राज्य मानवाधिकार आयोग : 51
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 न केवल केंद्र में अपितु राज्यों में भी मानव अधिकार आयोगों की स्थापना का प्रावधान करता है।’ अब तक देश के तेईस …
संविधान – Constitution
मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 न केवल केंद्र में अपितु राज्यों में भी मानव अधिकार आयोगों की स्थापना का प्रावधान करता है।’ अब तक देश के तेईस …
आयोग की स्थापना राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, एक सांविधिक (संवैधानिक नहीं) निकाय है। इसका गठन संसद में पारित अधिनियम के अंतर्गत हुआ था, जिसका नाम था, …
राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) का गठन अगस्त, 1952 में किया गया था। इसका गठन प्रथम पंचवर्षीय योजना (प्रारूप रूपरेखा) में भारत सरकार की कार्यकारिणी की सिफारिश के …
1950 में भारत सरकार (यानि केंद्रीय मंत्रिमंडल) के कार्यकारी प्रस्ताव के आधार पर योजना आयोग का गठन किया गया था। इसका गठन 1946 में के.सी. नियोगी की अध्यक्षता में …
संविधान (अनुच्छेद 165) में राज्य के महाधिवक्ता की व्यवस्था की गई है।’ वह राज्य का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। इस तरह वह भारत के महान्यायवादी …
संविधान में (अनुच्छेद 76) भारत के महान्यायवादी’ के पद की व्यवस्था की गई है। वह देश का सर्वोच्च कानून अधिकारी होता है। नियुक्ति एवं कार्यकाल …
भारत के संविधान (अनुच्छेद 148) में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के स्वतंत्र पद की व्यवस्था की गई है, जिसे संक्षेप में ‘महालेखा परीक्षक’ कहा गया है। …
संवैधानिक उपबंध मूल रूप में भारत के संविधान में भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिये विशेष अधिकारी के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है। बाद में …
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरह राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भी एक संवैधानिक निकाय है। इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 338-क’ के द्वारा किया गया है।’ …
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग इस संदर्भ में एक संवैधानिक निकाय है कि इसका गठन, संविधान के अनुच्छेद 338 के द्वारा किया गया है। दूसरी ओर, अन्य राष्ट्रीय …