कबीर की साखियाँ साखियाँ : अध्याय 7
जाति न पूछो साथ की, पूछ लीजिए ज्ञान।मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।1।। आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक ।कह कबीर नहिं …
NCERT , Class 8
जाति न पूछो साथ की, पूछ लीजिए ज्ञान।मोल करो तरवार का, पड़ा रहन दो म्यान।।1।। आवत गारी एक है, उलटत होइ अनेक ।कह कबीर नहिं …
नहीं, यह सबसे कठिन समय नहीं!अभी भी दबा है चिड़िया कीचोंच में तिनकाऔर वह उड़ने की तैयारी में है!अभी भी झरती हुई पत्ती थामने को …
मेरा मन कभी-कभी बैठ जाता है। समाचार पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं। आरोप-प्रत्यारोप का कुछ ऐसा वातावरण …
पक्षी और बादल,ये भगवान के डाकिए हैं,जो एक महादेश सेदूसरे महादेश को जाते हैं।हम तो समझ नहीं पाते हैंमगर उनकी लाई चिट्ठियाँपेड़, पौधे, पानी और …
हम दीवानों की क्या हस्ती,हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले,मस्ती का आलम साथ चला,हम धूल उड़ाते जहाँ चले। आए बनकर उल्लास अभी,आँसू बनकर बह चले …
हम पाँच मित्रों ने तय किया कि शाम चार बजे की बस से चलें। पन्ना से इसी कंपनी की बस सतना के लिए घंटे भर …
सारे गाँव में बदलू मुझे सबसे अच्छा आदमी लगता था क्योंकि वह मुझे सुंदर-सुंदर लाख की गोलियाँ बनाकर देता था। मुझे अपने मामा के गाँव …