चतुर गीदड़ : पाठ-8

चतुर गीदड़

(स्थान – तालाब का किनारा)मगरमच्छ – (तालाब की ओर देखते हुए, अपने आप से) तालाब की सारी मछलियाँ तो मैं धीरे-धीरे चट कर गया। अब …

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मित्र को पत्र : पाठ -7

मित्र को पत्र

प्रिय मित्र अभिषेक, नमस्ते ! आशा है कि तुम और परिवार में सभी सकुशल होंगे और गरमी की छुट्टियों का आनंद ले रहे होंगे। मैं …

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बीरबल की खिचड़ी : पाठ -6

बीरबल की खिचड़ी

अकबर के दरबार में अनेक विद्वान् थे। बीरबल उन्हीं में से एक थे। वे अपनी चतुराई के लिए बड़े प्रसिद्ध थे। अपनी चतुराई से वे …

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आम का पेड़: पाठ -5

आम का पेड़

गरमियों के दिन थे। सौरभ के चाचाजी ने अपने बगीचे के एक टोकरी आम भेजे। आम बहुत मीठे थे। सौरभ को आम बहुत अच्छे लगे। …

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बया हमारी चिड़िया रानी : पाठ -4

बया हमारी चिड़िया रानी

बया हमारी चिड़िया रानी! तिनके लाकर महल बनाती,ऊँची डाली पर लटकाती,खेतों से फिर दाना लाती,नदियों से भर लाती पानी। तुझको दूर न जाने देंगे,दानों से …

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कितने पैर ? : पाठ -3

कितने पैर

बच्चे – सुप्रभात अध्यापक जी ! अध्यापक – सुप्रभात बच्चो ! आज हम धरती पर रहने वाले जीवों के पैरों की संख्या की बात करेंगे। …

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चींटी : पाठ -2

चींटी

हर पल चलती जाती चींटी,श्रम का राग सुनाती चींटी। कड़ी धूप हो या हो वर्षा,दाना चुनकर लाती चींटी। सचमुच कैसी कलाकार है,घर को खूब सजाती …

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सीखो : पाठ -1

सीखो

फूलों से नित हँसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से नित, सीखो शीश झुकाना। सीख हवा के झोंकों से लो, कोमल …

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