अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)

देश में अनेक प्रकार के अधात्विक खनिजों का उत्पादन होता है जिसमें डोलोमाइट, कायनाइट, सिलिमेनाइट, जिप्सम, चूना पत्थर, अभ्रक, एपेटाइट, फास्फेट, स्टीटाइट तथा लवण उल्लेखनीय हैं।

चूना पत्थर (Lime Stone)

भारत में चूना पत्थर पुरा कैम्ब्रियन से अभिनव काल तक की भूगर्भिक अवसादीय संरचनाओं में मिलता है। यह सीमेंट (76.0%), लौह-इस्पात, चीनी, उर्वरक, रसायन तथा फैरा-मैंगनीज उद्योगों में प्रयुक्त होता है।

चूना-पत्थर की खानें देश में अनेक स्थानों पर हैं और इसका उत्पादन लगभग सभी राज्यों में होता है। पाँच शीर्ष उत्पादक राज्य हैं, राजस्थान (20.17%), मध्य प्रदेश (13.12%), आंध्र प्रदेश (12.73%), छत्तीसगढ़ (11.18%) एवं कर्नाटक (9.0%)। (स्रोत : IMYB: 2019)

खनिजों के सर्वाधिक निर्यातक बन्दरगाह
खनिज
बन्दरगाह
• मैंगनीज
विशाखापत्तनम
• कोयला
कोलकाता-हल्दिया
• लौह अयस्क
मर्मागोवा
• ऐल्युमिना
विशाखापत्तनम
• तापीय कोयला
विशाखापत्तनम
• ग्रेनाइट
तूतीकोरिन
• बॉक्साइड
मर्मागोवा
• बाराइट्स
चेन्नई
• जस्ता सान्द्रण
काण्डला

डोलोमाइट (Dolomite)

यह रंगहीन, श्वेत अथवा कभी-कभी गुलाबी रंग का खनिज है, जिसमें कैल्सियम, मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया जाता है। यह मैग्नीशियम एवं इसके मिश्र पदार्थों को प्राप्त करने का स्रोत है। देश में सभी श्रेणियों के डोलोमाइट का भंडार 1 अप्रैल, 2015 तक 8415 मिलियन टन था। देश में सर्वाधिक डोलोमाइट उत्पादक राज्य क्रमशः छत्तीसगढ़ (39.2%), आन्ध्रप्रदेश (11.2%) और कर्नाटक (9.9%) हैं।*

अभ्रक (Mica)

अभ्रक का मुख्य अयस्क पिग्माटाइट है। वैसे यह मस्कोवाइट, बायोटाइट, फ्लोगोपाइट तथा लेपिडोलाइट जैसे खनिजों का समूह है, जो आग्नेय एवं कायांतरित चट्टानों में खण्डों के रूप में पाया जाता है। WMP : 2014-18 के अनुसार भारत 1700 टन अभ्रक (कच्चा) उत्पादित कर विश्व का 14वाँ सर्वाधिक अभ्रक (कच्चा) उत्पादक राष्ट्र है। ज्ञातव्य है कि अभ्रक का मुख्य उपयोग विद्युतीय सामान में इन्सुलेटर सामग्री के रूप में तथा वायुयानों में उच्च शक्ति वाली मोटरों में, रेडियों उद्योग तथा रडार में होता है।

भारत का अभ्रक शीट के उत्पादन एवं भण्डारण में विश्व में प्रथम स्थान है तथा इसके आयातक देशों में जापान, यू.एस.ए. एवं ब्रिटेन प्रमुख हैं।

अभ्रक के चार शीर्ष भण्डारक राज्य
राज्य
% अंश (1 अप्रैल, 2015 तक)
• आन्ध्रप्रदेश
41
• राजस्थान
28
• ओडिशा
17
• महाराष्ट्र
13
शीर्ष अभ्रक (कच्चा) उत्पादक राज्य
राज्य
टन में (2017-18)
• आन्ध्र प्रदेश
152217
• राजस्थान
6459

