पर्वत प्रदेश में पावस : अध्याय 4

पर्वत प्रदेश में पावस

पावस ऋतु थी, पर्वत प्रदेश,पल-पल परिवर्तित प्रकृति-वेश। मेखलाकार पर्वत अपारअपने सहस्र दृग-सुमन फाड़,अवलोक रहा है बार-बारनीचे जल में निज महाकार, जिसके चरणों में पला तालदर्पण-सा …

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मनुष्यता : अध्याय 3

मनुष्यता

पाठ प्रवेश प्रकृति के अन्य प्राणियों की तुलना में मनुष्य में चेतना शक्ति की प्रबलता होती ही है। वह अपने ही नहीं औरों के हिताहित …

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पद : अध्याय 2

पद

पाठ प्रवेश कहते हैं पारिवारिक संतापों से मुक्ति पाने के लिए मीरा घर-द्वार छोड़कर वृंदावन में जा बसी थीं और कृष्णमय हो गई थीं। इनकी …

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साखी :  अध्याय 1

साखी

पाठ प्रवेश ‘साखी’ शब्द ‘साक्षी’ शब्द का ही तद्भव रूप है। साक्षी शब्द साक्ष्य से बना है जिसका अर्थ होता है-प्रत्यक्ष ज्ञान। यह प्रत्यक्ष ज्ञान …

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राजनितिक दल : अध्याय 4

राजनितिक दल

परिचय लोकतंत्र की अपनी इस यात्रा में हमने कई बार राजनीतिक दलों की चर्चा की है। कक्षा 9 में हमने देखा था कि लोकतांत्रिक शासन …

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संघवाद : अध्याय 2

संघवाद

परिचय पिछले अध्याय में हमने गौर किया था कि शासन के विभिन्न स्तरों के बीच सत्ता का उर्ध्वाधर बँटवारा आधुनिक लोकतंत्रों में सत्ता की साझेदारी …

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उपभोक्ता अधिकार : अध्याय 5

उपभोक्ता अधिकार

उपरोक्त संग्रह उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के निर्णयों के कुछ समाचारों के नमूने हैं। इन मामलों में लोग इन संगठनों में क्यों गये? ये निर्णय …

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