आलू की सड़क: पाठ -9

एक भालू था। उसे नानी के घर दूर जाना था। रास्ते में खाने के लिए भालू ने बोरा-भर आलू पीठ पर रख लिए।

पर बोरे में तो छेद था। भालू आगे बढ़ता जाता— धप्प, धप्प, धप्प। बोरे से आलू टपकते जाते— टप्प, टप्प, टप्प।

रास्ते में पीपल के पेड़ पर एक बंदर बैठा था।  उसने भालू से पूछा “कहाँ जा रहे हो, भैया”? लेकिन उत्तर में बंदर ने बस धप्प, टप्प, धप्प, टप्प, धप्प, टप्प ही सना।

उसने पेड़ से नीचे देखा। रास्ते में आल पड़े हुए थे। यह देखकर बंदर मन-ही-मन बोला– भालू चाहे न बताए, पर मैं पता लगा सकता हूं। वह खुश होकर पेड़ से नीचे उतरा।

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बातचीत के लिए

1. बंदर ने कैसे पता लगाया होगा कि भालू कहाँ जा रहा है?
Ans.
बंदर ने रास्ते में गिरे हुए आलुओं की लाइन देखी और सोचा कि जिस दिशा में आलू गिरे हैं, उसी दिशा में भालू जा रहा होगा। इस तरह उसने पता लगा लिया कि भालू किस ओर जा रहा है।

2. भालू ने बंदर को कोई उत्तर क्यों नहीं दिया होगा?
Ans.
भालू शायद बंदर को सुन नहीं पाया, क्योंकि वह चलते हुए अपने बोरे की आवाज (धप्प-धप्प) और आलुओं के गिरने की आवाज (टप्प-टप्प) में ही उलझा हुआ था।

3. यदि रास्ते में पानी होता, तब धप्प की जगह क्‍या आवाज़ आती?
Ans.
यदि रास्ते में पानी होता, तो “धप्प” की जगह “छपाक” या “छप-छप” जैसी आवाज आती।

4. अगर बोरे में छेद नहीं होता, तो कहानी में आगे क्या होता? अपनी कहानी सुनाइए।
Ans.
अगर बोरे में छेद नहीं होता, तो आलू रास्ते में नहीं गिरते। भालू सीधे नानी के घर पहुँच जाता और उन्हें खुशी-खुशी सारे आलू दे देता। नानी आलुओं की स्वादिष्ट सब्ज़ी बनातीं, और दोनों मिलकर स्वाद से खाना खाते। इस तरह कोई बंदर भी पीछे से पीछा नहीं करता और भालू बिना किसी रुकावट के अपनी मंज़िल तक पहुँच जाता।

आवाज़ें तरह-तरह की

हमें आस-पास कई प्रकार की आवाज़ें सनाई देती हैं,
जैसे – • घटी बजने पर ‘टन-टन’
           • बादल गरजने पर ‘घड़-घड़’
           • पानी टपकने पर ‘टप-टप’

बताइए, इन वस्तुओ की आवाज़ें कैसी होती हैं –

• पानी में चलना
• सूखे पत्तों पर चलना
• गुब्बारा फूटना
• बर्तनों का गिरना
•  बारिश की बूंदों का गिरना
• माँ का पुकारना

Ans.

• पानी में चलना
आवाज़: छप-छप, छपाक-छपाक
(पैरों के पानी में पड़ने से हल्की छींटों जैसी आवाज़ आती है)

• सूखे पत्तों पर चलना
आवाज़: खड़-खड़, चर्र-चर्र
(पत्तों के दबने और टूटने से चरमराती हुई आवाज़)

• गुब्बारा फूटना
आवाज़: पटाख्, धमाक्, फट्
(अचानक तेज़ और चौंकाने वाली फटने की आवाज़)

• बर्तनों का गिरना
आवाज़: खन-खन, झन-झन, धड़ाम
(धातु के बर्तनों के टकराने और गिरने से तेज़ आवाज़)

• बारिश की बूंदों का गिरना
आवाज़: टप-टप, झमाझम, छम-छम
(हल्की बारिश में टप-टप और तेज़ बारिश में झमाझम की ध्वनि)

• माँ का पुकारना
आवाज़: बेटा…!, आ जा…!, कहाँ हो…!
(माँ की आवाज़ भावनाओं से भरी, कोमल, और बुलाने वाली होती है)

सही उत्तर चुनकर लिखिए –
1. बंदर कौन-से पेड़ पर बैठा  था? ……………………. (पीपल/ बेर)
Ans. पीपल

2. भालू कहाँ जा रहा था? ……………………………….. (नानी के घर /दादी के घर)
Ans. नानी के घर

3. भालू ने बोरे में क्या रखा था? ……………………………….. (आलू
/ मूली)
Ans.आलू

नीचे दिए गए चित्रों को वाक्यों के साथ जोड़िए –

Ans.

शब्दों का खेल

1. ‘ब’ से शुरू होने वाले शब्दों को पहचानिए, अनुमान लगाकर पढ़िए और लिखिए।

Ans. ‘ब’ से शुरू होने वाले कुछ शब्दों की सूची इस प्रकार है:
• बदरंग
• बल
• बड़ा
• बांस
• बर्फ
• बारिश
• बाल
• बाग
• बहन

2. नीचे दिए गए चित्रों के नाम सुनिए –

उल्लू
कुरता
सुराही
ऊन
फूल
सूरज

बताइए, इन नामों की पहली ध्वनि में क्या अंतर है?
Ans. इन शब्दों की पहली ध्वनियों में निम्नलिखित अंतर है:

• उल्लू – इस शब्द की पहली ध्वनि “उ” है, जो एक उन्नत स्वर है।

• कुरता – इस शब्द की पहली ध्वनि “क” है, जो एक ठोस, अनुनासिक (क) ध्वनि है।

• सुराही – इस शब्द की पहली ध्वनि “स” है, जो एक सवायन (स) ध्वनि है।

• ऊन – इस शब्द की पहली ध्वनि “उ” है, जो एक उन्नत स्वर है।

• फूल – इस शब्द की पहली ध्वनि “फ” है, जो एक पंखे वाली ध्वनि है।

• सूरज – इस शब्द की पहली ध्वनि “स” है, जो एक सवायन (स) ध्वनि है।

3. नीचे दिए चित्रों के नाम बताइए और लिखिए-

Ans.

4. भालू ’ शब्द में ‘भा’ और लू अक्षर जुड़े हुए हैं। यदि ‘भा’ की जगह ‘का’, ‘ला’, ‘ता’, ‘बा’, ‘शा’ जोड़ें, तो क्या शब्द बनेगा? इन्हें लिखिए और पढ़कर सुनाइए-

Ans. कालू, लालू, तालू,बालू, शालू

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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