• अभ्रक उत्पादक प्रमुख क्षेत्र अधोलिखित हैं। यथा-

राज्य
क्षेत्र
• आन्ध्र प्रदेश
नैल्लोर और खम्मम
• राजस्थान
जयपुर तथा उदयपुर
• झारखण्ड
हजारीबाग, सिंहभूमि,
• बिहार
गया, भागलपुर, मुंगेर

जिप्सम (Gypsum)

यह अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। इसे सैलेनाइट भी कहते हैं। यह कैल्शियम का एक जलकृत सल्फाइड है। इसका उपयोग मृदा सुधारक, सीमेंट तथा चूना मिलाकर प्लास्टर-ऑफ-पेरिस, रंग-रोगन-रासायनिक पदार्थों, गन्धक का अम्ल एवं रासायनिक खाद बनाने में किया जाता है। 10 फरवरी, 2015 ई. को भारत सरकार ने जिप्सम को माइनर मिनिरल घोषित किया है।

जिप्सम भण्डारक शीर्ष तीन राज्य
राज्य
% अंश में (1 अप्रैल, 2015 तक)
• राजस्थान
81
• जम्मू एवं कश्मीर
14
• तमिलनाडु
2
जिप्सम उत्पादक शीर्ष राज्य
क्रम
राज्य (2017-18)
प्रथम
राजस्थान
द्वितीय
गुजरात

जिप्सम उत्पादक प्रमुख क्षेत्र अधोलिखित हैं। यथा-

राज्य
क्षेत्र
• राजस्थान
नागौर, बीकानेर, जैसलमेर, गंगानगर, बाड़मेर, और पाली जिले
• जम्मू एवं कश्मीर
उरी, बारामूला, डोडा जिले
• तमिलनाडु
कोयम्बटूर, तिरुचिरापल्ली व चिंगलपेट जिला

काइनाइट, एंडलुसाइट एवं सिलिमेनाइट (Kyanite Andalusite & Sillimanite)

भारत में विश्व के समृद्धतम् कायनाइट एंडलुसाइट तथा सिलिमेनाइट के भण्डार स्थित हैं। संसार का 73 हजार टन (17.8%) काइनाइट एंडलुसाइट एवं सिलीमेनाइट उत्पादित कर भारत इनके उत्पादन में विश्व में तृतीय स्थान रखता है। इन खनिजों का उपयोग काँच, सीमेन्ट तथा सिरामिक उद्योगों में होता है। इनसे उच्च तापसह पदार्थ (Refractories) तैयार होते हैं।* 1 अप्रैल, 2015 तक देश में कुल प्राप्ति योग्य कायनाइट तथा सिलिमेनाइट के भण्डार क्रमशः 104.98 व 70.20 मिलियन टन था। कायनाइट के निक्षेप तेलंगाना (46%), आन्ध्रप्रदेश (30.5%), कर्नाटक (12.67%), एवं झारखण्ड (7.23%), जबकि सिलिमेनाइट मुख्यतः ओडिशा (25.15%), तमिलनाडु (24.87%) उ.प्र. (16.30%) आन्ध्र प्रदेश (12.52%) तथा केरल (10.17%), में मिलते थे। एंडलुसाइट के निक्षेप मुख्यतः उत्तर प्रदेश (85.8%) एवं झारखण्ड (14.1%) में मिलता था।

सेलखड़ी (Talc)

सेलखड़ी या घीया पत्थर (Soapstone) वास्तव में स्टिऐटाइट (Steatite) की उपमा हैं। राजस्थान में इसका सर्वाधिक उत्पादन एवं भण्डार पाया जाता है। सेलखड़ी के अन्य उत्पादक राज्य हैं-आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक। चीन, के बाद भारत विश्व में इसका दूसरा (WMP : 2014-18) सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है। यह पोर्सलेन, इमारतों के सजावटी कार्य, सिरामिक, पेन्ट, कागज, साबुन, प्रसाधन की वस्तुएँ तथा उच्च तापसह पदार्थों के निर्माण में प्रयुक्त होता है।

