ऊर्जा (Energy)

किसी वस्तु में कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा आर्थिक विकास तथा जीवन का स्तर बेहतर बनाने के लिए एक अनिवार्य संसाधन है। 1947 में प्रतिस्थापित विद्युत क्षमता 1400 मेगावाट थी जो 31 जनवरी, 2021 के अन्त तक बढ़कर 377261 मेगावॉट हो गई, जिसमें तापीय ऊर्जा का योगदान 231871 (61.5%) मेगावॉट, जल विद्युत का 45798 (12.2%), नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 91154 (24.5%) तथा परमाणु ऊर्जा का हिस्सा 6780.00 (1.8%) मेगावॉट है। ऊर्जा स्रोतों के आधार पर भारत में पाँच प्रकार के क्षेत्रों की पहचान की जाती है। यथा-

1. जल ऊर्जा स्त्रोत (Hydro Energy)
2. ताप ऊर्जा स्त्रोत (Thermal Energy)
3. परमाणु ऊर्जा स्त्रोत (Nuclear Energy)
4. गैस तथा पेट्रोल आधारित स्त्रोत (Conventional)
5. गैर परम्परागत (Non-Conventional)

• ऊर्जा संसाधनों के पुनर्प्रयोग के आधार पर इसे दो वर्गों में विभक्त किया गया है।

1. अनव्यकरणीय (Non-Renewable) – ऊर्जा स्त्रोत अर्थात् समाप्य ऊर्जा स्रोत, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, गैस एवं परमाणु आधारित ऊर्जा स्रोत ।

2. नव्यकरणीय (Renewable) – ऊर्जा स्रोत अर्थात् असमाप्य ऊर्जा स्रोत (Inexhaustible Energy) जैसे- फोटोबोल्टिक, सौरताप ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, जैव द्रव्य ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा एवं ओटेक ऊर्जा स्त्रोत ।

• ऊर्जा का वर्गीकरण परम्परागत (Conventional) तथा गैर परम्परागत (Non-Conventional) ऊर्जा के रूप में भी किया जाता है। परम्परागत ऊर्जा में कोयला, पेट्रोलियम तथा गैस आते हैं जबकि गैर-परम्परागत ऊर्जा के अन्तर्गत सभी नव्यकरणीय ऊर्जा तथा परमाणु खनिज से प्राप्त ऊर्जा भी आता है।

• ऊर्जा का एक अन्य वर्गीकरण प्रदूषण के आधार पर किया जाता है। यथा- प्रदूषणकारी ऊर्जा स्त्रोत के अन्तर्गत सभी अनव्यकरणीय ऊर्जा स्रोत तथा अप्रदूषणकारी स्त्रोत के अन्तर्गत सभी नव्यकरणीय ऊर्जा स्रोत आते हैं।

• भारत में अनुमानित 150000 मेगावाट से अधिक की अनुप्रयोजित हाइड्रो पावर की सम्भावना है।*

• संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन की रूपरेखा के स्वच्छ विकास तन्त्र के अन्तर्गत 28 मई, 2008 को देश में ‘बचत लैंप योजना’ शुरू की गई थी।

विद्युत उत्पादन

केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019-20 में कुल विद्युत उत्पादन 1390.467बि.यू. था। इस अवधि के विद्युत उत्पादन में 5.20% की वृद्धि दर पाई गई, परन्तु प्रतिव्यक्ति विद्युत खपत की बात की जाये तो भारत, वैश्विक औसत से काफी पीछे है। विश्व बैंक के अनुसार भारत में प्रतिव्यक्ति बिजली खपत वर्ष 2014 में 805 KWH थी। वहीं भारत के विद्युत मंत्रालय के मुताबिक भारत में विद्युत की प्रतिव्यक्ति खपत वर्ष 2018-19 में 1181 (P) किलोवाट घण्टा प्रति वर्ष थी जबकि वर्तमान वैश्विक औसत विद्युत खपत 3132 किलोवाट घंटा प्रतिवर्ष है।

• 31 जनवरी, 2021 तक देश में कुल स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता का लगभग 6.6% गैस पर आधारित है।*

• वर्तमान में 24 राज्यों ने ‘राज्य विद्युत नियामक आयोगों’ का गठन किया है और 20 राज्यों ने टैरिफों को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में टैरिफ आदेश जारी किये हैं।

