बया हमारी चिड़िया रानी : पाठ -4

बया हमारी चिड़िया रानी!

तिनके लाकर महल बनाती,
ऊँची डाली पर लटकाती,
खेतों से फिर दाना लाती,
नदियों से भर लाती पानी।

तुझको दूर न जाने देंगे,
दानों से आँगन भर देंगे,
और हौज में भर देंगे हम,
मीठा-मीठा ठंडा पानी।

फिर अंडे सेयेगी तू जब,
निकलेंगे नन्हे बच्चे तब,
हम आकर बारी-बारी से,
कर लेंगे उनकी निगरानी।

फिर जब उनके पर निकलेंगे,
उड़ जाएँगे बया बनेंगे,
हम तब तेरे पास रहेंगे,
तू मत रोना चिड़िया रानी।

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बातचीत के लिए

1. चित्र में क्या-क्या दिखाई दे रहा है?
Ans.
चित्र में बया, बया का घोंसला, पेड़ की डाली, बादल, दिखाई दे रहा है।

2. यह किस पक्षी का घोंसला है?
Ans.
यह बया पक्षी का घोंसला है।

3. आपके अनुसार घोंसले में बैठी बया क्या सोच रही होगी?
Ans.
बया सोच रही होगी कि उसके नन्हें बच्चे सुरक्षित रहें और जल्दी बड़े होकर उड़ सकें।

4. चिड़िया अपना घर बनाने के लिए तिनके कहाँ से लाती लाती होगी?
Ans.
चिड़िया खेतों, पेड़ों और झाड़ियों से तिनके लाती होगी।

5. आपने किन-किन पक्षियों के घोंसले देखे हैं?
Ans.
मैंने कबूतर, मैना, गौरैया और तोते के घोंसले देखे हैं।

शब्दों का खेल

1. नीचे दिए गए शब्दों को उलटकर लिखिए और नए शब्दों का आनंद लीजिए-

2. नीचे लिखे विपरीत अर्थ वाले शब्दों का मिलान कीजिए-

Ans.

3. नीचे दिए गए शब्दों में से तुक मिलने वाले शब्दों को ढूँढ़कर लिखिए –

रानी
पानी
आकर
लाकर
जब
तब
लाती
बनाती
कहेंगे
रहेंगे
तिनके
जिनके

4. कविता को पढ़कर पंक्तियाँ पूरी कीजिए-

(क) तिनके लाकर महल बनाती,
       ऊँची डाली पर लटकाती।

(ख) तुझको दूर न जाने देंगे,
       दानों से आँगन भर देंगे।

5. जब एक हो तो वह ‘तिनका’ कहलाता है और अनेक हों तो ‘तिनके’ ।

नीचे दिए गए एकवचन शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए –

एकवचन
बहुवचन
(क) तिनका
तिनके
(ख) दाना
दाने
(ग) अंडा
अंडे
(घ) बच्चा
बच्चे

मेरा नाम सुनीत कुमार सिंह है। मैं कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का निवासी हूँ। मैं एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हूं।

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