लवण (Salt)

सोडियम (39.3%) क्लोराइड (60.6%) अर्थात लवण या नमक भारत में तीन स्त्रोतों से प्राप्त होता है- (i) समुद्र जल से (ii) खारी झीलों एवं स्त्रोतों से (iii) गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश की खदानों से। देश का 75% नमक समुद्री-जल से प्राप्त किया जाता है। I.M.Y.B. 2019 के अनुसार नमक के उत्पादन की दृष्टि से शीर्ष तीन राज्य क्रमशः गुजरात (233 लाख टन), राजस्थान (27.18 लाख टन) तथा तमिलनाडु (23.62 लाख टन) हैं।

• राजस्थान में साँभर (जयपुर), डिडवाना, फलोदी, पंचभद्रा (जोधपुर) तथा लूनकरनसर (बीकानेर) की नमकीन झीलें भी नमक उत्पादन के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। राजस्थान देश का 10% नमक उत्पादन करता है।

• शैल लवण (Rock salt) हिमाचल प्रदेश के मण्डी जिले की द्रांग और गूगा की खानों से निकाला जाता है।

अणुशक्ति वाले खनिज

ऊर्जा के नये स्त्रोतों में नाभिकीय ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि इसमें अपार ऊर्जा क्षमता अन्तर्निहित होती है। अणु शक्ति की यह ऊर्जा प्रकृति में पाये जाने वाले परमाणु खनिजों में होती हैं। अणु शक्ति वाले खनिज अधोलिखित हैं। यथा-

• यूरेनियम – इसकी प्राप्ति धारवाड़ तथा आर्कियन श्रेणी की चट्टानों-पेग्मेटाइट, मोनोजाइट बालू तथा चेरालाइट में होती है। यूरेनियम के प्रमुख अयस्क पिंचब्लैंड, सॉमरस्काइट एवं थोरियानाइट हैं। झारखण्ड का जादूगोडा (सिंहभूम) क्षेत्र यूरेनियम खनन के लिए सुप्रसिद्ध हैं।* सिंहभूम जिले में ही भाटिन, नारवा, पहाड़ और केरुआडूंगरी में भारी यूरेनियम के स्रोतों का पता लगा था। राजस्थान में यूरेनियम की प्राप्ति भीलवाड़ा, बूंदी और उदयपुर जिलों से होती है।

• बेरिलियम – यह बेरिल नामक खनिज से प्राप्त किया जाता है, जो आग्नेय चट्टानों से प्राप्त होता है। यह राजस्थान, झारखण्ड, आन्ध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में मिलता है। इसका सर्वाधिक उपयोग मिश्र धातुओं के निर्माण, वायुयानों के कार्बरिटर, फ्लूरोसेंट ट्यूब, नियान सिग्नलस, साइक्लोट्रान तथा विस्फोटक बनाने में होता है।

• इल्मेनाइट- यह कुमारी अन्तरीप से लेकर नर्मदा नदी की एस्चुअरी तक तथा महानदी के तट से तिरुनलवैली के पूर्वी तट तक के तटीय बालू मिट्टी में पायी जाती है। इसका सर्वाधिक भण्डार केरल की बालू मिट्टी में पाया जाता है।

• थोरियम – वर्तमान स्थिति के अनुसार भारत विश्व का सर्वाधिक थोरियम उत्पादक राष्ट्र है। थोरियम मोनोजाइट रेत से प्राप्त किया जाता है, जिसका निर्माण प्री-कैम्ब्रियन काल की चट्टानों के विध्वंश चूर्ण से हुआ है। जो मुख्यतः केरल के तटवर्ती भागों में मिलता है। इसके अलावा यह नीलगिरि (तमिलनाडु), हजारीबाग (झारखण्ड) और उदयपुर (राजस्थान) जिलों में तथा पश्चिमी तटों के ग्रेनाइट क्षेत्रों में रवों के रूप में भी प्राप्त होता है।

