अकबर के दरबार में अनेक विद्वान् थे। बीरबल उन्हीं में से एक थे। वे अपनी चतुराई के लिए बड़े प्रसिद्ध थे। अपनी चतुराई से वे बादशाह को भी हरा देते थे। अकबर और बीरबल के बारे में अनेक कहानियाँ प्रसिद्ध हैं। लोग उन्हें बड़े चाव से सुनते-सुनाते हैं।
एक बार की बात है। अकबर किसी गाँव से होकर जा रहे थे। सर्दी के दिन थे। गाँव के लोग आग जलाकर, उसके चारों ओर बैठे बातें कर रहे थे। जब बादशाह अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँचे तो एक व्यक्ति कह रहा था कि मैं यमुना के पानी में रातभर खड़ा रह सकता हूँ।

अकबर को इस बात का विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि यदि तुम सारी रात पानी में खड़े रहो तो मैं तुम्हें थैलीभर मोहरें इनाम में दूँगा। वह मान गया।
अगली रात वह व्यक्ति यमुना के ठंडे जल में पूरी रात खड़ा रहा। प्रातः वह बादशाह के दरबार में आया।
बादशाह ने आश्चर्य से पूछा, “तुम इतनी सर्दी में सारी रात पानी में कैसे खड़े रहे?”

उसने नम्रता से उत्तर दिया, “महाराज, आपके राजमहल से दीपक का प्रकाश आ रहा था। मैं उसे देखते हुए सारी रात पानी में खड़ा रहा।”
बादशाह ने कहा, “तो तुम मेरे दीपक की गरमी के कारण ही सर्दी से बच सके। तुम्हें कोई इनाम नहीं दिया जाएगा।”
वह बहुत दुखी हुआ और उदास होकर चला गया। उस समय बीरबल भी दरबार में उपस्थित थे। उन्होंने सोचा इस दुखी व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।
दूसरे दिन बीरबल दरबार में नहीं आए। अकबर को चिंता हुई कि कहीं बीरबल बीमार तो नहीं पड़ गए। उन्होंने बीरबल को बुलावा भेजा। बीरबल ने कहलवाया कि मैं खिचड़ी पका रहा हूँ, पक जाने पर दरबार में उपस्थित हो जाऊँगा।
अगले दिन बीरबल को फिर दरबार में न देखकर बादशाह ने कुछ सोचा। फिर वे बोले, “चलो, स्वयं ही चलकर देखें कि बीरबल कैसी खिचड़ी पका रहे हैं।”

जब बादशाह बीरबल के यहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि एक बहुत लंबे बाँस के ऊपरी सिरे पर एक हाँडी लटकी हई है। हाँडी से बहत नीचे भूमि पर बहुत थोड़ी-सी आग जल रही है। बादशाह ने हैरानी से पूछा, “बीरबल ! भला यह खिचड़ी कैसे पक सकती है? हाँडी तो आग से बहुत दूर है।”
बीरबल ने उत्तर दिया, “हुजूर अगर वह व्यक्ति राजमहल के दीपक की गरमी के सहारे सारी रात ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो इस आग से मेरी खिचड़ी क्यों नहीं पक सकती?”

अकबर को बात समझ में आ गई। उन्होंने दूसरे दिन उस व्यक्ति को दरबार में बुलाया और बड़े सम्मान के साथ उसे मोहरों की थैली भेंट कर दी।
यह भी पढ़ें: आम का पेड़: पाठ -5
बातचीत के लिए
1. आप सर्दी को कम करने के लिए क्या-क्या उपाय करते हैं?
Ans. मैं गर्म कपड़े पहनता हूँ, कंबल ओढ़ता हूँ और आग या हीटर के पास बैठता हूँ।
2. अपने द्वारा किए गए सबसे कठिन काम का अनुभव बताइए।
Ans. मैंने एक बार ठंडे मौसम में बिना स्वेटर के खेल में भाग लिया, यह मेरे लिए बहुत कठिन था।
3. आपके अनुसार पकाने के लिए बर्तन से आग कितनी दूर होनी चाहिए?
Ans. बर्तन आग के पास होना चाहिए ताकि भोजन जल्दी और ठीक से पक सके।
4. क्या आपने कभी खिचड़ी खाई है? क्या आपको पता है कि इसे कैसे बनाया जाता है?
Ans. हाँ, मैंने खिचड़ी खाई है। इसे चावल और दाल को मिलाकर पानी और नमक के साथ पकाया जाता है।
सोचिए और लिखिए
1. बीरबल किसलिए प्रसिद्ध थे?
Ans. बीरबल अपनी चतुराई और बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध थे।
2. वह व्यक्ति पूरी रात पानी में कैसे खड़ा रहा?
Ans. वह व्यक्ति राजमहल से आ रहे दीपक के प्रकाश को देखते हुए पूरी रात ठंडे पानी में खड़ा रहा।
3. बादशाह को उस व्यक्ति की बात पर क्यों आश्चर्य हुआ?
Ans. बादशाह को आश्चर्य हुआ कि कोई व्यक्ति इतनी ठंडी रात में यमुना के पानी में पूरी रात खड़ा रह सकता है।
4. बादशाह ने अगले दिन उस व्यक्ति को इनाम क्यों नहीं दिया?
Ans. बादशाह ने सोचा कि वह व्यक्ति दीपक की गरमी के सहारे खड़ा रहा, इसलिए उन्होंने इनाम देने से मना कर दिया।
5. बीरबल ने उस व्यक्ति की सहायता कैसे की?
Ans. बीरबल ने बहुत ऊँचे बाँस पर हाँडी लटकाकर और नीचे थोड़ी-सी आग जलाकर यह दिखाया कि जैसे दीपक की गरमी से पानी में खड़ा रहना संभव नहीं, वैसे ही दूर से आग से खिचड़ी पकाना भी असंभव है। इससे बादशाह को अपनी गलती समझ आई और उन्होंने उस व्यक्ति को इनाम दे दिया।
1 thought on “बीरबल की खिचड़ी : पाठ -6”