जलवायु : अध्याय 4

जलवायु

पिछले दो अध्यायों में, आप स्थलाकृतियों एवं अपवाह के हमारे देश की बारे में पढ़ चुके हैं। किसी क्षेत्र के प्राकृतिक पर्यावरण को समझने के …

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अपवाह : अध्याय 3

अपवाह

अपवाह शब्द एक क्षेत्र के नदी तंत्र की व्याख्या अ करता है। भारत के भौतिक मानचित्र को देखिए। आप पाएँगे कि विभिन्न दिशाओं से छोटी-छोटी …

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भारत – आकार और स्थिति  :  अध्याय 1

भारत - आकार और स्थिति

भारत विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। पिछले पाँच दशकों में भारत ने सामाजिक-आर्थिक रूप से बहुमुखी उन्नति की है। कृषि, उद्योग, तकनीकी …

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निर्धनता – एक चुनौती : अध्याय 3

निर्धनता - एक चुनौती

अवलोकन इस अध्याय में निर्धनता के विषय में चर्चा की गई है, जो स्वतंत्र भारत के सम्मुख एक सर्वाधिक कठिन चुनौती है। उदाहरणों द्वारा इस …

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संसाधन के रूप में लोग : अध्याय  2

संसाधन के रूप में लोग

अवलोकन ‘संसाधन के रूप में लोग’ अध्याय जनसंख्या की, अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में, व्याख्या करने का प्रयास है। जब शिक्षा, …

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पालमपुर गाँव की कहानी : अध्याय 1

पालमपुर गाँव की कहानी

अवलोकन इस कहानी का उद्देश्य उत्पादन से संबंधित कुछ मूल विचारों से परिचय कराना है और ऐसा हम एक काल्पनिक गाँव-पालमपुर की कहानी के माध्यम …

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लोकतांत्रिक अधिकार : अध्याय 5

लोकतांत्रिक अधिकार

भूमिका पिछले दो अध्यायों में हमने लोकतांत्रिक सरकार के दो बुनियादी तत्यों की चर्चा की है। अध्याय 3 में हमने देखा कि किस तरह लोकतांत्रिक …

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संस्थाओं का कामकाज : अध्याय 4

संस्थाओं का कामकाज

परिचय लोकतंत्र का मतलब लोगों द्वारा अपने शासकों का चुनाव करना भर नहीं है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में शासकों को भी कुछ कायदे कानूनों को मानना …

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