्चिम तथा पूर्व की ओर जाने वाले महासागरीय जलमार्गों को भारत के किसी न किसी पत्तन पर आना ही पड़ता है। यूरोप, पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, पूर्वी एशिया दक्षिण-पूर्वी एशिया तथा ऑस्ट्रेलिया के मध्य वायुमार्गो को भी भारत से होकर ही जाना पड़ता है। हिन्द महासागर के संदर्भ में भारत भू-राजनीतिक महत्व सम्पूर्ण संसार मानता है। यही कारण था पश्चिमी मुस्लिम आक्रमणकारियों तथा यूरोपीय उपनिवेशकों के लिए भारत आकर्षण का केन्द्र रहा।
भारत का अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जहाँ व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वहीं रणनीतिक रूप से सर्वाधिक व्यस्त व्यापार मार्गों के पास है। भारत दक्षिणी चीन सागर में एक प्रमुख भूमिका का निर्वहन करता है। वैश्विक परिप्रेक्ष्य में वह ‘वन बेल्ट वन रोड’ और ‘स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स’ के कारण चीनी विस्तार का मुकाबला करने के लिए एकमात्र ठोस आर्थिक शक्ति के रूप में कार्य करता है और भविष्य में कर सकेगा यही कारण है कि दक्षिण चीन सागर में चीनी आक्रामकता का सामना करने के लिए अमेरिका ने जापान के साथ-साथ भारत के सामारिक महत्व को भी प्रमुख माना है।
भारत और पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के सम्बन्ध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं। भारतीय उपमहाद्वीप में विभाजन के साथ कट्टर प्रतिद्वंदिता के कारण पाक का निर्माण हुआ और सह-ऐतिहासिक आधार होने के कारण दोनों के सम्बन्ध आज भी प्रभावित हो रहे हैं। जहां भारत का निर्माण लोकतांत्रिक, पंथनिरपेक्ष, सामासिक संस्कृति एवं बहुभाषी राज्यों के रूप में हुआ, वहीं पाकिस्तान का निर्माण धार्मिक संकीर्णता एवं अतिवाद के आधार पर हुआ। फलतः उसने भारत विरोधी नीति को अपना मूल आधार बनाया। ज्ञातव्य है कि विरोध की नीति का प्रमुख कारण अतीत से उत्पन्न अधोलिखित प्रमुख मुद्दे रहे हैं। यथाः
• कश्मीर मुद्दा :
भारत के विभाजन के बाद देशी रियासत कश्मीर का भारत में विलय हो गया, परंतु पाकिस्तान के द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया तथा सामरिक और सैन्य दृष्टिकोण से कश्मीर के महत्व को देखते हुए पाकिस्तान इसे अपना भाग बनाने का प्रयास करता रहा, जबकि भारत शुरू से ही कश्मीर को अपना अभिन्न अंग मानता आया है। इस संदर्भ में 1994 में भारतीय संसद के द्वारा प्रस्ताव भी लाया गया जिसमें स्पष्ट उल्लिखित है कि पाक अधिकृत कश्मीर भारतीय कश्मीर का अभिन्न भाग है।
• सिंधु नदी जल विवाद मुद्दा :
1960 में सिंधु नदी समझौते के अंतर्गत सिंधु, झेलम और चिनाब को पाकिस्तान की नदियों के रूप में जबकि सतलुज, राबी एवं व्यास पर भारत के नियंत्रण को स्वीकार किया गया। इस समझौते के द्वारा भारत को पाकिस्तान की नदियों पर जल के सीमित प्रयोग (20%) का अधिकार दिया गया।
इस मुद्दे पर पाकिस्तान द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि भारत, पाकिस्तान के हिस्से के पानी का प्रयोग कर रहा है जबकि भारत के अनुसार ग्लेशियर और वर्षा कम होने के कारण सिंधु नदी में पानी कम हो रहा है। किन्तु सिंधु नदी के पानी का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद से ध्यान भटकाना चाहता है।
• आतंकवाद का मुद्दा :
पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में आतंकवाद, अलगाववादी व उग्रवादी संगठनों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध (Proxy/war) भी चलाया जा रहा है, जिसमें 2001 में भारतीय संसद पर हमला, 2008 में मुंबई हमला तथा 2016 में पठानकोट आतंकी हमला प्रमुख हैं। पाकिस्तान उन आतंकी संगठनों (जैसे- लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद) को प्रशिक्षण व वित्तीय सहायता उपलबध कराता है, जो कश्मीर के साथ-साथ भारत के विरुद्ध हिंसात्मक घटनाओं में शामिल होते हैं।
• सरक्रीक विवाद :
सरक्रीक एक ज्वारीय मुहाना है, जो भारत और पाक के मध्य एक प्राकृतिक सीमा बनाता है। यह गुजरात राज्य में कच्छ की खाड़ी के उत्तर स्थित है। आंतरिक जल-प्रवाह के कारण यह एक नमकीन दलदली भाग है जिसमें लूनी तथा अन्य छोटी नदियाँ गिरकर सूखती हैं। कच्छ के रन का कुल क्षेत्रफल 20720 वर्ग किमी. है जिसके 9065 वर्ग किमी. क्षेत्र पर पाकिस्तान दावा करता है। पाकिस्तान के अनुसार कच्छ का रन एक झील (Lake) है, जो भारत तथा पाकिस्तान के मध्य स्थित है इसलिए अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार इस पर दोनों का अधिकार होना चाहिए।
इसके विपरीत भारत इसको झील नहीं अपितु एक दलदल मानता है। वर्तमान भारत-पाक सीमा रेखा कच्छ के रन में 24° उत्तरी अक्षांश (24th Parallel) से 27 किमी. उत्तर से होकर गुजरती है। पाकिस्तान दावा करता है कि भारत-पाक सीमा रेखा 24° उत्तरी अक्षांश के सहारे जानी चाहिए। 24° उत्तरी अक्षांश रेखा तथा वर्तमान सीमा रेखा के मध्य तट पर स्थित सर क्रीक (Sir Creek) भी इस समय भारत तथा पाकिस्तान के मध्य एक भू- राजनैतिक विवाद है।
• चीन-पाक आर्थिक गलियारा (CPEC):
यह आर्थिक कॉरिडोर चीन के शिनजियांग प्रांत के काश्गर क्षेत्र को पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में स्थित ग्वादर पत्तन से जोड़ता है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजर रहा है जो वैधानिक रूप से भारत का भाग है, तथा भारत के लिए सुरक्षा की एक बड़ी चुनौती है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से चीन की पहुँच मध्य पूर्वी, अफ्रीका और यूरोप की ओर आसानी से हो जायेगी और वह इस क्षेत्र में अमेरिकी प्रभुत्व का मुकाबला कर सकेगा।
• सियाचिन विवाद :
सियाचिन ग्लेशियर जम्मू-कश्मीर के लद्दाख जिले में काराकोरम श्रेणी पर स्थित 72 किमी. लम्बा तथा 2 से 8 किमी. चौड़ा एक विवादास्पद ग्लेशियर है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई 5700 मी. है जहाँ का तापमान (-) 50° से.ग्रे. रहता है।
सियाचिन ग्लेशियर के मध्य से साल्टोरो श्रेणी जाती है, जिसके उत्तरी-पश्चिमी भाग पर पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में K, चोटी स्थित है। इसी के पास से होकर काराकोरम दर्रे से पाकिस्तान एवं चीन के मध्य काराकोरम उच्च मार्ग स्थित है।
सियाचिन ग्लेशियर का दक्षिणी-पूर्वी दो तिहाई भाग भारत के अधिकार में है। काराकोरम ग्लेशियर से नुना नदी दक्षिण बहकर श्योक नदी में मिलती है, जो सिन्ध की सहायक नदी है। भारत की थल-सेना नुब्रा घाटी से होकर ही सियाचिन ग्लेशियर पहुंचती है। सियाचिन ग्लेशियर में तीन दरें हैं, जिनमें से गेस्त्रर ब्रूम, साल्टोरो तथा बिलाफोण्डला दर्रा भारत के अधिकार में हैं जबकि ग्योंगला दर्रा पाकिस्तान के अधिकार में है।