• ग्रेफाइट- यह कायान्तरित शैलों, विशेषकर नीस शिलाओं में पाया जाता है। जिसका उपयोग परमाणु शक्ति के रिएक्टरों में मन्दक के रूप में तथा पेन्सिलों के लेड बनाने में किया जाता है।* तमिलनाडु, ओडिशा, झारखण्ड एवं केरल इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं। ज्ञातव्य है कि अरुणाचल प्रदेश (37%) ग्रेफाइट का सर्वाधिक भण्डारक राज्य है।

• ग्रेफाइट के मुख्य उत्पादक क्षेत्र अधोलिखित हैं। यथा-

राज्य
क्षेत्र
• ओडिशा
कालाहांडी, बोलंगिरि, गंजाम
• आन्ध्र प्रदेश
वारंगल, पश्चिमी गोदावरी, विशाखापट्टनम
• तमिलनाडु
तिरुनलवैली

• जिरकान- यह केरल राज्य की बालू मिट्टी में जिरकोनियम अयस्क से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग अणुशक्ति के अलावा अनेक कार्यों में किया जाता है। केरल, तमिलनाडु तथा ओडिशा इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

• एंटीमनी – इसे सुरमा भी कहा जाता है। जो स्टिबनाइट नामक खनिज से प्राप्त होता है। इसके मुख्य उत्पादक राज्य हैं- हिमाचल प्रदेश (कांगड़ा) तथा मध्य प्रदेश (जबलपुर)। इसका उपयोग आभूषणों, बन्दूक की कारतूसों, टूथपेस्ट की ट्यूब तथा विद्युत तार बनाने में किया जाता है।

यह भी पढ़ें : धात्विक खनिज (Metallic Minerals)

FAQs

Q1. 10 अगस्त, 2016 को भारत का प्रथम निकेल धातु उत्पादक संयंत्र कहां स्थापित किया गया है?
Ans.
घाटशिला (झारखण्ड में)

Q2. विश्व का सबसे बड़ा एक मात्र बाइराइट्स भण्डार कहाँ पाया जाता है?
Ans.
मंगापेट या मंगमपेट (आन्ध्र प्रदेश के कुडप्पा जिले में)

Q3. बाइराइट्स किसका खनिज रूप है?
Ans.
बेरियम सल्फेट का

Q4. बाइराइट्स के उत्पादन में संसार में भारत का कौन-सा स्थान है?
Ans.
दूसरा

Q5. बाइराइट्स के शीर्ष दो उत्पादक राज्य कौन से हैं?
Ans.
क्रमशः आन्ध्र प्रदेश एवं राजस्थान

Q6. भारत विश्व का 9.73% क्रोमाइट का उत्पादन कर कौन-सा स्थान रखता है?
Ans.
चतुर्थ

Q7. वर्ष 2016-17 में क्रोमाइट के शीर्ष तीन उत्पादक राज्य कौन-से हैं?
Ans.
क्रमशः ओडिशा, कर्नाटक एवं महाराष्ट्र

Q8. नवम्बर, 2010 में भारत सरकार ने लौह अयस्क और मैंगनीज के अवैध खनन पर रिपोर्ट देने के लिए किस आयोग का गठन किया था?
Ans.
 एम.बी.शाह (सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश)

Q9. WMP: 2014-18 के अनुसार अभ्रक (कच्चा) का विश्व खनिज उत्पादन में भारत का कौन-सा स्थान है?
Ans.
14वां

Q10. बिहार में रोहतास किस खनिज के उत्पादन के लिए सुप्रसिद्ध है?
Ans.
पाइराइट

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

1 thought on “अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)”

Leave a Comment