आगनवाड़ी केन्द्र से भारत के सभी लोग भली भाती परिचित होंगे। तो आज हम आपको उत्तर प्रदेश के आगनवाड़ी के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। आइए थोड़ा कोरोना के समय की कुछ बातों को जान लेवें।
कोरोना काल ने जब लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे तब सरकार ने आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों को एक बड़ी जिमेदारी सौंपी की घर घर जा के सबको कोरोना के प्रति जागरूक करें और टीकाकरण के लिए प्रेरित करें इतना ही नहीं वो टीकाकरण के समय उपस्थित रहें। आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों ने सरकार के आदेश का पालन किया।
इतना सब करने के बावजूद भी सरकार के तरफ से एक रुपया भी प्रोत्साहन के रूप में नहीं दिया गया। जबकि कई आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों ने अपनी जान तक गवा दी। लेकिन इसके बदले इनके परिवार को क्या मिला ? कुछ नही ! बस मिला तो मायूसी। सरकार को तो ये भी नहीं पता होगा की कितनी आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों ने अपनी जान गवाई हैं।
जो कोरोना काल के समय में आगनवाड़ी कार्यकत्री अच्छी तरह से ड्यूटी निभाई थीं ,उन्हें माननी मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया गया था।
आगनबाडी कर्मचारी का वेतन
अब आते हैं इसके मानसिक वेतन पर, आखिर आगनवाड़ी को महीने का वेतन कितना मिलता है?
आगनवाड़ी कार्यकत्री का 4500₹ मूल वेतन है कई धरना प्रदर्शन के बाद मोदी जी ने 500₹ बढ़ाया और योगी जी ने 1000₹ बढ़ोतरी के रूप में आदेश दिया। सहायिका का मूल वेतन है 2500- 3000₹
पद | वेतन प्रति महीने |
सुपरवाइज़र | 15000-25000₹ |
आगनवाड़ी कार्यकत्री | 5000- 7000₹ |
सहायिका | 2000- 3000₹ |
भत्ता
आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों को भत्ता के नाम पर कुछ नही दिया जाता है जबकि रजिस्टर या पेन तक अपने पास से खरीदती हैं और मीटिंग में भाड़े की गाड़ी से आती हैं।
भत्ते का प्रकार | ₹ |
मंहगाई भत्ता | 0 ₹ |
चिकित्सा भत्ता | 0 ₹ |
यात्रा भत्ता | 0 ₹ |
यूनीफॉर्म भत्ता | 600₹ प्रति वर्ष |
पदोन्नति
आप आगनवाड़ी में कार्यकत्री पद पर कार्य करते रह जाइए कोई पदोन्नति की संभावना नहीं है और न ही भविष्य में दिख रहीं है । सरकार के तरफ से 24 साल में कोई भी पदोन्नति के लिए आदेश अभी तक जारी नही हुई है। जो भी आगनवाड़ी कार्यकत्री कार्यरत हैं वो ईमानदारी से अपना कार्य करती रहें। इस विभाग में पदोन्नति की कोई संभावना नहीं है।
आगनवाड़ी का ऑनलाइन कार्य
सभी आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों को सरकार की तरफ से एक फोन दिया गया। इस फोन में पहले से ही कई सरकार के तरफ से ही एप्लीकेशन डाउनलोड रहते हैं जो आगनवाड़ी कार्यकत्री के कार्य से संबंधित होते हैं। जैसे की :
पोषण ट्रैकर – यह एक प्रकार का डाटा सेंटर हैं जिसमे आगनवाड़ी कार्यकत्री के सर्वे में जितनी गर्भावती और धात्री महिलाए होती हैं उनका सारा डिटेल फीड किया गया होता है। इसमें प्रतिदिन बच्चों का अटेंडेंस लगाया जाता है। खास बात यह है की इसमें प्रतिदिन सुबह केंद्र खुला है या बंद है इसका भी विवरण देना होता है तथा कितने बच्चों के घर गृह भ्रमण पर जाना है वो भी अपडेट मिलते रहता है।
आगनवाड़ी के कार्य
• सर्वप्रथम इनको डेली केंद्र पर जाना होता है।
• प्रतिदिन गृह भ्रमण के लिए बच्चों के घर जाना होता है।
• रजिस्टर मेंटेन करना और ऑनलाइन एप्लीकेशन में भी डाटा फीड करना।
• काम से कम 10 रजिस्टर आपको महीने में तैयार करना होगा।
• महीने में अनुप्रासन और गोदभराई जैसा टास्क मिलते रहता है जिसको पूरा करना ही होता है।
• अगर कभी भी कोई टीका गांव में लगेगा वहां आगनवाड़ी कार्यकत्रीयों की उपस्थिति अनिवार्य है।
• गांव में कोई सर्वे करना है तो आंगनबाड़ी कार्यकत्री को ही करना होता हैं।
• महीने में कितनी बार मीटिंग में जाना पड़ सकता है कोई नही जानता।
• किसी भी आपदा में आपको तत्पर खड़ा रहना होगा।
• जो सरकार के तरफ से पोषणयुक्त आहार मिलता है उसे ऑफिस से अपने केंद्र तक स्वयं लाना पड़ेगा।
• सरकार के द्वारा मिले इस आहार को सभी लाभार्थी को वितरित करना होगा।
नोट : यह जानकारी खुद के एक्सपीरियंस से बताई गई है जो लोग आगनवाड़ी में कार्यरत हैं वो इन सारी बातों से भली भाती परिचित होंगे। लोगों को इनका काम सरल लगता है लेकिन यह काम देखने में जितना आसान लगता है उतना ही कठिन है। जो लोग इस पद पर कार्यरत हैं उनकी इस्थिति बद से बत्तर होते चली जा रही है। मैं सरकार से अनुरोध करना चाहूंगा कि इनके वेतन और इनके बुढ़ापे के जीवन यापन के लिए विचार विमर्श करे।
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