• भारत तथा पाकिस्तान के मध्य जम्मू-कश्मीर राज्य में सियाचिन हिमनद एक भू-राजनीतिक विवाद (Geopolitical Dispute) है। अर्थात् इस सामरिक महत्व के भू-भाग को प्राप्त करने के लिए भारत एवं पाकिस्तान दोनों शक्तियाँ लगी हैं। यह विश्व का सर्वोच्च युद्ध क्षेत्र (Highest Battlefield) है।*
पाकिस्तान ने सियाचीन ग्लेशियर के काराकोरम उच्च मार्ग के पास स्थित खुन्जरेव दर्रे से होकर 1984 में लगभग 70 विदेशी पर्वतारोहियों को स्काइकिंग की अनुमति दिया था जिसके बदले में पाकिस्तानी सरकार ने लगभग 1 मिलियन डॉलर पर्वतारोहण शुल्क प्राप्त किया था। इसके पश्चात् पाकिस्तान सरकार ने जापानी पर्वतारोहियों को भारतीय नियंत्रण में स्थित सियाकाँगड़ी तथा गेसरब्रुम चोटी पर चढ़ने की अनुमति दे दिया, जिस पर भारत ने आपत्ति किया। इस पर पाकिस्तानी स्थल सेना ने साल्टोरो श्रेणी पर सियाचिन निरीक्षण केन्द्र स्थापित किया, जिसका भारतीय सेनाओं ने मुँहतोड़ जवाब दिया।
भारत ने 13 अप्रैल, 1984 से सियाचिन ग्लेशियर से पाकिस्तान सेना को वापस भेजने के लिए एक ऑपरेशन मेघदूत (Operation Meghdoot) शुरू किया, तब से लेकर अब तक सियाचिन ग्लेशियर विवाद चल रहा है।
उपरोक्त बिंदुओं को देखते हुए हम कह सकते हैं कि भारत-पाक के बीच सहयोग के बजाए विवाद के मुद्दे अधिक हैं तथा दोनों के सम्बन्ध अत्यधिक जटिल एवं दुर्भावना से परिपूर्ण हैं। ऐसे में सम्बन्ध का निर्वहन अत्यंत ही कठिन है।
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FAQs
Q1. केन्द्रशासित प्रदेशों की संख्या कितनी है?
Ans. 08
Q2. देश में जिलों की कुल संख्या है?
Ans. 640 (2011)
Q3. गांवों की कुल संख्या (बिना बसे हुए गांवों सहित) है?
Ans. 6.41 लाख (2011)
Q4. जनसंख्या की दृष्टि से छोटा राज्य है?
Ans. सिक्किम
Q5. मरकत द्वीप की संज्ञा से प्रसिद्ध है?
Ans. अण्डमान निकोबार द्वीप समूह
Q6. हैदराबाद का जुड़वां नगर सिकन्दराबाद है जबकि कोच्चि का जुड़वां नगर है?
Ans. इर्नाकुलम
Q7. किस प्रदेश में सर्वाधिक जिले बनाए गए हैं?
Ans. उत्तर प्रदेश
Q8. किस राज्य में सर्वाधिक शहरी जनसंख्या निवास करती है?
Ans. महाराष्ट्र*
Q9. जनसंख्या में सर्वाधिक शहरी प्रतिशतता वाला राज्य कौन-सा है?
Ans. गोवा (62.17%)*
Q10. 2011 की जनगणनानुसार देश की कुल नगरीय जनसंख्या कितनी है?
Ans. 377.1 मिलियन (31.1%)*
Q11. 2001 के तुलना में शहरी जनसंख्या के अनुपात में 2011 में कितनी वृद्धि हुई है?
Ans. 3.4 प्रतिशत
Q12. 2001-11 के दशक में मिलियन प्लस नगर संकुलनों/नगरों की जनसंख्या की वार्षिक वृद्धि दर कितनी थी ?
Ans. 3.95 प्रतिशत*
Q13. 2011 के जनगणनानुसार 40 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 9 महानगरों में देश की नगरीय जनसंख्या का कितना प्रतिशत निवास करती है?
Ans. 23.80% (89.77 मिलियन)
Q14. 2001-11 के दशक में 9 महानगरों की जनसंख्या वृद्धि दर कितनी रही?
Ans. 3.23 प्रतिशत
Q15. 53 मिलियन प्लस नगरीय संकुलनों/नगरों में सर्वाधिक नगरीय संकुलन/नगर किस राज्य में है?
Ans. उत्तर प्रदेश तथा केरल में (दोनों में 7-7) तदोपरान्त महाराष्ट्र में 6 और मध्य प्रदेश, गुजरात एवं तमिलनाडु में 4-4
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