• चार वर्ष की अवधि में सभी ग्रामीण द्वारों तक विद्युत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना’ 4 अप्रैल, 2005 को आरम्भ की गई। ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) इस कार्यक्रम के लिए केन्द्रक एजेन्सी है।

• केन्द्र सरकार ने 10वीं योजना के दौरान ‘त्वरित विद्युत विकास और सुधार कार्यक्रम’ (APDRP) प्रारम्भ किया था, जिसका प्रमुख उद्देश्य राज्य सरकारों, राज्य विद्युत बोर्डों और संस्थानों को पारेषण, वितरण और वाणिज्यिक हानियों में कमी लाने की दिशा में पर्याप्त कदम उठाने हेतु प्रोत्साहित करना था।

• भारत में अनुमानित 150000 मेगावाट से अधिक की अनुप्रयोजित हाइड्रो पावर की सम्भावना है।*

• संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन की रूपरेखा के स्वच्छ विकास तन्त्र के अन्तर्गत 28 मई, 2008 को देश में ‘बचत लैंप योजना’ शुरू की गई थी।

शीर्ष 5 प्राथमिक ऊर्जा खपत (Consumption) वाले देश
क्रम
देश (2019) प्रतिशत में
• प्रथम
चीन (24.3)
• द्वितीय
USA (16.2)
• तृतीय
भारत* (5.8)
• चतुर्थ
रूसी संघ (5.1)
• पंचम
जापान (3.2)
शीर्ष 5 विद्युत प्राप्तकर्ता राज्य
क्रम
राज्य (2017-18)
• प्रथम
महाराष्ट्र
• द्वितीय
उत्तर प्रदेश
• तृतीय
गुजरात
• चतुर्थ
तमिलनाडु
• पंचम
मध्य प्रदेश
शीर्ष 5 विद्युत उत्पादन (Electricity generation) वाले राष्ट्र, 2018
राष्ट्र
उत्पादन (%) में
• चीन
26.9
• यू.एस.ए.
16.7
• भारत
5.9
• रूसी संघ
4.2
• जापान
3.9

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FAQs

Q1. 4 जुलाई, 2012 को ऊर्जा कुशलता वृद्धि के लिए राष्ट्रीय मिशन (National Mission for Enhanced Efficiency- NMEEE) के अन्तर्गत शुरू की गई योजना का नाम है?
Ans.
कार्य निष्पादन, उपलब्धि और व्यापार योजना (Perform, Achieve & Trade- PAT)

Q2. वर्ष (2018-19) में कितने मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया था?
Ans.
 8106.15 मेगावॉट

Q3. ऊर्जा का मात्रक क्या है?
Ans.
जूल

Q4. कोयले के जलने से निकलने वाले ठोस पदार्थ को क्या कहते हैं?
Ans.
फ्लाईऐश (Flyash)

Q5. हाइड्रोकार्बन के जलने से कौन सी विषाक्त तथा प्रदूषणकारी गैसें निकलती हैं?
Ans.
CO2, CO एवं SO2 आदि

Q6. भारत में सर्वप्रथम बिजली की आपूर्ति कहाँ शुरु हुई थी?
Ans.
दार्जिलिंग (1897)

Q7. गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत विभाग की स्थापना कब की गई थी?
Ans.
12 सितम्बर, 1982

Q8. देश को कितने ऊर्जा ग्रिडों में विभक्त किया गया है?
Ans.
पाँच (उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी, पूर्वी एवं उत्तरी-पूर्वी)

Q9. नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन लि. (N.T.P.C.) की स्थापना कब की गईं?
Ans.
 1975

Q10. देश में प्रति व्यक्ति प्रतिवर्ष विद्युत उपभोग था?
Ans.
 1181 किलोवाट घण्टा (2018-19 में)

Q11. वैश्विक औसत विद्युत उपभोग वर्तमान में कितना है?
Ans.
 3132 किलोवाट घंटा प्रति वर्ष

Q12. बिजली का सर्वाधिक उपयोग किस क्षेत्र में होता है?
Ans.
उद्योग

Q13. भारत विश्व का किस नम्बर का विद्युत उत्पादक देश है?
Ans.
तीसरा (वर्ष 2018)

Q14. NTPC का परिवर्तित नाम क्या है?
Ans.
N.T.P.C. लिमिटेड

Q15. 12 वीं पंचवर्षीय योजना में कितनी विद्युत सृजन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है?
Ans.
1 लाख मेगावॉट

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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